रायपुर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में मोटा अनाज यानी मिलेट्स की पैदावार को लेकर बड़ा ऐलान किया है. इससे छत्तीसगढ़ को बड़ा फायदा होगा. छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी जैसे मिलेट्स का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया बल्कि समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है. इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा बढ़ रहा है और उत्पादन भी बढ़ रहा है.किसान मलय कहते हैं '' मिलेट्स को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, इससे किसानों को फायदा मिल रहा है. जितनी ज्यादा जानकारी मिलेगी, किसानों को उतना ही फायदा मिलेगा.''
मिलेट्स पर समर्थन मूल्य घोषित करने वाला पहला राज्य: छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया, बल्कि समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है. छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी की खेती का रकबा अब दोगुना से ज्यादा हो गया है. इसकी खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर हो गया है. मिलेट की उत्पादकता भी बढ़ी है. इसे प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानी दोगुना किए जाने का टारगेट है. किसान कुंदन मिंज कहते हैं कि ''पानी की सुविधा हो जाए तो और भी किसान मिलेट्स की खेती करेंगे.''
कांकेर में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट: छत्तीसगढ़ में राज्य लघु वनोपज संघ ने साल 2021-22 में 5,273 टन मिलेट समर्थन मूल्य पर 16.03 करोड़ रुपये में खरीदा है. साल 2022-23 में 13,005 टन मिलेट 39.60 करोड़ रुपये समर्थन मूल्य पर खरीदी का टारगेट है. कांकेर जिले के नथिया नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया गया है.
छत्तीसगढ़ में मिलेट्स मिशन: छत्तीसगढ़ में मिलेट्स मिशन की शुरुआत 1 दिसंबर 2021 को हुई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों और लघु धान्य फसलों की पैदावार बढ़ाने के साथ ही इनकी खरीदी की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करने और प्रोसेसिंग कर शहर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मिशन मिलेट शुरू किया गया है.
मिलेट रिसर्च के लिए हैदराबाद से एमओयू: छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है. छत्तीसगढ़ के 14 जिलों को इस मिशन में शामिल किया गया है. इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू किया गया है.
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"मिलेट्स मिशन की शुरुआत छत्तीसगढ़ से हुई": कृषि मंत्री रविंद्र चौबे कहते हैं कि ''जिस मिलेट्स मिशन को छत्तीसगढ़ में शुरू किया गया है,उसके लिए केंद्र सरकार ने अब अतिरिक्त राशि की घोषणा की है. हालांकि हम पहले से कोदो, कुटकी, रागी जैसी फसलों का मिनिमम सपोर्ट प्राइज घोषित कर खरीदी कर रहे हैं. हालांकि बजट में केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में कोई बात नहीं कही.''
भाजपा ने बजट को बताया दूरदर्शिता का उदाहरण: छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि '' मिलेट मिशन से हमारे जनजातीय समाज को विशेष लाभ मिलेगा.'' वहीं भाजपा सांसद सरोज पांडे ने कहा कि ''आने वाला भविष्य इन्हीं अनाजों का है, जिसकी तैयारी भारत आज से कर रहा है ताकि इसके उत्पादन में वृद्धि हो, जिससे न सिर्फ देश को इसका लाभ मिल सके बल्कि विदेशों को निर्यात कर भविष्य में विदेशी मुद्रा भी अर्जित की जा सके. दूरदर्शिता का यह एक अनुपम उदहारण है.''
"बजट में छत्तीसगढ़ मॉडल की झलक":कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील शुक्ला ने कहा कि ''मोदी सरकार के बजट में छत्तीसगढ़ मॉडल की झलक साफ दिख रही है. मोदी सरकार ने मिलेट्स संस्थान के गठन का निर्णय लिया है जबकि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने पहले से ही मिलेट मिशन का गठन किया है.''
रायगढ़ के मिलेट्स कैफे की पीएम मोदी ने की तारीफ: छत्तीसगढ़ का पहला मिलेट्स कैफे रायगढ़ में मई 2022 में खोला गया. हाल ही में 29 जनवरी 2023 को पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में रायगढ़ के इस मिलेट कैफे की प्रशंसा भी की है. प्रधानमंत्री मोदी ने बिलासपुर के संजीव शर्मा का जिक्र भी मन की बात में किया था. पीएम मोदी ने बताया कि '' बिलासपुर के संजीव शर्मा के एफपीओ से 12 राज्यों के किसान जुड़े हैं. बिलासपुर का यह एफपीओ 8 प्रकार के मिलेट्स का आटा और उसके व्यंजन बना रहा है.''
कृषि विश्वविद्यालय में मिलेट्स कैफे की शुरुआत: छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने भी अपनी स्थापना दिवस के मौके पर 20 जनवरी को रायपुर में मिलेट्स कैफे की शुरुआत की है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सीनियर साइंटिस्ट डॉ गौतम रॉय ने बताया " अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 33वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मिलेट्स कैफे की शुरुआत की गई. लघु धान्य फसल कोदो ,कुटकी, रागी पर फोकस करते हुए किसानों को और कंज्यूमर को जागरूक करने का काम कर रहे हैं.''