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बंद पड़े पत्थर खदानों में होगा मछली पालन, मछुआ समितियों को होगा फायदा

मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और मछुआ सहकारी समितियों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए बंद पड़े पत्थर खदानों में मछली पालन करने की शुरुआत की गई है.

Fish farming will be done in closed stone mines
छत्तीसगढ़ मत्स्य पालन में बढ़ोत्तरी
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Published : Apr 21, 2020, 9:45 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और मछुआ सहकारी समितियों की आय में वृद्धि के लिए बंद पड़ी पत्थर खदानों में मछली पालन की शुरुआत की गई है. मछली पालन विभाग ने इसकी कार्ययोजना को रूप देते हुए इसकी शुरुआत भी राजनांदगांव के मुढ़ीपार ग्राम पंचायत के गांव मनगटा से कर दी है.

Fish farming will be done in closed stone mines
बंद पड़े पत्थर खदानों में होगा मछली पालन

मनगटा गांव में पत्थर की कई खदानें हैं, जो सालों से बंद पड़ी हैं. इस गांव की तीन खदानों को जिसका कुल रकबा लगभग 3 हेक्टेयर है. पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति बाबू नवागांव को 10 साल पट्टे पर मछली पालन के लिए दे दिया गया है. मछली विभाग ने इन खदानों में मत्स्य बीज संचयन और मत्स्याखेट के लिए समिति को जाल भी उपलब्ध कराया गया है.

मत्स्य पालन में होगी बढ़ोतरी

संचालक मछली पालन ने बताया कि आने वाले दिनों में डीएमएफ और विभाग के जरिए इन खदानों में केज कल्चर की शुरूआत की जाएगी. मत्स्य पालन केज कल्चर से मछली उत्पादन और समितियों की आय में बढ़ोतरी होगी. इन खदानों के आसपास फलदार और छायादार पौधों का भी रोपण किया जाएगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और मछुआ सहकारी समितियों की आय में वृद्धि के लिए बंद पड़ी पत्थर खदानों में मछली पालन की शुरुआत की गई है. मछली पालन विभाग ने इसकी कार्ययोजना को रूप देते हुए इसकी शुरुआत भी राजनांदगांव के मुढ़ीपार ग्राम पंचायत के गांव मनगटा से कर दी है.

Fish farming will be done in closed stone mines
बंद पड़े पत्थर खदानों में होगा मछली पालन

मनगटा गांव में पत्थर की कई खदानें हैं, जो सालों से बंद पड़ी हैं. इस गांव की तीन खदानों को जिसका कुल रकबा लगभग 3 हेक्टेयर है. पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति बाबू नवागांव को 10 साल पट्टे पर मछली पालन के लिए दे दिया गया है. मछली विभाग ने इन खदानों में मत्स्य बीज संचयन और मत्स्याखेट के लिए समिति को जाल भी उपलब्ध कराया गया है.

मत्स्य पालन में होगी बढ़ोतरी

संचालक मछली पालन ने बताया कि आने वाले दिनों में डीएमएफ और विभाग के जरिए इन खदानों में केज कल्चर की शुरूआत की जाएगी. मत्स्य पालन केज कल्चर से मछली उत्पादन और समितियों की आय में बढ़ोतरी होगी. इन खदानों के आसपास फलदार और छायादार पौधों का भी रोपण किया जाएगा.

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