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बाजारों में 40 फीसदी तक महंगे हुए पटाखे, दीपावली पर आतिशबाजी की चमक पड़ेगी फीकी

दीपावली त्योहार नजदीक है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के बाजारों में पटाखे महंगे हो गए हैं. दिवाली पर आतिशबाजी की चमक फीकी पड़ सकती है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

पटाखा
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Published : Oct 10, 2022, 9:03 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 12:09 PM IST

रायपुर: दीपावली का त्योहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. लेकिन दिवाली के त्योहार के दिन पटाखों और आतिशबाजियों की चमक फीकी पड़ने वाली है. प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अदालत और सरकार ने पटाखों के निर्माण के कई तरह के केमिकल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इस वजह से पटाखों के कच्चे माल की कीमत बाजारों में बढ़ गई है. जिसका असर पटाखों पर देखने को मिल रहा है. पटाखे बाजार में 40 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं.

बाजारों में 40 फीसदी तक महंगे हुए पटाखे, प्रोडक्शन हुआ कम: पूरे देश में एक्सपोर्ट होने वाले 95 फीसद पटाखे तमिलनाडु के सिवाकासी में बनाए जाते है. लेकिन केमिकल के इस्तेमाल पर रोक लगने से इस बार प्रोडक्शन काफी कम हो गया है. प्रोडक्शन कम होने से इसका असर बाजारों में पटाखों के सप्लाई पर नजर आ रहा है. हालांकि पटाखा होलसेल और रिटेलर्स उम्मीद है कि पिछले 2 साल कोविड से उनकी कमाई नहीं हो पाई थी, लेकिन इस बार उनकी अच्छी कमाई होगी. वही कुछ होलसेल और रिटेलर्स को महंगाई और बढ़े हुए दाम के वजह से नुकसान का डर भी उन्हें सता रहा है.


यह भी पढ़ें: आदिवासियों के आंदोलन की कमान युवाओं ने संभाली, सोशल मीडिया को बनाया हथियार


पिछले साल के मुकाबले 25% से 30% पटाखों के दाम में हुई वृद्धि: होलसेलर मोहम्मद आसिफ ने बताया " आतिशबाजी और बड़े पटाखों का चलन अभी काफी ज्यादा है. लेकिन अनार, चकरी, फुलझड़ी की डिमांड बाजार में हमेशा रहता है. अनार, चकरिया, फुलझड़ी सदाबहार आइटम रहते हैं और इसके बिना दिवाली अधूरी रहती है. पिछले कुछ सालों में आतिशबाजी वाले पटाखे ज्यादा डिमांड में है. इस बार 25% से 30% पटाखों के दाम में वृद्धि हुई है. इसके पीछे कारण जो भी पता चल रहा वह यह है कि माल बहुत कम बना है और दिवाली भी इस बार 15 दिन पहले आ गई है."

बाजारों में 40 फीसदी तक महंगी हुए पटाखे



पटाखे महंगे होने से ग्राहकों की खरीदी हुई कम: होलसेलर गोपी अग्रवाल ने बताया " पिछले साल की अपेक्षा इस बार पटाखों का दाम 35 फीसदी कम से कम बड़ा है. महंगाई का असर पटाखा के व्यापार पर देखने को मिल रहा है. ग्राहकों का रिस्पांस तो ठीक मिल रहा है लेकिन पिछले साल की तुलना में जो पटाखे महंगे हुए हैं. ग्राहक उस हिसाब से कम खरीदी कर रहे हैं. अभी तक होलसेल का बाजार अच्छा है. वही चिल्लर बाजार अच्छे रहने की उम्मीद है."



पटाखे का 500 रुपए का डब्बा 700 का हुआ: रिटेलर विश्वजीत पाल ने बताया " बाजार में कच्चे माल की कीमत बढ़ गई है. इस वजह से पटाखा भी इस बार महंगा हो गया है. अनार का पैकेट जो पिछले साल 50-75 का आ रहा था. वह इस बार 100 रुपये हो गया है. जो पटाखे पिछले बार 500 रुपए पैकेट मिल रहे थे. वह अब 700 हो गए हैं. ग्राहकों का रिस्पांस भी इस वजह से थोड़ा कम हो गया है. जो पहले 3 हजार और 4 हजार के पटाखे ले जाते थे वह अब कम पटाखे ले जा रहे हैं.

रायपुर: दीपावली का त्योहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. लेकिन दिवाली के त्योहार के दिन पटाखों और आतिशबाजियों की चमक फीकी पड़ने वाली है. प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अदालत और सरकार ने पटाखों के निर्माण के कई तरह के केमिकल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इस वजह से पटाखों के कच्चे माल की कीमत बाजारों में बढ़ गई है. जिसका असर पटाखों पर देखने को मिल रहा है. पटाखे बाजार में 40 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं.

बाजारों में 40 फीसदी तक महंगे हुए पटाखे, प्रोडक्शन हुआ कम: पूरे देश में एक्सपोर्ट होने वाले 95 फीसद पटाखे तमिलनाडु के सिवाकासी में बनाए जाते है. लेकिन केमिकल के इस्तेमाल पर रोक लगने से इस बार प्रोडक्शन काफी कम हो गया है. प्रोडक्शन कम होने से इसका असर बाजारों में पटाखों के सप्लाई पर नजर आ रहा है. हालांकि पटाखा होलसेल और रिटेलर्स उम्मीद है कि पिछले 2 साल कोविड से उनकी कमाई नहीं हो पाई थी, लेकिन इस बार उनकी अच्छी कमाई होगी. वही कुछ होलसेल और रिटेलर्स को महंगाई और बढ़े हुए दाम के वजह से नुकसान का डर भी उन्हें सता रहा है.


यह भी पढ़ें: आदिवासियों के आंदोलन की कमान युवाओं ने संभाली, सोशल मीडिया को बनाया हथियार


पिछले साल के मुकाबले 25% से 30% पटाखों के दाम में हुई वृद्धि: होलसेलर मोहम्मद आसिफ ने बताया " आतिशबाजी और बड़े पटाखों का चलन अभी काफी ज्यादा है. लेकिन अनार, चकरी, फुलझड़ी की डिमांड बाजार में हमेशा रहता है. अनार, चकरिया, फुलझड़ी सदाबहार आइटम रहते हैं और इसके बिना दिवाली अधूरी रहती है. पिछले कुछ सालों में आतिशबाजी वाले पटाखे ज्यादा डिमांड में है. इस बार 25% से 30% पटाखों के दाम में वृद्धि हुई है. इसके पीछे कारण जो भी पता चल रहा वह यह है कि माल बहुत कम बना है और दिवाली भी इस बार 15 दिन पहले आ गई है."

बाजारों में 40 फीसदी तक महंगी हुए पटाखे



पटाखे महंगे होने से ग्राहकों की खरीदी हुई कम: होलसेलर गोपी अग्रवाल ने बताया " पिछले साल की अपेक्षा इस बार पटाखों का दाम 35 फीसदी कम से कम बड़ा है. महंगाई का असर पटाखा के व्यापार पर देखने को मिल रहा है. ग्राहकों का रिस्पांस तो ठीक मिल रहा है लेकिन पिछले साल की तुलना में जो पटाखे महंगे हुए हैं. ग्राहक उस हिसाब से कम खरीदी कर रहे हैं. अभी तक होलसेल का बाजार अच्छा है. वही चिल्लर बाजार अच्छे रहने की उम्मीद है."



पटाखे का 500 रुपए का डब्बा 700 का हुआ: रिटेलर विश्वजीत पाल ने बताया " बाजार में कच्चे माल की कीमत बढ़ गई है. इस वजह से पटाखा भी इस बार महंगा हो गया है. अनार का पैकेट जो पिछले साल 50-75 का आ रहा था. वह इस बार 100 रुपये हो गया है. जो पटाखे पिछले बार 500 रुपए पैकेट मिल रहे थे. वह अब 700 हो गए हैं. ग्राहकों का रिस्पांस भी इस वजह से थोड़ा कम हो गया है. जो पहले 3 हजार और 4 हजार के पटाखे ले जाते थे वह अब कम पटाखे ले जा रहे हैं.

Last Updated : Oct 11, 2022, 12:09 PM IST
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