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नगरीय निकाय चुनाव छत्तीसगढ़ में पश्चिम बंगाल की तरह कोरोना को दे रहा है दावत !

छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या ((Corona infected increasing continuously in Chhattisgarh) ) और इस बीच नगरीय चुनाव ((chhattisgarh urban body election 2021) ) से कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है. इसको लेकर डॉक्टर भी चिंता जता रहे हैं. हालांकि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि कोरोना गाइडलाइन के तहत चुनाव संपन्न कराने की बात कह रहे हैं.

The leaders talked about fighting the elections by following the guidelines
नेताओं ने गाइडलाइन का पालन करते हुए चुनाव लड़ने की बात कही
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Published : Dec 5, 2021, 9:52 PM IST

Updated : Dec 5, 2021, 11:03 PM IST

रायपुर : एक बार फिर देश सहित छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों की (Corona infected increasing continuously in Chhattisgarh) संख्या बढ़ने लगी है. कई राज्यों में तो नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसी स्थिति भी निर्मित हो गई है. छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां भी दिनोंदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच नगरीय निकाय चुनाव का ऐलान कहीं न कहीं प्रदेश में आने वाले समय में कोरोना को दावत देने वाला न बन जाए. पश्चिम बंगाल का उदाहरण लिया जाए तो वहां हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी तेजी से बड़ी थी, जिससे हड़कंप मच गया था. अब वही स्थिति आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में भी निर्मित हो सकती है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में शनिवार को 44 कोरोना संक्रमित मिले थे, वहीं एक्टिव केस की संख्या 326 थी.

निकाय चुनाव में कोरोना का खतरा
चुनाव के दौरान नहीं के बराबर होता है कोरोना गाइडलाइन का पालन

नगरीय निकाय चुनाव (chhattisgarh urban body election 2021) के दौरान कई रैलियां और आमसभाएं भी होंगी. चुनावी कार्यक्रम, मतदान और मतगणना होंगे. इस दौरान लाख कोशिशों के बावजूद कोरोना गाइडलाइन का पालन कम होता है या यूं कहें कि न के बराबर होता है. कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया तो चुनाव समाप्त होते-होते प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कई गुना इजाफा होने की संभावना है. जिसे संभालना कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग के लिए एक टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.

कोरोना संक्रमण देखते हुए काफी एहतियात बरतने की जरूरत

इस बात को डॉक्टर भी मानते हैं. इसको लेकर डॉ राकेश गुप्ता का कहना है कि वर्तमान में जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए काफी एहतियात बरतने की जरूरत है. साथ ही कोरोना के लिए जारी एक गाइडलाइन का पालन भी सख्ती से कराया जाए, इस ओर भी शासन-प्रशासन को ध्यान देना जरूरी है. राकेश गुप्ता यह भी मानते हैं कि चुनाव लोकतंत्र के लिए जरूरी है, लेकिन चुनाव के दौरान कोरोना गाइडलाइन का किस तरह से पालन हो यह देखना भी शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का काम है.

कोरोना गाइडलाइन-प्रोटोकॉल का पालन कर भाजपा लड़ेगी चुनाव : श्रीवास

वहीं भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) का कहना है कि करीब 1 साल से ज्यादा समय बीत चुका, इस दौरान 15 निकाय की कार्य अवधि समाप्त हो चुकी थी. लोग विकास से वंचित थे. निर्वाचन आयोग ने सभी दल के साथ बैठक कर चुनाव कराने का निर्णय लिया है, लेकिन इस बीच कोरोना का नया वैरिएंट लोगों को चौंका रहा है. कोरोना के लिए जारी सभी गाइडलाइन और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भाजपा चुनाव लड़ेगी. कोरोना से सुरक्षा के लिए जो भी निर्देश दिए जाएंगे उसका पालन किया जाएगा.

रखा जा रहा कोविड-19 मापदंडों का ख्याल

इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर (State spokesperson Dhananjay Singh Thakur) का कहना है कि निकाय चुनाव के दौरान कोविड-19 के मापदंडों का ख्याल रखा जा रहा है. भीड़ इकट्ठी नहीं की जा रही है. मास्क लगाए जा रहे हैं. आम जनता से भी अपील है कि वे कोरोना रोकने के जो भी मापदंड हैं, उसका पालन करें.

पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान बढ़े थे 900 प्रतिशत आंकड़े

बता दें कि फरवरी 2021 के आखिरी हफ्ते में जब चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान किया था, तब पश्चिम बंगाल में कोरोना के रोजाना 200 से कम पॉजीटिव मामले आ रहे थे. आखिरी चरण तक पहुंचते-पहुंचते रोजाना आने वाले आंकड़े करीब 900 प्रतिशत बढ़कर करीब 17500 के ऊपर पहुंच गया था. 2 मार्च 2021 को पश्चिम बंगाल में कोरोना पर इतना नियंत्रण हो चुका था कि एक भी व्यक्ति की इससे मौत दर्ज नहीं की गई. ठीक दो महीने बाद मतगणना के दिन 2 मई 2021 को कोरोना से मरने वालों की तादाद 100 पार कर गई थी.
पश्चिम बंगाल चुनाव और उसके बाद बढ़े करोना को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कहीं नगरीय निकाय चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ की भी यही स्थिति न हो जाए. ऐसे में सरकार के लिए नगरीय निकाय चुनाव कराना और लोगों को कोरोना से बचाना एक बड़ी चुनौती होगी. अब देखने वाली बात है कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है.

रायपुर : एक बार फिर देश सहित छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों की (Corona infected increasing continuously in Chhattisgarh) संख्या बढ़ने लगी है. कई राज्यों में तो नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसी स्थिति भी निर्मित हो गई है. छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां भी दिनोंदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच नगरीय निकाय चुनाव का ऐलान कहीं न कहीं प्रदेश में आने वाले समय में कोरोना को दावत देने वाला न बन जाए. पश्चिम बंगाल का उदाहरण लिया जाए तो वहां हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी तेजी से बड़ी थी, जिससे हड़कंप मच गया था. अब वही स्थिति आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में भी निर्मित हो सकती है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में शनिवार को 44 कोरोना संक्रमित मिले थे, वहीं एक्टिव केस की संख्या 326 थी.

निकाय चुनाव में कोरोना का खतरा
चुनाव के दौरान नहीं के बराबर होता है कोरोना गाइडलाइन का पालन

नगरीय निकाय चुनाव (chhattisgarh urban body election 2021) के दौरान कई रैलियां और आमसभाएं भी होंगी. चुनावी कार्यक्रम, मतदान और मतगणना होंगे. इस दौरान लाख कोशिशों के बावजूद कोरोना गाइडलाइन का पालन कम होता है या यूं कहें कि न के बराबर होता है. कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया तो चुनाव समाप्त होते-होते प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कई गुना इजाफा होने की संभावना है. जिसे संभालना कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग के लिए एक टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.

कोरोना संक्रमण देखते हुए काफी एहतियात बरतने की जरूरत

इस बात को डॉक्टर भी मानते हैं. इसको लेकर डॉ राकेश गुप्ता का कहना है कि वर्तमान में जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए काफी एहतियात बरतने की जरूरत है. साथ ही कोरोना के लिए जारी एक गाइडलाइन का पालन भी सख्ती से कराया जाए, इस ओर भी शासन-प्रशासन को ध्यान देना जरूरी है. राकेश गुप्ता यह भी मानते हैं कि चुनाव लोकतंत्र के लिए जरूरी है, लेकिन चुनाव के दौरान कोरोना गाइडलाइन का किस तरह से पालन हो यह देखना भी शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का काम है.

कोरोना गाइडलाइन-प्रोटोकॉल का पालन कर भाजपा लड़ेगी चुनाव : श्रीवास

वहीं भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) का कहना है कि करीब 1 साल से ज्यादा समय बीत चुका, इस दौरान 15 निकाय की कार्य अवधि समाप्त हो चुकी थी. लोग विकास से वंचित थे. निर्वाचन आयोग ने सभी दल के साथ बैठक कर चुनाव कराने का निर्णय लिया है, लेकिन इस बीच कोरोना का नया वैरिएंट लोगों को चौंका रहा है. कोरोना के लिए जारी सभी गाइडलाइन और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भाजपा चुनाव लड़ेगी. कोरोना से सुरक्षा के लिए जो भी निर्देश दिए जाएंगे उसका पालन किया जाएगा.

रखा जा रहा कोविड-19 मापदंडों का ख्याल

इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर (State spokesperson Dhananjay Singh Thakur) का कहना है कि निकाय चुनाव के दौरान कोविड-19 के मापदंडों का ख्याल रखा जा रहा है. भीड़ इकट्ठी नहीं की जा रही है. मास्क लगाए जा रहे हैं. आम जनता से भी अपील है कि वे कोरोना रोकने के जो भी मापदंड हैं, उसका पालन करें.

पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान बढ़े थे 900 प्रतिशत आंकड़े

बता दें कि फरवरी 2021 के आखिरी हफ्ते में जब चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान किया था, तब पश्चिम बंगाल में कोरोना के रोजाना 200 से कम पॉजीटिव मामले आ रहे थे. आखिरी चरण तक पहुंचते-पहुंचते रोजाना आने वाले आंकड़े करीब 900 प्रतिशत बढ़कर करीब 17500 के ऊपर पहुंच गया था. 2 मार्च 2021 को पश्चिम बंगाल में कोरोना पर इतना नियंत्रण हो चुका था कि एक भी व्यक्ति की इससे मौत दर्ज नहीं की गई. ठीक दो महीने बाद मतगणना के दिन 2 मई 2021 को कोरोना से मरने वालों की तादाद 100 पार कर गई थी.
पश्चिम बंगाल चुनाव और उसके बाद बढ़े करोना को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कहीं नगरीय निकाय चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ की भी यही स्थिति न हो जाए. ऐसे में सरकार के लिए नगरीय निकाय चुनाव कराना और लोगों को कोरोना से बचाना एक बड़ी चुनौती होगी. अब देखने वाली बात है कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है.

Last Updated : Dec 5, 2021, 11:03 PM IST
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