दुर्ग: दुर्ग जिले में अब सभी वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाना पड़ेगा. इसके लिए परिवहन विभाग ने 4 महीने का समय दिया है.इसके लिए दोपहिया एवं चौपहिया वाहनों के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है. यह शुल्क वाहन मालिकों को देना होगा. आरटीओ अधिकारी एसएल लकड़ा ने कहा कि यह नंबर प्लेट बहुत सुरक्षित है.सड़क हादसों को देखते हुए वाहनों की रफ्तार और ट्रैफिक नियमों को मजबूत बनाने के लिए यह कवायद की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 19 नवंबर 2024 से हाई सिक्योरिटी नबर प्लेट को अनिवार्य किया है. हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट उन वाहन मालिकों को लगाना है, जो 1 अप्रेल 2019 के पूर्व की गाड़ियों को चला रहे हैं.
कैसा है हाई सिक्योरिटी प्लेट ? : आरटीओ अधिकारी एसएल लकड़ा ने बताया कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगने से ट्रैफिक पुलिस के लिए काफी सहुलियत होगी. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले पकड़े जाएंगे. उनके खिलाफ चालान करना आसान होगा. क्योंकि इस प्लेट में एकीकृत फॉन्ट और स्टाइल होती है, जिसे बेहतर तरीके से समझ आएगा. हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट एक एल्यूमीनियम निर्मित नंबर प्लेट है, जो वाहन के सामने और पीछे में लगाई जाती है. इसके प्लेट के बाएं कोने में एक नीले रंग का क्रोमियम आधारित अशोक चक्र का होलेग्राम होता है. इसके निचले भाग बाएं कोने में एक यूनिक लेजर ब्रांडेड 10 अंक का स्थानीय पहचान दिया जाता है.
सिक्योरिटी प्लेट में पंजीयन के अंकों और अक्षरों पर एक हॉट स्टैप फिल्म लगाई जाती है. उसके साथ ही नीले रंग में आईएनडी लिखा होता है.हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को वाहन के डिजिटल पंजीकरण के बाद ही जारी किया जाएगा. यह वाहन से जुड़ा होगा. इस प्लेट को एक वाहन के बाद दूसरे वाहन में प्रयोग नहीं कर सकेंगे. इससे वाहन चोरी होने पर नबर प्लेट को बदलकर वाहन उपयोग नहीं कर पाएंगे - एसएल लकड़ा, RTO
गाड़ी चोरी होने पर क्या होगा : जैसे ही नंबर प्लेट को खोलेंगे, उसका हिंज टूट जाएगा.इसके अलावा इसकी डिजाइन ऐसी की गई है ताकि नबर प्लेट और वाहनों का दुरुपयोग नहीं किया जा सके. इससे वाहनों की चोरी रूकेगी और चोरी हुई तो आसानी से पकड़ में आ जाएगी. वहीं 1 अप्रेल 2019 के बाद जो भी वाहन खरीदे गए हैं.उसमें कंपनी ने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगा कर दिया है. इसके पूर्व का जिसके पास वाहन है, उनके लिए फीस निर्धारित की गई है. छत्तीसगढ़ को दो जोन में बाटा गया है. इसके लिए दो ही अधिकृत वेंडर है. जिसके यहां हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगेगा.
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