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मानसून के रूठने से बढ़ी सरकार की चिंता, निपटने के लिए ऐसी है तैयारी

छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में इस साल अच्छी बारिश नहीं हुई है जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. वहीं राज्य सरकार भी इस समस्या से चितिंत है.

मंत्री रविंद्र चौबे
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Published : Aug 4, 2019, 8:37 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून ने देर से दस्तक दी. कई इलाकों में तो खूब बारिश हुई जिससे नदी-नाले उफान पर हैं. लेकिन कुछ क्षेत्रों में न के बराबर बारिश हुई है जिससे किसान काफी परेशान हैं. वहीं वाटर लेवल में भी कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई है.

प्रदेश में नहीं हुई अच्छी बारिश

छत्तीसगढ़ में बारिश हुई तो लेकिन प्रदेश में भू-जल स्तर काफी नीचे जा चुका है. 27 में से 7 जिले मुंगेली, कवर्धा, बेमेतरा, राजनादगांव, दुर्ग, रायपुर और बलौदाबाजार में बारिश तो हुई लेकिन केवल नाम मात्र की. बस्तर संभाग के कुछ जिलों को छोड़कर राज्य के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश नहीं हुई है.

वाटर लेवल भी जा चुका है नीचे
सरकार भी इस बात को मानती है कि ये चिंता का विषय है. क्योंकि वाटर लेवल नीचे जाने से जाने से किसानों और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. भूपेश सरकार काफी बैठकों के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि मौजूदा सीज़न में अगर ठीक-ठाक बारिश नहीं हुई तो तुरंत किसानों को राहत के लिए कुछ नई योजनाओं को लाने पर विचार करना होगा.

प्रदेश के कई इलाकों में सूखे के हालात
वहीं किसानों के सामने अल्पवर्षा के हालात से मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगा है. किसान भी मान रहे हैं कि इस साल छत्तीसगढ़ में सूखे जैसे हालात हो रहे हैं. बस्तर की बात छोड़ दें तो बाकी छत्तीसगढ़ में पानी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अल्प वर्षा से किसानों की दिक्कतें बढ़ गई है. इसके राहत दिलाने के लिए सरकार को पहल करने की जरूरत है.

सरकार बना रही कई योजनाएं
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में प्रदेश की प्रमुख नदियों को इन्टरलिंक करके वाटर रिचार्ज करने की योजना भी बनाई है. वही प्रदेश में रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी अनिवार्य किया गया है. लेकिन सवाल यह है कि अगर इंद्रदेव ही मेहरबान न हुए तो इन योजनाओं का क्या होगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून ने देर से दस्तक दी. कई इलाकों में तो खूब बारिश हुई जिससे नदी-नाले उफान पर हैं. लेकिन कुछ क्षेत्रों में न के बराबर बारिश हुई है जिससे किसान काफी परेशान हैं. वहीं वाटर लेवल में भी कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई है.

प्रदेश में नहीं हुई अच्छी बारिश

छत्तीसगढ़ में बारिश हुई तो लेकिन प्रदेश में भू-जल स्तर काफी नीचे जा चुका है. 27 में से 7 जिले मुंगेली, कवर्धा, बेमेतरा, राजनादगांव, दुर्ग, रायपुर और बलौदाबाजार में बारिश तो हुई लेकिन केवल नाम मात्र की. बस्तर संभाग के कुछ जिलों को छोड़कर राज्य के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश नहीं हुई है.

वाटर लेवल भी जा चुका है नीचे
सरकार भी इस बात को मानती है कि ये चिंता का विषय है. क्योंकि वाटर लेवल नीचे जाने से जाने से किसानों और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. भूपेश सरकार काफी बैठकों के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि मौजूदा सीज़न में अगर ठीक-ठाक बारिश नहीं हुई तो तुरंत किसानों को राहत के लिए कुछ नई योजनाओं को लाने पर विचार करना होगा.

प्रदेश के कई इलाकों में सूखे के हालात
वहीं किसानों के सामने अल्पवर्षा के हालात से मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगा है. किसान भी मान रहे हैं कि इस साल छत्तीसगढ़ में सूखे जैसे हालात हो रहे हैं. बस्तर की बात छोड़ दें तो बाकी छत्तीसगढ़ में पानी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अल्प वर्षा से किसानों की दिक्कतें बढ़ गई है. इसके राहत दिलाने के लिए सरकार को पहल करने की जरूरत है.

सरकार बना रही कई योजनाएं
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में प्रदेश की प्रमुख नदियों को इन्टरलिंक करके वाटर रिचार्ज करने की योजना भी बनाई है. वही प्रदेश में रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी अनिवार्य किया गया है. लेकिन सवाल यह है कि अगर इंद्रदेव ही मेहरबान न हुए तो इन योजनाओं का क्या होगा.

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छत्तीसगढ़ में मॉनसून ने देरी से प्रवेश किया लेकिन उसके बाद प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश हुई हालात ये हैं कि प्रदेश में कई क्षेत्रों में वर्षा होने के बाद नदी नालों में पानी आ चुका है ।लेकिन वाटर लेवल अभी तक नहीं बढ़ा है. वहीं छत्तीसगढ़ के करीब 7 जिलों में पानी ना के बराबर ही गिरा है। इससे किसान तो हलाकान है ही लेकिन जिस कारण सरकार को अब चिंता है कि उसे आगे क्या रणनीति अपनानी होगी.
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छत्तीसगढ़ में बारिश हुई तो सूखे नदी नालों में पानी जरूर दिखने लगा लेकिन प्रदेश में भूजल स्तर काफी नीचे जा चुका है। 27 में से 7 जिलों मुंगेली,कवर्धा,बेमेतरा,राजनादगांव, दुर्ग,रायपुर औऱ बलौदाबाजार में पानी गिरा तो सही लेकिन मानो रस्म अदायगी की तरह ही। जबकि बस्तर संभाग के कुछ जिलों को छोड़कर प्रदेश के बाकी जिलों में भी हाल ठीक नही है।
सरकार भी इस बात को मानती है कि यह समय चिंता भरा है ।क्योंकि वाटर लेवल नीचे जाने से आने वाले समय मे किसानों और आम लोगो की मुश्किलें बढ़ सकती है। भूपेश सरकार काफी बैठकों के बाद इस निष्कर्ष पर पहुची है कि मौजूदा सीज़न में अगर ठीक ठाक बारिश नही हुई तो फौरी तौर पर किसानों को राहत के लिए कुछ नई योजनाओं को लाने पर विचार करना होगा।

बाईट- रविन्द्र चौबे,कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री,छत्तीसगढ़

वही किसानों के सामने अल्पवर्षा के हालात से मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगा है। किसान भी मान रहे है कि इस साल छत्तीसगढ़ में सूखे जैसे हालात हो रहे है। बस्तर कल छोड़ दे तो बाकी छत्तीसगढ़ में पानी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अल्प वर्षा से किसानों की दिक्कतें बढ़ गई है। इसके राहत दिलाने के लिए सरकार को पहल करने की जरूरत है।
बाईट- जागेश्वर प्रसाद, किसान नेता व पदाधिकारी संयुक्त किसान मोर्चा

Conclusion:Fvo-

छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में प्रदेश की प्रमुख नदियो को इन्टरलिंक करके वाटर रिचार्ज करने की योजना भी बनाई है। वही प्रदेश में रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी अनिवार्य किया है। लेकिन सवाल यह है कि अगर इंद्रदेव ही मेहरबान न हुए तो इन योजनाओं का क्या होगा।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
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