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केंद्र के खिलाफ किसानों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन, MSP कानून गारंटी की मांग

रायपुर में शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने किसानों की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून गारंटी की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन देने से पहले किसान संगठन के लोगों ने जमकर नारेबाजी की.(Farmers memorandum to President against central)

केंद्र के खिलाफ किसानों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
केंद्र के खिलाफ किसानों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
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Published : Nov 26, 2022, 6:21 PM IST

रायपुर : शनिवार के दिन सड़क पर किसान संगठन नारेबाजी करते हुए रायपुर की सड़कों पर नजर आए. किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून गारंटी चाहिए. इसके लिए वो अपनी आवाज राष्ट्रपति तक भी पहुंचाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा नेता तेजराम विद्रोही ने कहा कि '' आज देशव्यापी आव्हान पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने आए हैं.केंद्र सरकार ने जो वादा खिलाफी की है. अपनी मांगों को लेकर हम यहां पहुंचे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने नवंबर 2021 को 6 लंबित मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. वहीं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सचिव ने 9 दिसंबर 2021 को पत्र लिखकर आंदोलन वापस करने का आग्रह किया था. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस आश्वासन के बाद अपना आंदोलन समाप्त कर दिया. लेकिन आज 1 साल बीत जाने के बाद भी सरकार कोई वादा पूरा नहीं किया गया है. (Farmers memorandum to President against central)

केंद्र के खिलाफ किसानों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग : किसान नेता पारसनाथ साहू ने बताया " हमारी प्रमुख मांग है कि किसानों के फसल की पूरी खरीदी हो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की कानूनी गारंटी लाई जाए ताकि कोई भी किसान को नुकसान ना हो. इसके साथ ही लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलकर हत्या की गई. केंद्र सरकार सरकार बिजली संशोधन विधेयक 2022 लाई है उसे वापस लेना चाहिये.हमारी मांग है कि किसान मोर्चा से चर्चा के बाद ही बिल को संसद में पेश किया जाए. (Farmers demands MSP law guarantee )

ये भी पढ़ें- रायपुर से धमतरी तक फोरलेन का काम युद्धस्तर पर जारी



बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी : किसान नेता नरोत्तम शर्मा ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा , शर्मा ने कहा " आज संविधान दिवस है लेकिन देश में लगातार संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही, सांप्रदायिक फासीवादी पूरे देश में हावी है और लोकतंत्र खतरे में है.केंद्र सरकार लगातार निजी करण का काम कर रही है. कॉर्पोरेट घरानों के लिए केंद्र सरकार ने कारपेट बिछाकर रखा है. हमारी मांग है कि सरकार किसानों के हित में फैसला ले और अपने किए गए वादों को पूरा करें .आने वाले दिनों में अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तो देशव्यापी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.





रायपुर : शनिवार के दिन सड़क पर किसान संगठन नारेबाजी करते हुए रायपुर की सड़कों पर नजर आए. किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून गारंटी चाहिए. इसके लिए वो अपनी आवाज राष्ट्रपति तक भी पहुंचाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा नेता तेजराम विद्रोही ने कहा कि '' आज देशव्यापी आव्हान पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने आए हैं.केंद्र सरकार ने जो वादा खिलाफी की है. अपनी मांगों को लेकर हम यहां पहुंचे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने नवंबर 2021 को 6 लंबित मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. वहीं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सचिव ने 9 दिसंबर 2021 को पत्र लिखकर आंदोलन वापस करने का आग्रह किया था. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस आश्वासन के बाद अपना आंदोलन समाप्त कर दिया. लेकिन आज 1 साल बीत जाने के बाद भी सरकार कोई वादा पूरा नहीं किया गया है. (Farmers memorandum to President against central)

केंद्र के खिलाफ किसानों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग : किसान नेता पारसनाथ साहू ने बताया " हमारी प्रमुख मांग है कि किसानों के फसल की पूरी खरीदी हो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की कानूनी गारंटी लाई जाए ताकि कोई भी किसान को नुकसान ना हो. इसके साथ ही लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलकर हत्या की गई. केंद्र सरकार सरकार बिजली संशोधन विधेयक 2022 लाई है उसे वापस लेना चाहिये.हमारी मांग है कि किसान मोर्चा से चर्चा के बाद ही बिल को संसद में पेश किया जाए. (Farmers demands MSP law guarantee )

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बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी : किसान नेता नरोत्तम शर्मा ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा , शर्मा ने कहा " आज संविधान दिवस है लेकिन देश में लगातार संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही, सांप्रदायिक फासीवादी पूरे देश में हावी है और लोकतंत्र खतरे में है.केंद्र सरकार लगातार निजी करण का काम कर रही है. कॉर्पोरेट घरानों के लिए केंद्र सरकार ने कारपेट बिछाकर रखा है. हमारी मांग है कि सरकार किसानों के हित में फैसला ले और अपने किए गए वादों को पूरा करें .आने वाले दिनों में अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तो देशव्यापी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.





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