रायपुर/हैदराबाद: फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी की शुरुआत 23 फरवरी को सुबह 3.24 बजे से हो रही है और समापन अगले दिन सुबह 1.33 बजे होगा. विनायक चतुर्थीक के दिन भगवान गणेश की पूजा दोपहर से लेकर माध्याह्न के बीच करनी चाहिए. इस लिहाज से सुबह 11.25 बजे से दोपरर 1.43 बजे का समय सबसे उपयुक्त है.
जानिए यह है विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व: वैसे तो यह व्रत हर महीने रखा जाता है. विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी (मनोकामना पूर्ति के आशीर्वाद को वरद कहा जाता है) के रूप में भी माना जाता है. भाद्रपद में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश की जयंती मनाते हैं. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से भक्त की संतान बुद्धिमान बनती है, उसकी स्मरण शक्ति बढ़ती है और उसका मानसिक विकास तेज होता है.
विनायक चतुर्थी की पूजा ऐसे करें:
- सुबह उठकर स्नान ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लें.
- पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर गणेश जी को आसन दें.
- विनायक को पीले फूलों की माला अर्पित करें. धूप, दीप, नैवेद्य, अक्षत और दूर्वा अर्पित करें.
- मोदक और लड्डू का भोग लगाएं और व्रत कथा पढ़कर विनायक की आरती करें.
- चंद्रमा को अर्घ्य देकर दान पुण्य करने के बाद अपने व्रत का पारण करें.
CM Baghel worshiped on Mahashivaratri राजिम माघी पुन्नी मेले का समापन आज,सीएम भूपेश होंगे शामिल
शत्रुओं से छुटाकरे के लिए इन मंत्रों का करें जाप:
- ऊं गं गमपतये नम:
- वक्रतुण्डाय हुं
- सिद्ध लक्ष्मी मनोरहप्रियाय नम:
- ऊं मेघोत्काय स्वाहा
- ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गमगतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा
- ऊं नां हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय निवारय स्वाहा
विनायक चतुर्थी व्रत के ये हैं उपाय:
- इस दिन व्रत रखना चाहिए, लेकिन जो लोग व्रत नहीं रख पाते वे अपने सामर्थ्य के मुताबिक गरीबों को दान करें.
- भगवान गणेश को लड्डू और गुड़ का प्रसाद चढ़ाकर गरीबों में बांटना चाहिए.
- आक, पीपल, नीम की गणेश प्रतिमा घर में स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और धन संपदा में भी वृद्धि होती है.
- मनोकामना पूर्ति के लिए विनायक चतुर्थी पर गणेश जी को 'ऊं गं गणपतये नम:' मंत्र का जाप करते हुए 21 दूर्वा अर्पित करना चाहिए.