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रंग बरसे: रंग, मिठास और रिश्तों का त्योहार मुबारक हो

होली वो पर्व है, जिसमें हर धर्म, हर जाति के लोग सभी बंधन तोड़कर गले मिलते हैं, गालों पर रंग मलते हैं और घर-परिवार...नाते-रिश्तेदार मिलते हैं. ईश्वर करे कि ये होली आपके जीवन में खुशियों के नए रंग लेकर आए. ईटीवी भारत की तरफ आपको होली की शुभकामनाएं.

etv bharat wishes you happy holi 2020
ईटीवी भारत की तरफ आपको होली की शुभकामनाएं
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Published : Mar 9, 2020, 11:44 PM IST

रायपुर: रंग...गुलाल...मिठास और रिश्तों का त्योहार होली. होली खुशियां बांटने का त्योहार है, रंगों में सराबोर हो जाने का त्योहार है. इन रंगों के साथ खुशियों और अपनेपन को महसूस कराने का त्योहार है. होली का नाम सुनते ही गुझियों और कचौड़ियों की भीनी-भीनी और मीठी सी महक याद आ जाती है. घर-परिवार की हंसी-ठिठोली और दोस्तों की टोली याद आ जाती है. गालों पर गुलाल और मस्ती ही मस्ती.

ईटीवी भारत की तरफ आपको होली की शुभकामनाएं

फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है. होली का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक राजा हिरण्यकश्यप और प्रहलाद की कहानी होली से जुड़ी हुई है.

ये है पौराणिक मान्यता

हिरण्यकश्यप एक ऐसा राजा था, जो किसी असुर के सामान था. उसके बेटे का नाम प्रहलाद था, जो विष्णु भगवान की पूजा में विलिन रहता था. हिरण्यकश्यप को बेटे की ये बात नागवार गुजरती थी. उसने एक दिन अपने बेटे को जान से मारने की योजना बनाई. हिरण्यकश्यप की एक बहन थी, जिसका नाम होलिका था. होलिका को वरदान मिला था कि उसपर अग्नि का कोई असर नहीं पड़ सकता.

इस बात को ध्यान में रखते हुए हिरण्यकश्यप ने होलिका से प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठने को कहा. फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका अपने भतीजे प्रहलाद को लेकर आग में बैठ जाती है, लेकिन प्रहलाद की भक्ति से प्रसन्न विष्णु भगवान ने आग में बैठे प्रहलाद की जान बचा ली और होलिका आग में समा गई.

बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार

इसके बाद भगवान विष्णु ने नरसिंहनाथ का रुप लिया और हिरण्यकश्यप का वध कर दिया था. तब से लेकर आज तक होलिका दहन करने की परंपरा चली आ रही है. दशहरा की तरह इसे भी बुराई पर अच्छाई की जीत की तरह मनाया जाता है.

होली वो पर्व है, जिसमें हर धर्म, हर जाति के लोग सभी बंधन तोड़कर गले मिलते हैं, गालों पर रंग मलते हैं और घर-परिवार...नाते-रिश्तेदार मिलते हैं. ईश्वर करे कि ये होली आपके जीवन में खुशियों के नए रंग लेकर आए. ईटीवी भारत की तरफ आपको होली की शुभकामनाएं.

रायपुर: रंग...गुलाल...मिठास और रिश्तों का त्योहार होली. होली खुशियां बांटने का त्योहार है, रंगों में सराबोर हो जाने का त्योहार है. इन रंगों के साथ खुशियों और अपनेपन को महसूस कराने का त्योहार है. होली का नाम सुनते ही गुझियों और कचौड़ियों की भीनी-भीनी और मीठी सी महक याद आ जाती है. घर-परिवार की हंसी-ठिठोली और दोस्तों की टोली याद आ जाती है. गालों पर गुलाल और मस्ती ही मस्ती.

ईटीवी भारत की तरफ आपको होली की शुभकामनाएं

फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है. होली का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक राजा हिरण्यकश्यप और प्रहलाद की कहानी होली से जुड़ी हुई है.

ये है पौराणिक मान्यता

हिरण्यकश्यप एक ऐसा राजा था, जो किसी असुर के सामान था. उसके बेटे का नाम प्रहलाद था, जो विष्णु भगवान की पूजा में विलिन रहता था. हिरण्यकश्यप को बेटे की ये बात नागवार गुजरती थी. उसने एक दिन अपने बेटे को जान से मारने की योजना बनाई. हिरण्यकश्यप की एक बहन थी, जिसका नाम होलिका था. होलिका को वरदान मिला था कि उसपर अग्नि का कोई असर नहीं पड़ सकता.

इस बात को ध्यान में रखते हुए हिरण्यकश्यप ने होलिका से प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठने को कहा. फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका अपने भतीजे प्रहलाद को लेकर आग में बैठ जाती है, लेकिन प्रहलाद की भक्ति से प्रसन्न विष्णु भगवान ने आग में बैठे प्रहलाद की जान बचा ली और होलिका आग में समा गई.

बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार

इसके बाद भगवान विष्णु ने नरसिंहनाथ का रुप लिया और हिरण्यकश्यप का वध कर दिया था. तब से लेकर आज तक होलिका दहन करने की परंपरा चली आ रही है. दशहरा की तरह इसे भी बुराई पर अच्छाई की जीत की तरह मनाया जाता है.

होली वो पर्व है, जिसमें हर धर्म, हर जाति के लोग सभी बंधन तोड़कर गले मिलते हैं, गालों पर रंग मलते हैं और घर-परिवार...नाते-रिश्तेदार मिलते हैं. ईश्वर करे कि ये होली आपके जीवन में खुशियों के नए रंग लेकर आए. ईटीवी भारत की तरफ आपको होली की शुभकामनाएं.

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