रायपुर: साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक नीलोत्पल मृणाल राजधानी में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेला में शामिल हुए. इस दौरान लेखक नीलोत्पल ने ETV भारत की टीम के साथ खास चर्चा की. नीलोत्पल मृणाल ने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. जिसमें पहली किताब के विषय के चुनाव, साहित्यकार के रूप में जीवन, देश में हो रहे वृहद विरोध, शिक्षण संस्थानों की स्थिति शामिल है. ETV भारत से खास बातचीत में निलोत्पल मृणाल अपने बेबाक अंदाज में नजर आए.
CAA और NRC को लेकर देश में हो रहे प्रदर्शनों पर निलोत्पल ने कहा कि कुछ प्रदर्शन कानून के समर्थन में तो कुछ विरोध में हो रहे हैं, दोनों के लिए ही देश में जगह होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि 'चाहे कुछ भी हो जाए शिक्षक संस्थानों पर आंच नहीं आनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता तो ये समय अपने दौर का सबसे कठिन समय होगा . सरकारें आती-जाती रहेगी, लेकिन शिक्षण संस्थान अगर ढह गए तो पूरी एक पीढ़ी दफन हो जाएगी. सरकार को चाहिए कि अच्छे विश्वविद्यालय खोलें, न कि विश्वविद्यालयों की आलोचना करें, छात्रा पर लाठी-पत्थर चलाएं.'
बता दें कि साहित्यकार निलोत्पल मृणाल को साहित्य अकादमी पुरस्कार उनके उपन्यास 'डार्क हॉर्स' के लिए दिया गया था. 'डार्क हॉर्स' किताब दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर IAS की तैयारी कर रहे छात्रों और बेरोजगार युवाओं को लेकर लिखी गयी है.
नहीं है राह आसान
साहित्यकार निलोत्पल मृणाल ने बताया कि लेखक के रूप में राह आसान नहीं है. वो खुद भी लगभग 5 सालों से इसमें काम कर रहे हैं. उन्हें पहचान मिलने में काफी वक्त और संघर्ष लगा है. साथ ही उन्होने कहा कि जिस तरह आम अपने ही मौसम में पकता है, ठीक उसी तरह वक्त आने पर ही सफलता मिलती है.