रायपुर: छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए 14 जुलाई को आक्रोश रैली निकालने का एलान किया है.
कर्मचारी संघ के नेता 14 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे. कर्मचारी महासंघ के लोगों ने बताया कि इससे पहले भी सरकार को जगाने के लिए 16 जून को उन्होंने एक ध्यानाकर्षण रैली निकाली थी.
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
14 जुलाई को निकाले जाने वाली रैली के लिए कर्मचारी महासंघ ने रविवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदेश पदाधिकारियों और कर्मचारियों बैठक ली. बैठक में आक्रोश रैली को लेकर रणनीति बनाई गई. इस दौरान कर्मचारियों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के पहले भूपेश बघेल ने मंच पर चुनाव जीतने के बाद अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है.
कमिश्नर के फैसले का किया विरोध
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार अब विभाग में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की बजाए उन्हें हटाने के लिए उनकी छंटनी कर रही है. उन्होंने बताया कि रायपुर कमिश्नर की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें बीते 3 साल के अंदर रिटायर हुए तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को संविदा भर्ती के रूप में लिया जाएगा. कर्मचारी महासंघ के लोग कमिश्नर के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.