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निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, आयोग ने बढ़ाया आकस्मिक भत्ता

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Published : Oct 17, 2019, 9:56 PM IST

छत्तीसगढ़ में चुनाव के काम में लगे कर्मचारियों के लिए निर्वाचन आयोग ने पहल की है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद उपचुनावों का दौर चल रहा है. इसमें कर्मचारियों की निष्ठा को देखते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कर्मचारियों के आकस्मिक भत्तों को बढ़ाए जाने की पहल की है.

चुनाव कार्य में लगे कर्मचारियों को मिलेगा 40 प्रतिशत बढ़ा हुआ भत्ता

रायपुर: निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों के भत्तों में इजाफा किया गया है. इसमें नक्सल प्रभावित और मैदानी इलाकों के लिए अलग-अलग वर्ग में भत्ते देने का नियम निर्धारित है. निर्वाचन आयोग की इस पहल का कर्मचारी संगठनों ने भी स्वागत किया है.

अब कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ भत्ता
निर्वाचन आयोग ने इस भत्ते को दो वर्गों में बांटा है. नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनाती के दौरान हमले के वक्त घायल होने पर 10 लाख की जगह 15 लाख और मौत होने पर 20 लाख की जगह 30 लाख रूपए तक देने का प्रावधान किया है. वहीं मैदानी इलाकों में 5 लाख और 10 लाख की जगह 7.5 लाख और 15 लाख देने का प्रावधान रखा है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने ETV भारत को बताया कि 'किसी भी परिवार के लिए किसी के जाने की कोई कीमत नहीं हो सकती, लेकिन सरकार की ओर से ये सहायता भी पहले के मुकाबले ज्यादा मिले यह कोशिश की जा रही है'.

कर्मचारी संगठनों ने फैसले का किया स्वागत
वहीं दूसरी ओर निर्वाचन आयोग के इस पहल का कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है. कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि 'हमारे प्रदेश के कर्मचारियों ने जान-माल की चिंता किए बिना विधानसभा, लोकसभा और उपचुनावों के लिए रात-दिन काम किया है. अब उनके लिए ये भत्ता बढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत है'.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ की ओर से की गई पहल को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है. ऐसे में अब प्रदेश के कर्मचारियों को निर्वाचन कार्य के दौरान घटना होने की सूरत पर बढ़े हुए आकस्मिक भत्तों का भुगतान हो सकेगा.

रायपुर: निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों के भत्तों में इजाफा किया गया है. इसमें नक्सल प्रभावित और मैदानी इलाकों के लिए अलग-अलग वर्ग में भत्ते देने का नियम निर्धारित है. निर्वाचन आयोग की इस पहल का कर्मचारी संगठनों ने भी स्वागत किया है.

अब कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ भत्ता
निर्वाचन आयोग ने इस भत्ते को दो वर्गों में बांटा है. नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनाती के दौरान हमले के वक्त घायल होने पर 10 लाख की जगह 15 लाख और मौत होने पर 20 लाख की जगह 30 लाख रूपए तक देने का प्रावधान किया है. वहीं मैदानी इलाकों में 5 लाख और 10 लाख की जगह 7.5 लाख और 15 लाख देने का प्रावधान रखा है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने ETV भारत को बताया कि 'किसी भी परिवार के लिए किसी के जाने की कोई कीमत नहीं हो सकती, लेकिन सरकार की ओर से ये सहायता भी पहले के मुकाबले ज्यादा मिले यह कोशिश की जा रही है'.

कर्मचारी संगठनों ने फैसले का किया स्वागत
वहीं दूसरी ओर निर्वाचन आयोग के इस पहल का कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है. कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि 'हमारे प्रदेश के कर्मचारियों ने जान-माल की चिंता किए बिना विधानसभा, लोकसभा और उपचुनावों के लिए रात-दिन काम किया है. अब उनके लिए ये भत्ता बढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत है'.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ की ओर से की गई पहल को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है. ऐसे में अब प्रदेश के कर्मचारियों को निर्वाचन कार्य के दौरान घटना होने की सूरत पर बढ़े हुए आकस्मिक भत्तों का भुगतान हो सकेगा.

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खबर की फिड लाइव यू से भेजी गई है

रायपुर। प्रदेश निर्वाचन कार्य मे लगे कर्मचारियों के आकस्मिक भत्तों में अब इजाफा किया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ ने निर्वाचन कार्य मे लगे कर्मचारियों के लिए अब पहले के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा भत्ते बढ़ाए जाने के लिए पहल की है । इसमें नक्सल प्रभावित इलाकों और मौदानी इलाको के लिए अलग अलग वर्ग में भत्ते देने जा नियम निर्धारित है। निर्वाचन आयोग की इस पहल का कर्मचारी संघठनों ने भी स्वागत किया है।Body:वीओ

छत्तीसगढ़ में अब चुनाव कार्य मे लगे कर्मचारियों के लिए निर्वाचन आयोग ने पहल की है। प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद उपचुनावों का दौर चल रहा है। इसमे कर्मचारियों के निष्ठा को देखते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कर्मचारियों के आकस्मिक भत्तों को बढ़ाए जाने की पहल की है। निर्वाचन आयोग ने इस भत्ते को दो वर्गों में बांटा है नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए घायल और मृत्यु होने पर पहले के 10 लाख की जगह 15 लाख और 20 लाख की जगह 30 रूपकए तक देने का प्रावधान किया है।वही मैदानी इलाकों में 5 लाख और 10 लाख की जगह 7.5 लाख और 15 लाख देने का प्रावधान रखा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी परिवार के लिए किसी के जाने की कोई कीमत नही हो सकती लेकिन सरकार की ओर से ये सहायता भी पहले के मुकाबले ज्यादा मिले यह कोशिश की जा रही है।

बाईट सुब्रत साहू, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़

वीओ 2
वही दूसरी ओर निर्वाचन आयोग के इस पहल का कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि हमारे प्रदेश के कमर्चारियों ने जान माल की चिंता किए बिना विधानसभा, लोकसभा और उपचुनावों के लिए दिन काम किया है। अब उनके लिए ये भत्ता बढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत है।

बाईट विजय झा, महामंत्री, छग तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ

Conclusion:फाइनल वीओ
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ की ओर से की गई पहल को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है। ऐसे में अब जल्द ही प्रदेश के कर्मचारियों को निर्वाचन कार्य मे कुछ भी घटना होने पर बढ़े हुए आकस्मिक भत्तों का भुगतान होगा सकेगा।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
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