रायपुर: निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों के भत्तों में इजाफा किया गया है. इसमें नक्सल प्रभावित और मैदानी इलाकों के लिए अलग-अलग वर्ग में भत्ते देने का नियम निर्धारित है. निर्वाचन आयोग की इस पहल का कर्मचारी संगठनों ने भी स्वागत किया है.
अब कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ भत्ता
निर्वाचन आयोग ने इस भत्ते को दो वर्गों में बांटा है. नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनाती के दौरान हमले के वक्त घायल होने पर 10 लाख की जगह 15 लाख और मौत होने पर 20 लाख की जगह 30 लाख रूपए तक देने का प्रावधान किया है. वहीं मैदानी इलाकों में 5 लाख और 10 लाख की जगह 7.5 लाख और 15 लाख देने का प्रावधान रखा है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने ETV भारत को बताया कि 'किसी भी परिवार के लिए किसी के जाने की कोई कीमत नहीं हो सकती, लेकिन सरकार की ओर से ये सहायता भी पहले के मुकाबले ज्यादा मिले यह कोशिश की जा रही है'.
कर्मचारी संगठनों ने फैसले का किया स्वागत
वहीं दूसरी ओर निर्वाचन आयोग के इस पहल का कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है. कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि 'हमारे प्रदेश के कर्मचारियों ने जान-माल की चिंता किए बिना विधानसभा, लोकसभा और उपचुनावों के लिए रात-दिन काम किया है. अब उनके लिए ये भत्ता बढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत है'.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ की ओर से की गई पहल को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है. ऐसे में अब प्रदेश के कर्मचारियों को निर्वाचन कार्य के दौरान घटना होने की सूरत पर बढ़े हुए आकस्मिक भत्तों का भुगतान हो सकेगा.