रायपुरः राजधानी रायपुर सहित पूरे देश में 30 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को देखते हुए स्कूल-कॉलेज और दूसरी जगहों पर प्रतियोगिता का आयोजन होता था लेकिन इस बार कोरोना की वजह से किसी तरह की प्रतियोगिता की अनुमति नहीं मिली है. अनुमति नहीं मिलने की वजह से केवल कुछ स्कूलों में ही ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित किए जा रहे हैं. फैंसी ड्रेस दुकानों से ड्रेस किराए पर लेने वाले लोग भी कम आ रहे हैं. इसकी वजह से इस बार दुकानों से रौनक गायब है. इसे लेकर फैंसी ड्रेस दुकानदारों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच आई हैं.
एक अनुमान के मुताबिक राजधानी रायपुर में अलग-अलग पर्व और त्योहारों के लिए फैंसी ड्रेस की लगभग 300 दुकानें हैं. कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर स्कूल-कॉलेज सहित दूसरी जगहों पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. लोग अपने घरों में भी राधा-कृष्ण की झांकियां सजाते रहे हैं. इसमें बच्चे और और युवा राधा-कृष्ण बनकर अपनी प्रतिभा को अलग-अलग मंच के प्रदर्शित करते रहे हैं.
सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक
इस बार कोरोना की वजह से किसी तरह की प्रतियोगिता को अनुमति नहीं मिल पाई है. कुछ स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन प्रतियोगिता के आयोजन की अनुमति मिली है, इसकी वजह से मुट्ठी भर लोगों में ही राधा-कृष्ण के परिधानों की डिमांड है. यह संख्या न के बराबर है. सामान्य दिनों में एक फैंसी ड्रेस के दुकान से जन्माष्टमी पर्व पर प्रतियोगिता के लिए लगभग 200 ग्राहक पहुंचते थे, लेकिन कोविड-19 संक्रमण की वजह से फैंसी ड्रेस के इन दुकानों में 5 से 10 फीसदी ग्राहकों ने ही राधा-कृष्ण के परिधानों की मांग की है.
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किराये पर दिए जाते हैं परिधान
फैंसी ड्रेस किराए पर देने वाले दुकानदार बताते हैं कि राधा और कृष्ण के परिधानों में नए और पुराने दोनों तरह के शामिल हैं. इनमें माथे का मुकुट, पायल, गले का हार, बांसुरी के साथ दूसरे सामान उनके पास उपलब्ध हैं. इस बार इन्हें किराए पर लेने वाले ग्राहकों की कमी देखने को मिल रही है. उन्होंने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर पिछले सालों में बच्चों से लेकर युवाओं में फैंसी ड्रेस का काफी क्रेज रहा है. इन ड्रेसेज का 24 घंटे के लिए 150 से 350 रुपए तक किराया निर्धारित है.