रायपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम (Education Minister Premsai Singh Tekam)ने स्कूल खोले(open schools) जाने को लेकर बड़ा बयान (big statement) दिया है. दरअसल, शिक्षा मंत्री का कहना है कि कैबिनेट की मीटिंग (Cabinet meeting)में पहले तय हुआ था कि पालको की सहमति के बाद 50 फीसद उपस्थिति के साथ स्कूल खोले जाएंगे. मौजूदा समय में 50 फीसद उपस्थिति में स्कूल संचालित हो रहा है. शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण (corona Virus) कम होने के कारण कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी कि क्या 100 फीसद उपस्थिति के साथ स्कूल खोले (Schools opened with 100% attendance) जा सकते हैं या नही. उन्होंने बताया कि 22 नवंबर को कैबिनेट बैठक (cabinet meeting on 22 November) है.
कैबिनेट बैठक के बाद 100 फीसद उपस्थिति के साथ खोले जा सकते हैं स्कूल
साथ ही शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग तो तैयार है इसको लेकर, पहले भी कैबिनेट की सहमति से उनके फैसले से तय हुआ था कि पालक की सहमति और 50 फीसद की उपस्थिति में स्कूल खोले जाएंगे. नगरी क्षेत्र में पार्षद के सहमति लगेगी और ग्रामीण में पंचायतों की मंजूरी रहेगी. तब स्कूल खुलेंगे. हालांकि अब संक्रमण का स्तर कम है तो इस पर विचार कर सकते हैं कि पूरी क्षमता के साथ स्कूल का संचालन हो. इसके लिए कैबिनेट में चर्चा होगी और कैबिनेट का जो फैसला होगा उसके अनुसार स्कूल का संचालन होगा. स्कूल में पहले से जो होता है वह तो रहेगा ही. साथ ही कोविड गाइडलाइन (covid guideline) का पालन करते हुए स्कूल खोला जाएगा.
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सहकारी समिति के द्वारा ही की जाएगी धान खरीदी
आगे धान खरीदी को लेकर उन्होंने कहा कि सहकारी समिति के माध्यम से धान खरीदी होगा. पहले भी होता रहा है. छत्तीसगढ़ में एमएसपी पर धान खरीदी और फिर किसान न्याय योजना के तहत राशि दी जाती है. समिति के कुछ लोग हड़ताल में गए हैं. उन से चर्चा हो रही है. उनकी मांग यही है कि जो सुखद होता है, जो घाटा होता है, वह ना हो और इस संबंध में मुख्यमंत्री ने निर्देश भी दिए हैं. समितियों का घाटा हम नहीं होने देंगे यह मुख्यमंत्री जी ने कहा है और उनकी बातों पर विश्वास करना चाहिए.
कैबिनेट बैठक में लग सकती है सस्ते पेट्रोल डीजल पर मुहर
वाणिज्यिक कर मंत्री टीएस सिंहदेव बुधवार को साफ कर चुके हैं कि उनके विभाग ने कटौती का प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया है. फैसला मुख्यमंत्री को लेना है. क्योंकि 22 नवंबर को कैबिनेट की बैठक होनी है. इसी में विभाग के प्रस्ताव पर चर्चा कर कुछ फैसला हो सकता है. केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद राज्य सरकार दबाव में है. जिसे कम करने के लिए भूपेश सरकार पेट्रोल डीजल के दाम में कटौती कर सकती है.