रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ईडी की कार्रवाई में तेजी देखी जा रही है. इस बार शराब कारोबारी और होटल कारोबारियों को ईडी ने निशाने पर लिया है. ईडी ने आईएएस अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, होटल कारोबारी अनवर ढेबर और पप्पू बंसल के ठिकानों को खंगाला. वहीं बिलासपुर, रायगढ़ और दुर्ग में भी ईडी की कार्रवाई जारी है.
एजाज ढेबर के घर समर्थकों का प्रदर्शन : रायपुर में महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के घर में दबिश दी गई है. इधर एजाज ढेबर के समर्थक उनके घर के सामने पहुंचकर, ED के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दुर्ग-भिलाई में अलग अलग लोगों के यहां 9 ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है. इतना ही नहीं बल्कि इस बार ईडी ने शराब कारोबारी बलदेव सिंह भाटिया, भिलाई के होटल संचालक विनोद सिंह के यहां भी दबिश दी है.
ED की कार्रवाई पर सीएम भूपेश ने उठाए सवाल: सीएम भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है. बघेल ने कहा कि "ईडी की कार्रवाई उन राज्यों में नहीं होती जहां पर बीजेपी की सरकार है.ईडी की कार्रवाई का खेल बीजेपी के राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं के इशारे पर हो रहा है.''
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माहौल खराब करने का लगाया आरोप: आपको बता दें कि कांग्रेस ने कई दफा ये आरोप लगाया है कि "केंद्र ईडी की मदद से प्रदेश का माहौल खराब कर रही है.सीधे तौर पर बीजेपी कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर पा रही है.इसलिए केंद्रीय एजेंसियों को आगे किया है. ताकि राज्य में राजनीतिक, औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को प्रभावित किया जा सके."
ईडी ने कल दी थी इन जगहों पर दबिश: आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में मंगलवार को ईडी ने कई कांग्रेसी नेताओं और कारोबारियों के घर छापेमारी शुरु की थी. रायपुर में संसदीय सचिव विनोद सेवन लाल चंद्राकर और कारोबारी कमल सारडा के घर पर ईडी का छापा पड़ा था . इसके साथ ही बिलासपुर में केके श्रीवास्तव के घर पर भी ईडी ने दिनभर जांच की .
कब शुरु हुई ईडी की कार्रवाई : छत्तीसगढ़ में पिछले साल सबसे पहले आईटी ने दबिश दी. आईटी की दबिश में जो तथ्य निकलकर सामने आए थे. उसी आधार पर राज्य में ईडी की टीम पहुंची. इसके बाद ताबड़तोड़ छापेमार कार्रवाई शुरु हुई. ईडी ने उस दौरान आईएएस समीर बिश्नोई, मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी और सूर्यकांत तिवारी के घर छापे मारे थे.
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छापेमारी के बाद गिरफ्तारी : इसके बाद ईडी ने 13 अक्टूबर 2022 को चिप्स के CEO समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील- कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था. 29 अक्टूबर को कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में सरेंडर किया था. उसके बाद राज्य सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद दो खनिज अफसरों समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
सौम्या से मिली जानकारी के बाद छापेमारी : ईडी ने प्रदेश में छापेमार कार्रवाई को एक आईएएस समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया था. सभी जेल की हवा खा रहे हैं. किसी को भी जमानत नहीं मिली है. ईडी के अफसरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में ट्रांसपोर्ट किए जाने वाले हर टन कोयले पर 25 रुपए की अवैध वसूली की गई थी. इसमें राजनेता, सरकारी अफसर और व्यापारी शामिल है. जांच एजेंसी के मुताबिक 2021 में 554 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई थी.
अब तक करोड़ों का कैश बरामद : अक्टूबर 2022 में भी ED ने इस घोटाले के सिलसिले में 40 ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान 4 करोड़ कैश, करोड़ों की संपत्ति और दस्तावेज बरामद किए गए थे. जानकारी यह भी निकल कर आ रही है कि ईडी अब तक जिनके घर भी दबिश दे रही है. उनके लिंक सौम्या चौरसिया से थे. कुछ महत्वपूर्ण इनपुट भी ईडी के अफसरों जांच के दौरान मिला है. उसी आधार पर एक के बाद एक छापेमार कार्रवाई की जा रही है.