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रायपुर में डॉग बाइट के मामले में नगर निगम पर उठे सवाल ?

रायपुर में इन दिनों डॉग बाइट के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बात अगर रायपुर की करें तो हर दिन 10 डॉग बाइट के मामले सामने आते (dog bite cases increasing in raipur ) हैं. इस मामले में लोग नगर निगम पर सवाल उठा रहे हैं

dog bite
डॉग बाइट के केस
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Published : Jul 10, 2022, 10:14 PM IST

रायपुर: इन दिनों रायपुर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. रोजाना अस्पतालों में 10 से अधिक डॉग बाइट के मामले पहुंच रहे (dog bite cases increasing in raipur )हैं. रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की बात की जाए तो 5 से 6 से डॉग बाइट के मामले पहुंच रहे हैं. इनमें से ज्यादातर केस इमरजेंसी डिपार्टमेंट से आ रहे हैं. इनमें से ज्यादातर लोग कुत्ते के काटने से घायल होकर अस्पताल पहुचते हैं.

रायपुर में बढ़ रहा डॉग बाइट का मामला

शहर में 400 से ज्यादा डॉग बाइट के मामले: शहर में कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ा है कि अस्पतालों में भी लोग कुत्ते के काटने का शिकार होकर पहुंच रहे हैं. 1 जून से 8 जुलाई की बात की जाए तो शहर में 400 से अधिक लोग डॉग बाइट का शिकार हुए हैं. अकेले रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में 200 से अधिक पीड़ित इलाज करने के लिए पहुंचे हैं. इनमें से 14 साल के कम उम्र के 58 बच्चे भी शामिल हैं, जो कुत्ते के काटने का शिकार हुए हैं.

रात में बढ़ जाता है कुत्तों का आतंक: रायपुर के स्थानीय निवासी राजेंद्र बुंदेल ने बताया, "शहर में कुत्तों की संख्या बहुत बढ़ गई है. खास तौर पर रात के समय जब लोग अपने काम से घर वापस लौटते हैं, उस दौरान गली के कुत्ते लोगों को काटने के लिए दौड़ते हैं. लोग इतना डर जाते हैं कि बैलेंस बिगड़ जाने के कारण गाड़ी का एक्सीडेंट भी हो जाता है. छोटे बच्चे के लिए भी यह खतरनाक है. कई बार गली के कुत्ते भी बच्चों को दौड़ा देते हैं. वहीं इस ओर नगर निगम प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है."

नगर निगम कुत्तों को पकड़ने में विफल: शहर में बढ़ते कुत्तों के आतंक को लेकर नगर निगम के उपनेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा का कहना है, "शहर में कुत्तों का खौफ इस तरह से हो गया है कि अगर रात में आप अकेले जा रहे हैं तो 20 से 25 कुत्ते सड़कों में दौड़ाते हैं. इस तरह से घेर लेते है कि आप कही भाग नही पाएंगे. यह एक जगह की बात नहीं है. पूरे शहर की वार्डों में ऐसा हो रहा है. पहले रात में ही ऐसी घटनाएं होती थी, लेकिन अब दिन में भी कुत्ते लोगों को दौड़ा रहे हैं. शहर में डॉग बाइट के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन नगर निगम का अमला इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है."

यह भी पढ़ें: रायपुर में बढ़े डॉग बाइट के केस, रोजाना 20 से 30 लोग पहुंच रहे अस्पताल

कुछ ही दिन चला बधियाकरण: उप नेता प्रतिपक्ष का कहना है, "कुत्तों की जनसंख्या कम करने को नगर निगम द्वारा कुछ दिनों तक बधियाकरण का कार्यक्रम चलाया गया लेकिन कुछ दिन चलने के बाद वह कार्यक्रम बन्द हो गया. नगर निगम अगर शहर को साफ-सुथरा बनाना चाहती है तो यह भी नगर निगम के कार्य का हिस्सा है. आवारा कुत्तों और आवारा मवेशियों से जनता को राहत दिलाई जाए. कहीं ना कहीं नगर निगम, जो बधियाकरण का कार्यक्रम चला रही थी उसमें फेल हुई है. शहर में लगातार कुत्तों का आतंक बढ़ता चला जा रहा है."

क्या कहना है नगर निगम प्रशासन का: रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया, "शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी है. इससे शहर की जनता को निजात दिलाने के लिए जल्द ही योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा. बधियाकरण का कार्य सतत चलने वाली प्रकिया है. जल्द ही योजना बनाकर कुत्तों के बधियाकरण का कार्य भी किया जाएगा."

क्या कहना डॉक्टर का: डॉगबाइट को लेकर डॉ सत्यजीत साहू ने बताया, "बरसात के दिनों में डॉग बाइट के केस बढ़ जाते हैं. इसका कारण यह है कि यह कुत्तों का ब्रीडिंग सीजन होता है. अगर इस दौरान उन्हें कोई छेड़ देता है या पत्थर मार देता है तो वह अग्रेसिव हो जाते हैं और लोगों को काट लेते हैं. क्योंकि यह कुत्तों के ब्रीडिंग का सीजन है. ऐसे में 20 से 25 दिन बाद शहर में डॉग बाइट के कम देखने को मिलेंगे."

कुत्ता काटे तो भूल कर भी ना करे यह काम: डॉक्टर सत्यजीत साहू ने बताया, "अगर आवारा कुत्ता काटता है तो यह बेहद ही गंभीर मामला है, इसे लोग साधारण घटना ना समझे. समय रहते अगर किसी का इलाज नहीं हुआ तो सीधे मौत भी हो सकती है. अगर कुत्ता काटता है तो ज्यादातर लोग, घरेलू नुस्खे ढूंढने लगते हैं.भूलकर भी कुत्ता काटने पर उस स्थान पर चूना न लगाए. कुत्ते के काटे गए स्थान को कैरोसिन या ऐसिड से नहीं जलाना चाहिए."

कुत्ता काटे तो यह उपाय करें: डॉक्टर साहू ने बताया, "अगर किसी को कुत्ता काट ले तो कटे स्थान को साबुन से बहते पानी से धोएं. अस्पताल पहुचकर रैबिज का इंजेक्शन लगवाएं. कुत्ते के काटने पर पांच रैबीज के इंजेक्शन लगते हैं. इनमें पहले दिन, तीसरे दिन, सातवें दिन, 14 दिन और 28 दिन में इसकी डोज होती है."

एक नजर डॉग बाइट के मामलों पर:

तारीखडॉग बाइट की संख्या
21 जून2 केस
22 जून 7 केस
23 जून4 केस
24 जून 11 केस
25 जून 4 केस
26 जून 2 केस
27 जून8 केस
28 जून3 केस
29 जून 1 केस
30 जून3 केस
1 जुलाई2 केस
2 जुलाई 5 केस
3 जुलाई 2 केस
4 जुलाई 1 केस
5 जुलाई 3 केस
6 जुलाई 5 केस
7 जुलाई4 केस
8 जुलाई 5 केस

रायपुर: इन दिनों रायपुर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. रोजाना अस्पतालों में 10 से अधिक डॉग बाइट के मामले पहुंच रहे (dog bite cases increasing in raipur )हैं. रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की बात की जाए तो 5 से 6 से डॉग बाइट के मामले पहुंच रहे हैं. इनमें से ज्यादातर केस इमरजेंसी डिपार्टमेंट से आ रहे हैं. इनमें से ज्यादातर लोग कुत्ते के काटने से घायल होकर अस्पताल पहुचते हैं.

रायपुर में बढ़ रहा डॉग बाइट का मामला

शहर में 400 से ज्यादा डॉग बाइट के मामले: शहर में कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ा है कि अस्पतालों में भी लोग कुत्ते के काटने का शिकार होकर पहुंच रहे हैं. 1 जून से 8 जुलाई की बात की जाए तो शहर में 400 से अधिक लोग डॉग बाइट का शिकार हुए हैं. अकेले रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में 200 से अधिक पीड़ित इलाज करने के लिए पहुंचे हैं. इनमें से 14 साल के कम उम्र के 58 बच्चे भी शामिल हैं, जो कुत्ते के काटने का शिकार हुए हैं.

रात में बढ़ जाता है कुत्तों का आतंक: रायपुर के स्थानीय निवासी राजेंद्र बुंदेल ने बताया, "शहर में कुत्तों की संख्या बहुत बढ़ गई है. खास तौर पर रात के समय जब लोग अपने काम से घर वापस लौटते हैं, उस दौरान गली के कुत्ते लोगों को काटने के लिए दौड़ते हैं. लोग इतना डर जाते हैं कि बैलेंस बिगड़ जाने के कारण गाड़ी का एक्सीडेंट भी हो जाता है. छोटे बच्चे के लिए भी यह खतरनाक है. कई बार गली के कुत्ते भी बच्चों को दौड़ा देते हैं. वहीं इस ओर नगर निगम प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है."

नगर निगम कुत्तों को पकड़ने में विफल: शहर में बढ़ते कुत्तों के आतंक को लेकर नगर निगम के उपनेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा का कहना है, "शहर में कुत्तों का खौफ इस तरह से हो गया है कि अगर रात में आप अकेले जा रहे हैं तो 20 से 25 कुत्ते सड़कों में दौड़ाते हैं. इस तरह से घेर लेते है कि आप कही भाग नही पाएंगे. यह एक जगह की बात नहीं है. पूरे शहर की वार्डों में ऐसा हो रहा है. पहले रात में ही ऐसी घटनाएं होती थी, लेकिन अब दिन में भी कुत्ते लोगों को दौड़ा रहे हैं. शहर में डॉग बाइट के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन नगर निगम का अमला इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है."

यह भी पढ़ें: रायपुर में बढ़े डॉग बाइट के केस, रोजाना 20 से 30 लोग पहुंच रहे अस्पताल

कुछ ही दिन चला बधियाकरण: उप नेता प्रतिपक्ष का कहना है, "कुत्तों की जनसंख्या कम करने को नगर निगम द्वारा कुछ दिनों तक बधियाकरण का कार्यक्रम चलाया गया लेकिन कुछ दिन चलने के बाद वह कार्यक्रम बन्द हो गया. नगर निगम अगर शहर को साफ-सुथरा बनाना चाहती है तो यह भी नगर निगम के कार्य का हिस्सा है. आवारा कुत्तों और आवारा मवेशियों से जनता को राहत दिलाई जाए. कहीं ना कहीं नगर निगम, जो बधियाकरण का कार्यक्रम चला रही थी उसमें फेल हुई है. शहर में लगातार कुत्तों का आतंक बढ़ता चला जा रहा है."

क्या कहना है नगर निगम प्रशासन का: रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया, "शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी है. इससे शहर की जनता को निजात दिलाने के लिए जल्द ही योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा. बधियाकरण का कार्य सतत चलने वाली प्रकिया है. जल्द ही योजना बनाकर कुत्तों के बधियाकरण का कार्य भी किया जाएगा."

क्या कहना डॉक्टर का: डॉगबाइट को लेकर डॉ सत्यजीत साहू ने बताया, "बरसात के दिनों में डॉग बाइट के केस बढ़ जाते हैं. इसका कारण यह है कि यह कुत्तों का ब्रीडिंग सीजन होता है. अगर इस दौरान उन्हें कोई छेड़ देता है या पत्थर मार देता है तो वह अग्रेसिव हो जाते हैं और लोगों को काट लेते हैं. क्योंकि यह कुत्तों के ब्रीडिंग का सीजन है. ऐसे में 20 से 25 दिन बाद शहर में डॉग बाइट के कम देखने को मिलेंगे."

कुत्ता काटे तो भूल कर भी ना करे यह काम: डॉक्टर सत्यजीत साहू ने बताया, "अगर आवारा कुत्ता काटता है तो यह बेहद ही गंभीर मामला है, इसे लोग साधारण घटना ना समझे. समय रहते अगर किसी का इलाज नहीं हुआ तो सीधे मौत भी हो सकती है. अगर कुत्ता काटता है तो ज्यादातर लोग, घरेलू नुस्खे ढूंढने लगते हैं.भूलकर भी कुत्ता काटने पर उस स्थान पर चूना न लगाए. कुत्ते के काटे गए स्थान को कैरोसिन या ऐसिड से नहीं जलाना चाहिए."

कुत्ता काटे तो यह उपाय करें: डॉक्टर साहू ने बताया, "अगर किसी को कुत्ता काट ले तो कटे स्थान को साबुन से बहते पानी से धोएं. अस्पताल पहुचकर रैबिज का इंजेक्शन लगवाएं. कुत्ते के काटने पर पांच रैबीज के इंजेक्शन लगते हैं. इनमें पहले दिन, तीसरे दिन, सातवें दिन, 14 दिन और 28 दिन में इसकी डोज होती है."

एक नजर डॉग बाइट के मामलों पर:

तारीखडॉग बाइट की संख्या
21 जून2 केस
22 जून 7 केस
23 जून4 केस
24 जून 11 केस
25 जून 4 केस
26 जून 2 केस
27 जून8 केस
28 जून3 केस
29 जून 1 केस
30 जून3 केस
1 जुलाई2 केस
2 जुलाई 5 केस
3 जुलाई 2 केस
4 जुलाई 1 केस
5 जुलाई 3 केस
6 जुलाई 5 केस
7 जुलाई4 केस
8 जुलाई 5 केस
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