रायपुर: लंबे इंतजार के बाद निगम मंडिल आयोग की लिस्ट कांग्रेस ने जारी की है. गुरुवार को दूसरी और शुक्रवार को तीसरी सूची जारी की गई थी. दोनों सूचियों में सौ से ज्यादा लोगों को जगह मिली है. एक ओर जहां नियुक्ति पाने वाले सदस्यों में खुशी का माहौल है, तो वहीं दूसरी ओर नियुक्ति ना पाने वाले नेता मायूस नजर आ रहे हैं. इसके अलावा कुछ नियुक्ति पाने वाले सदस्य ऐसे हैं, जो मनमाफिक पद न मिलने से खफा हैं.
पार्टी में अंदरूनी रूप से यह बात भी सामने आ रही है कि निगम मंडल आयोग की सूची में कई वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया गया है. उनकी जगह ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जिन्हें पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ही नहीं जानते हैं.
पद मिला लेकिन नाराजगी भी
कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण भद्रा को भी निगम मंडल आयोग की तीसरी सूची में जगह मिली है. अरुण भद्रा को विकास प्राधिकरण में सदस्य बनाया गया है. जिसके बाद उन्होंने इसे लेकर असंतोष जाहिर किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि निगम मंडल आयोग में वरिष्ठता का ख्याल रखा जाएगा लेकिन वर्तमान में जारी की गई सूची में इसका पालन नहीं किया गया है. इसे मुख्यमंत्री को गंभीरता से देखना चाहिए कि कैसे लोग अपने-अपने लोगों पर एडजस्ट करा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने कोई पद नहीं मांगा था लेकिन मुझे मेरी वरिष्ठता के आधार पर पद नहीं दिया गया है. मैं इस पद को स्वीकार नहीं करूंगा.
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भाजपा ने ली चुटकी
वहीं निगम मंडल आयोग की नियुक्ति को लेकर भाजपा के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस की चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि यह तो कांग्रेस के लोग ही बताएंगे कि जैसे शराब माफिया, रेत माफिया, जंगल माफिया, भू माफिया, ड्रग माफिया, धान माफिया है कहीं कांग्रेस में पदाधिकारी माफिया भी तो डेवेलप नहीं हो गया.
'धीरज रखें, सब मिलेगा'
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि पदों की संख्या कम थी और पार्टी में योग्य दावेदार अधिक हैं ऐसे में स्वाभाविक है कि कुछ लोगों में निराशा जरूर हुई है. लेकिन पार्टी ने सभी के कार्यों का आंकलन कर जवाबदारी सौंपी है. अभी आगे और भी नियुक्तियां होनी हैं. ऐसे में जिन्हें जगह नहीं मिली है, उन लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है. नियुक्ति के बाद नाराजगी को लेकर उन्होंने कहा कि हो सकता है कुछ सदस्यों में नाराजगी हो लेकिन आने वाले समय में सब सामान्य हो जाएगा.
अब तक कांग्रेस ने निगम मंडल आयोग की तीन सूची जारी की है. इसमें कई लोगों को कांग्रेस के द्वारा संतुष्ट करने की कोशिश की गई है. जो लोग लगातार सक्रिय रहे उन लोगों को तो जगह मिली ही है. यह बात भी सामने आ रही है कि जो कांग्रेस की सरकार ना होने के दौरान पार्टी से दूरी बना रखे थे, उन लोगों को भी निगम मंडल आयोग की सूची में शामिल कर दिया गया है. इसे लेकर कहीं ना कहीं पार्टी के अंदर असंतोष व्याप्त है.
पार्टी की ओर से दावा किया जा रहा है कि अभी बाकी जो निगम मंडल आयोग बचे हैं, उनमें भी कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को जगह दी जा सकती है. यही कारण है इस बयान के बाद असंतुष्ट लोगों ने चुप्पी साध ली है. यह बात भी सामने आ रही है कि जिन लोगों को नियुक्ति दी गई है, वह भी अपने मान-सम्मान को लेकर उस जगह पर जाने से इंकार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वरिष्ठता के आधार पर पद नहीं दिया गया है. अब देखने वाली बात है कि इन नियुक्तियों के बाद उठ रहे विवाद को शांत करने कांग्रेस क्या कदम उठाती है.