देश-दुनिया में कोरोना महामारी का संकट है. ब्रिटेन में भी कोरोना की वजह से हालात ठीक नहीं हैं. कोरोना संकट पर हमने बात की लंदन में भारतीय मूल के डॉ. संजीव मस्करा से.
सवाल- डॉ. संजीव आप भारत के हालात से काफी वाकिफ होंगे . भारत और लंदन के हालातों में क्या अंतर है. स्वास्थ्य सुविधाओं में क्या अंतर है.
जवाब: लंदन ने भी टेस्टिंग किट खरीदा था. लेकिन लंदन में हाई क्वालिटी के टेस्ट किए जाते हैं. टेस्ट के दौरान चाइना की किट को अच्छा नहीं पाया गया था. जिसके बाद वो रैपिड टेस्टिंग किट का अब उपयोग नहीं किया जा रहा है. अभी ब्रिटेन में बनी किट से टेस्टिंग किया जा रहा है. उम्मीद है कि रोज 1 लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा सकेंगे. मैं एक बात जरूर बोलना चाहूंगा. मैं इंडिया का न्यूज रोज देख रहा हूं और मैं भारत सरकार को सलाम करना चाहता हूं. सरकार ने बहुत अच्छे कदम उठाये हैं.
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सवाल: यहां चर्चा है कि वेंटिलेटर के बिना कोरोना का इलाज संभव नहीं है. लंदन में क्या हालात हैं ?
जवाब:ये बहुत बड़ी गलतफहमी है. बहुत कम लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है. कई लोगों को ऑक्सीजन थैरेपी के वार्ड में ही शिफ्ट कर सकते हैं. सभी के लिए वेंटिलेटर की जरूरत नहीं है. जिन लोगों को अस्थमा है, लंग्स प्रॉब्लम है. उन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए.
सवाल: कोरोना के बाद लोगों की लाइफस्टाइल में क्या बदलाव हो सकता है ?
जवाब:कोरोना महामारी की वजह से लोग घर से बाहर नहीं जा पा रहे हैं और घर से काम कर रहे हैं. लोग बहुत ज्यादा सावधानी बरत रहे हैं. लोगों की दिनचर्या पर भी बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. हेल्थ, आर्थिक सशक्तिकरण पर भी प्रभाव पड़ेगा, लेकिन हम लोग जरूर जीत पाएंगे.
सवाल: सभी का टेस्ट नहीं किया जा सकता. लंदन में क्या हालात हैं?
जवाब: यूके में वैक्सीन का ट्रॉयल शुरू हो गया है. उम्मीद है कुछ महीने में अच्छे रिजल्ट आएंगे. रिसर्च हो रही है. हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन आ जाएगी.
सवाल: भारत में कुछ डॉक्टरों को विरोध का सामना करना पड़ा. लंदन में किस तरह का व्यवहार हो रहा है?
जवाब: डॉक्टरों पर हमला निंदनीय है. ब्रिटेन में लोग डॉक्टरों का बहुत सम्मान करते हैं. सभी डॉक्टरों का हौसला बढ़ाते हैं.