सुकमा: नक्सल मोर्चे पर बस्तर पुलिस को लगातार कामयाबी मिल रही है. एक तरफ नए साल का जश्न पूरे भारत में मनाया जा रहा है. वहीं नए साल के मौके पर सुकमा पुलिस भी नक्सली मोर्चे पर एक कदम और बढ़ी है. सुकमा पुलिस ने अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक नया सुरक्षा कैम्प खोला है. यह इलाका माओवादियों के PLGA बटालियन का कोर क्षेत्र है.
मेटागुड़ेम में नया कैंप: सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि जिले में नियद नेल्लानार योजना संचालित है. इसी योजना के तहत सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती इलाके मेटागुड़ेम में 29 दिसम्बर को FOB यानी फारवर्ड बेस कैंप स्थापित किया गया है. यह इलाका माओवादियों के PLGA बटालियन का सुरक्षित इलाका कहा जाता रहा है.
FOB का फायदा क्या होता है: सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि नया कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र में माओवादियों के विरुद्ध अभियान संचालन करने में आसानी होगी. मेटागुडेम, रसापल्ली, इरापल्ली, बोट्टेतोंग, पिनाचिना, मरकागुड़ा और आसपास रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पुल पुलिया, PDS दुकानें, शिक्षा, मोबाइल कनेक्टिविटी का विस्तार की सुविधाएं मिल पाएगी.
साल 2025 में नए कैंप खुलने से मिली कामयाबी: एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि साल 2024 में सुकमा जिले में 11 नए सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए हैं. जिसमें टेकलगुडेम, पूवर्ती, मुकराजकोंडा, दुलेड, पुलनपाड़, लखापाल, तुमालपाड़, रायगुडेम, गोलाकोंडा, गोमगुड़ा और मेटागुडेम शामिल हैं. कैम्प स्थापना के बाद 326 माओवादियों ने सरेंडर किया है. 26 हार्डकोर माओवादियो को मार गिराया गया है और 292 माओवादियों की गिरफ्तारी हुई है.