रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी थानों को आदर्श थाना के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत आदर्श थाना और आदर्श थाना प्रभारी योजना 1 जुलाई से शुरू की जा रही है. इसी क्रम में डीजीपी डीएम अवस्थी ने 26 जून को प्रदेश के 128 से ज्यादा थानेदारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. उन्होंने कहा कि, जो भी थाने 'आदर्श थाना योजना' के तय मापदंडों पर खरे उतरेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा.
डीजीपी अवस्थी ने सभी थाना प्रभारियों को बताया कि आदर्श थाना के कुछ मापदंड तय किए गये हैं, जैसे-
- थाना पहुंचने वाले आम लोगों के साथ थाना प्रभारी और अन्य स्टाफ का आचरण सहीं हो.
- पीड़ित व्यक्ति, महिलाएं और बच्चे थानों में बैखौफ होकर अपनी बात कह पाएं.
- फरियादियों के साथ संवेदनशील व्यवहार रखें और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करें.
- गुंडे-बदमाशों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करें.
- थाना में रिकॉर्ड का रखरखाव अच्छा हो.
- थाना परिसर का वातावरण ऐसा हो कि प्रवेश करते ही मन-मस्तिष्क में सकारात्मक प्रभाव पड़े.
इसके अलावा डीजीपी ने कहा कि आदर्श थाना बनने के लिए सभी थाने आपस में स्वस्थ्य प्रतियोगिता रखें जिससे ज्यादा से ज्यादा थाने आदर्श बन सकें.
कवर्धा के बोड़ला थाना को मिला आदर्श थाना पुरस्कार
छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए ये गर्व की बात है कि कबीरधाम जिले के बोड़ला थाना को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से आदर्श थाना का पुरस्कार प्राप्त मिला है. डीजीपी डीएम अवस्थी ने दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा, कबीरधाम जिले के एसपी के एल ध्रुव और बोड़ला थाना के टीआई संतराम सोनी को प्रमाण पत्र प्रदान किया. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से छत्तीसगढ़ के 465 थानों में से बोड़ला थाना को 'एनुअल रैंकिंग ऑफ पुलिस स्टेशन 2019' में सर्वश्रेष्ठ थाना चुना गया है.
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24 जून को भी डीजीपी डीएम अवस्थी ने IG और SP के साथ अहम बैठक ली थी. बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखी गई थी. इस बैठक में अहम विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें आदिवासियों पर दर्ज सामान्य किस्म के अपराधों की समीक्षा कर अपराध वापस लेने के निर्देश दिए गए. साथ ही डीजीपी ने चिटफंड प्रकरणों में कंपनी मालिकों पर भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.