रायपुर: प्रदेश की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ 2 सूत्रीय मांग को लेकर 20 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. सरकार के खिलाफ लगातार अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं. वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने रविवार को कैंडल जलाकर प्रदेश के वनमंत्री और मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि प्रदान करने की भगवान से कामना की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भगवान सरकार को अंधकार से निकालकर उजाला की राह दिखाएं. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने कैंडल जलाकर सरकार के विरोध में जमकर नारे भी लगाए.
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कैंडल जलाकर वन मंत्री और मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि देने भगवान से कामना की: छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री राम कुमार सिन्हा ने बताया कि " रविवार की शाम को प्रदेशभर के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कैंडल जलाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कैंडल जलाकर भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि भगवान प्रदेश के वन मंत्री और मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि दें. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने कैंडल जलाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए. प्रदेश महामंत्री ने बताया कि कोरोना काल में जो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी दिवंगत हुए हैं. उन्हें भी कैंडल जलाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया है. "
दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारीयों की 2 सूत्रीय मांग : वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग है. जिसमें पहला मांग स्थायीकरण और दूसरा मांग नियमितीकरण का है. इन कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूर्ण कर लिए हैं उन्हें स्थाई किया जाए. जो दैनिक वेतन भोगी 10 वर्ष की सेवा पूरा कर चुके हैं उन्हें नियमित किया जाए. पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 हैं और इन कर्मचारियों को वेतन के रूप में प्रतिमाह महज 9 हजार रुपये ही वेतन मिलता है, जो वन विभाग में वाहन चालक कंप्यूटर ऑपरेटर रसोईया और बेरियर का काम करने के साथ ही जंगल का काम देखते हैं.