ETV Bharat / state

आपके अकाउंट पर साइबर ठगों की नजर, ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजेक्शन करते समय रखें इन बातों का ख्याल - साइबर क्राइम के कैसे बचे

टेक्‍नोलॉजी ने हमारे कई कामकाज को आसान बना दिया है. बैंकिंग हो या शॉपिंग आज लोग ज्यादातर काम ऑनलाइन कर रहे हैं. इससे सहूलियत तो मिली, लेकिन इसके साथ जोखिम भी बढ़ा है.

cyber thug
साइबर ठगी
author img

By

Published : Dec 4, 2020, 3:37 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 3:56 PM IST

रायपुर: आज के आधुनिक युग में इंटरनेट मानव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है, लेकिन जैसे-जैसे इसकी दुनिया बढ़ रही है. वैसे-वैसे साइबर अपराध भी पैर पसार रहे हैं. इंटरनेट के जरिए होने वाले अपराध पुलिस सिस्टम के लिए नई चुनौती साबित हो रहे हैं. इसके लिए इंटरनेट पर काम करते समय जानकारी और सतर्कता बहुत जरुरी है.

एक तरफ केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को पूरी तरह कैशलैस बनाने पर जोर दे रही है, दूसरी तरफ साइबर अपराध लोगों की टेंशन बढ़ा रहा है. आज आप चाय की गुमटी पर जाएं या मॉल्स में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा आपको हर जगह मिल जाएगी. लेकिन यही सुविधा कई बार लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना रही है.

सोशल साइट्स और एप के जरिए हो रही साइबर ठगी

मोबाइल लोकेशन से पता चलता है ठगों का लोकेशन

प्रदेश में ठगी के ज्यादातर मामलों में साइबर सेल की टीम मोबाइल लोकेशन से ठगों का पता लगाती है. औसतन ठगी के मामलों में 50 परसेंट से ज्यादा ठगों का पता मोबाइल लोकेशन से चलता है. हर साल प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर ठगी के मामले दर्ज किए जाते हैं इनमें तो कई मामले ऐसे होते हैं जिन का पता पुलिस तक नहीं लगा पाती है.

cyber-crime-increased-in-chhattisgrah-tips-to-be-safe
ऑनलाइन ठगी के आंकड़े

ऑनलाइन ठगी के आंकड़े

साल ऑनलाइन अपराध रिफंड रिफंड रकम
2018 348 12418,71,146
2019548155 38,00,836
2020660129 22,25,939


लगातार साइबर फ्रॉड बढ़ने की क्या वजह

जैसे जैसे देश आगे बढ़ता जा रहा है और लोग भी डिजिटाइजेशन को प्राथमिकता दे रहे हैं. ज्यादातर शॉपिंग में ट्रांजैक्शन ऑनलाइन के माध्यम से कर रहे हैं. इस वजह से ऑनलाइन ठगी जैसे अपराधिक मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लोग कई तरह से ठगी का शिकार होते हैं जैसे ऑथेंटिक साइट लोग चेक नहीं करते हैं या कस्टमर केयर का नंबर गूगल से निकालकर डायल करते हैं. इस तरह की छोटी-छोटी गलतियों के कारण वे ठगी का शिकार हो जाते हैं.

पढ़ें: CYBER CRIME के गुनहगार: 2 आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार, OLX पर खुद को आर्मी का जवान बताकर करते थे ठगी

किस तरह की ठगी का शिकार आमतौर पर लोग आसानी से हो जाते हैं

आजकल आरोपी अलग अलग तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं, आरोपियों को जैसे ही पता चलता है कि सामने वाला व्यक्ति इस तरीके से आसानी से ठगी का शिकार हो सकता है. वह वही तरीका अपनाते हैं जैसे एटीएम ठगी, एटीएम ब्लॉक करने के नाम पर हो , गिफ्ट देने के नाम से हो , शॉपिंग करने के नाम से हो , कस्टमर केयर के नाम से, बीमा कंपनी के नाम से हो, रिचार्ज के नाम से हो जिस तरीके से भी ठग आसानी से लोगों से ठगी कर सकते हैं. वह वही तरीका अपनाते हैं.

ज्यादा कर ठगी के मामलों में दूसरे राज्यों से ठग जुड़े रहते हैं

ऑनलाइन ठगी या साइबर फ्रॉड करने के लिए किसी भी व्यक्ति को फिजिकली मौजूद होना जरूरी नहीं है जैसे प्रदेश में एटीएम फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड जैसे कई मामले आते हैं इसको दूसरे राज्यों से बैठे ठग ऑपरेट करते हैं. साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि ज्यादातर झारखंड के जामताड़ा से इस तरह की वारदात सामने आती है. लेकिन अब ऑनलाइन ठगी धीरे-धीरे पूरे देश में फैल रहा है. जैसे बुलंदशहर, दिल्ली, हरियाणा जैसे कई राज्यों में साइबर फ्रॉड बैठे हैं. वहीं ओएलएक्स से ठगी के मामले सामने आते हैं उनमें प्रमुखता से भरतपुर राजस्थान से ठगों के नाम सामने आते हैं.

प्रदेश में अगर किसी के साथ भी ठगी होती है तो सबसे पहले उसे क्या करना चाहिए

साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति के साथ बैंकिंग और एटीएम जैसी ठगी हुई है, तो तत्काल उसे अपने बैंक में इस बात की सूचना देनी चाहिए और अपना अकाउंट बंद या फ्रीज़ करा देना चाहिए. बैंकिंग फ्रॉड या एटीएम फ्रॉड में लोग आरबीआई के ऑनलाइन साइट में जाकर एक कंप्लेंट रजिस्टर करा देना चाहिए. साथ ही इसकी सूचना साइबर सेल के ऑफिस में जाकर दें. साइबर सेल की टीम आसानी से ठगों की लोकेशन का पता लगा सकती है और आपके अकाउंट में पड़े पैसे को होल्ड कर देती है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले, इन कारणों से मिल रहा बढ़ावा

पिछले 2 सालों में लगभग दोगुने बड़े साइबर अपराध

वहीं साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि आजकल ठग नए तरीकों से ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते हैं. पिछले 2 सालों में लगभग प्रदेश में दोगुने साइबर अपराध बढ़े हैं, उसका एक प्रमुख कारण है कि लोगों में साइबर अपराध को लेकर अवेयरनेस की काफी कमी है. इसके साथ ही प्रदेश में साइबर एक्सपर्ट और साइबर ऑफिसर की काफी कमी है, जिसके कारण साइबर अपराधियों का कॉन्फिडेंस काफी बढ़ जाता है और कई बार आरोपी प्रार्थी को कॉल कर धमकी भी दे देते हैं.

प्रदेश में आजकल इस तरह के मामले ज्यादा देखने को मिले हैं

व्हाट्सएप हैक: आजकल साइबर ठग लोगों के व्हाट्सएप को हैक कर रहे हैं और उनके पर्सनल डाटा को पब्लिक करने की धमकी देकर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं.

कैसे बचें : सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनल चीजें ना डालें. सोशल मीडिया अकाउंट को हमेशा पर्सनल रखें. किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते वक्त उसे अपना अकाउंट डिटेल्स ना शेयर करें. किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते वक्त उसके दिए गए लिंक पर क्लिक न करें.

फेसबुक हैक : आजकल प्रदेश में ज्यादातर मामले फेसबुक हैकिंग या कॉपिड अकाउंट के आ रहे हैं. ऐसे में ठग आपके अकाउंट को हैक कर लेते हैं या आपके अकाउंट जैसा ही एक अकाउंट क्रिएट कर लेते हैं और आपके दोस्तों को इमोशनल मैसेज कर पैसों की मांग करते हैं. ऐसे में अकाउंट नंबर पर पैसा ट्रांसफर न करें.

कैसे बचें: जैसे कि आपको पता चलता है कि आपका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया है या किसी ने कॉपिड अकाउंट बनाकर आपके दोस्तों के साथ बात की है या पैसों की डिमांड की है तत्काल सभी दोस्तों को फोन कर सूचित करें कि आपका अकाउंट हैक हो चुका है. इसके साथ ही आप अपने व्हाट्सएप या दूसरे अकाउंट पर पोस्ट लिखकर डालें कि आपका अकाउंट हैक हो चुका है और तत्काल अपने नजदीकी थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराएं.

बैंकिंग फ्रॉड: अक्सर पढ़े-लिखे लोग बैंकिंग फ्रॉड जैसे मामलों में ठगी के शिकार बन जाते हैं. ठग बैंक मैनेजर बनकर लोगों को फोन करते हैं और कहते हैं कि आपका अकाउंट बंद होने वाला है जल्दी से आप अपना अकाउंट नंबर हमें बताएं जिससे हम उसे दोबारा चालू कर सकें. लोग जैसे ही अपना अकाउंट नंबर बताते हैं ठग अकाउंट में पड़ा सारा पैसा उड़ा ले जाते हैं.

कैसे बचें: जैसे आपको इस प्रकार के फोन कॉल्स आते हैं. तत्काल फ़ोन कट कर दें. बैंक कभी किसी भी व्यक्ति का अकाउंट नंबर और ओटीपी नहीं पूछता है.

रायपुर: आज के आधुनिक युग में इंटरनेट मानव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है, लेकिन जैसे-जैसे इसकी दुनिया बढ़ रही है. वैसे-वैसे साइबर अपराध भी पैर पसार रहे हैं. इंटरनेट के जरिए होने वाले अपराध पुलिस सिस्टम के लिए नई चुनौती साबित हो रहे हैं. इसके लिए इंटरनेट पर काम करते समय जानकारी और सतर्कता बहुत जरुरी है.

एक तरफ केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को पूरी तरह कैशलैस बनाने पर जोर दे रही है, दूसरी तरफ साइबर अपराध लोगों की टेंशन बढ़ा रहा है. आज आप चाय की गुमटी पर जाएं या मॉल्स में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा आपको हर जगह मिल जाएगी. लेकिन यही सुविधा कई बार लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना रही है.

सोशल साइट्स और एप के जरिए हो रही साइबर ठगी

मोबाइल लोकेशन से पता चलता है ठगों का लोकेशन

प्रदेश में ठगी के ज्यादातर मामलों में साइबर सेल की टीम मोबाइल लोकेशन से ठगों का पता लगाती है. औसतन ठगी के मामलों में 50 परसेंट से ज्यादा ठगों का पता मोबाइल लोकेशन से चलता है. हर साल प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर ठगी के मामले दर्ज किए जाते हैं इनमें तो कई मामले ऐसे होते हैं जिन का पता पुलिस तक नहीं लगा पाती है.

cyber-crime-increased-in-chhattisgrah-tips-to-be-safe
ऑनलाइन ठगी के आंकड़े

ऑनलाइन ठगी के आंकड़े

साल ऑनलाइन अपराध रिफंड रिफंड रकम
2018 348 12418,71,146
2019548155 38,00,836
2020660129 22,25,939


लगातार साइबर फ्रॉड बढ़ने की क्या वजह

जैसे जैसे देश आगे बढ़ता जा रहा है और लोग भी डिजिटाइजेशन को प्राथमिकता दे रहे हैं. ज्यादातर शॉपिंग में ट्रांजैक्शन ऑनलाइन के माध्यम से कर रहे हैं. इस वजह से ऑनलाइन ठगी जैसे अपराधिक मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लोग कई तरह से ठगी का शिकार होते हैं जैसे ऑथेंटिक साइट लोग चेक नहीं करते हैं या कस्टमर केयर का नंबर गूगल से निकालकर डायल करते हैं. इस तरह की छोटी-छोटी गलतियों के कारण वे ठगी का शिकार हो जाते हैं.

पढ़ें: CYBER CRIME के गुनहगार: 2 आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार, OLX पर खुद को आर्मी का जवान बताकर करते थे ठगी

किस तरह की ठगी का शिकार आमतौर पर लोग आसानी से हो जाते हैं

आजकल आरोपी अलग अलग तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं, आरोपियों को जैसे ही पता चलता है कि सामने वाला व्यक्ति इस तरीके से आसानी से ठगी का शिकार हो सकता है. वह वही तरीका अपनाते हैं जैसे एटीएम ठगी, एटीएम ब्लॉक करने के नाम पर हो , गिफ्ट देने के नाम से हो , शॉपिंग करने के नाम से हो , कस्टमर केयर के नाम से, बीमा कंपनी के नाम से हो, रिचार्ज के नाम से हो जिस तरीके से भी ठग आसानी से लोगों से ठगी कर सकते हैं. वह वही तरीका अपनाते हैं.

ज्यादा कर ठगी के मामलों में दूसरे राज्यों से ठग जुड़े रहते हैं

ऑनलाइन ठगी या साइबर फ्रॉड करने के लिए किसी भी व्यक्ति को फिजिकली मौजूद होना जरूरी नहीं है जैसे प्रदेश में एटीएम फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड जैसे कई मामले आते हैं इसको दूसरे राज्यों से बैठे ठग ऑपरेट करते हैं. साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि ज्यादातर झारखंड के जामताड़ा से इस तरह की वारदात सामने आती है. लेकिन अब ऑनलाइन ठगी धीरे-धीरे पूरे देश में फैल रहा है. जैसे बुलंदशहर, दिल्ली, हरियाणा जैसे कई राज्यों में साइबर फ्रॉड बैठे हैं. वहीं ओएलएक्स से ठगी के मामले सामने आते हैं उनमें प्रमुखता से भरतपुर राजस्थान से ठगों के नाम सामने आते हैं.

प्रदेश में अगर किसी के साथ भी ठगी होती है तो सबसे पहले उसे क्या करना चाहिए

साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति के साथ बैंकिंग और एटीएम जैसी ठगी हुई है, तो तत्काल उसे अपने बैंक में इस बात की सूचना देनी चाहिए और अपना अकाउंट बंद या फ्रीज़ करा देना चाहिए. बैंकिंग फ्रॉड या एटीएम फ्रॉड में लोग आरबीआई के ऑनलाइन साइट में जाकर एक कंप्लेंट रजिस्टर करा देना चाहिए. साथ ही इसकी सूचना साइबर सेल के ऑफिस में जाकर दें. साइबर सेल की टीम आसानी से ठगों की लोकेशन का पता लगा सकती है और आपके अकाउंट में पड़े पैसे को होल्ड कर देती है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले, इन कारणों से मिल रहा बढ़ावा

पिछले 2 सालों में लगभग दोगुने बड़े साइबर अपराध

वहीं साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि आजकल ठग नए तरीकों से ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते हैं. पिछले 2 सालों में लगभग प्रदेश में दोगुने साइबर अपराध बढ़े हैं, उसका एक प्रमुख कारण है कि लोगों में साइबर अपराध को लेकर अवेयरनेस की काफी कमी है. इसके साथ ही प्रदेश में साइबर एक्सपर्ट और साइबर ऑफिसर की काफी कमी है, जिसके कारण साइबर अपराधियों का कॉन्फिडेंस काफी बढ़ जाता है और कई बार आरोपी प्रार्थी को कॉल कर धमकी भी दे देते हैं.

प्रदेश में आजकल इस तरह के मामले ज्यादा देखने को मिले हैं

व्हाट्सएप हैक: आजकल साइबर ठग लोगों के व्हाट्सएप को हैक कर रहे हैं और उनके पर्सनल डाटा को पब्लिक करने की धमकी देकर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं.

कैसे बचें : सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनल चीजें ना डालें. सोशल मीडिया अकाउंट को हमेशा पर्सनल रखें. किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते वक्त उसे अपना अकाउंट डिटेल्स ना शेयर करें. किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते वक्त उसके दिए गए लिंक पर क्लिक न करें.

फेसबुक हैक : आजकल प्रदेश में ज्यादातर मामले फेसबुक हैकिंग या कॉपिड अकाउंट के आ रहे हैं. ऐसे में ठग आपके अकाउंट को हैक कर लेते हैं या आपके अकाउंट जैसा ही एक अकाउंट क्रिएट कर लेते हैं और आपके दोस्तों को इमोशनल मैसेज कर पैसों की मांग करते हैं. ऐसे में अकाउंट नंबर पर पैसा ट्रांसफर न करें.

कैसे बचें: जैसे कि आपको पता चलता है कि आपका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया है या किसी ने कॉपिड अकाउंट बनाकर आपके दोस्तों के साथ बात की है या पैसों की डिमांड की है तत्काल सभी दोस्तों को फोन कर सूचित करें कि आपका अकाउंट हैक हो चुका है. इसके साथ ही आप अपने व्हाट्सएप या दूसरे अकाउंट पर पोस्ट लिखकर डालें कि आपका अकाउंट हैक हो चुका है और तत्काल अपने नजदीकी थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराएं.

बैंकिंग फ्रॉड: अक्सर पढ़े-लिखे लोग बैंकिंग फ्रॉड जैसे मामलों में ठगी के शिकार बन जाते हैं. ठग बैंक मैनेजर बनकर लोगों को फोन करते हैं और कहते हैं कि आपका अकाउंट बंद होने वाला है जल्दी से आप अपना अकाउंट नंबर हमें बताएं जिससे हम उसे दोबारा चालू कर सकें. लोग जैसे ही अपना अकाउंट नंबर बताते हैं ठग अकाउंट में पड़ा सारा पैसा उड़ा ले जाते हैं.

कैसे बचें: जैसे आपको इस प्रकार के फोन कॉल्स आते हैं. तत्काल फ़ोन कट कर दें. बैंक कभी किसी भी व्यक्ति का अकाउंट नंबर और ओटीपी नहीं पूछता है.

Last Updated : Dec 4, 2020, 3:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.