रायपुर: आज के आधुनिक युग में इंटरनेट मानव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है, लेकिन जैसे-जैसे इसकी दुनिया बढ़ रही है. वैसे-वैसे साइबर अपराध भी पैर पसार रहे हैं. इंटरनेट के जरिए होने वाले अपराध पुलिस सिस्टम के लिए नई चुनौती साबित हो रहे हैं. इसके लिए इंटरनेट पर काम करते समय जानकारी और सतर्कता बहुत जरुरी है.
एक तरफ केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को पूरी तरह कैशलैस बनाने पर जोर दे रही है, दूसरी तरफ साइबर अपराध लोगों की टेंशन बढ़ा रहा है. आज आप चाय की गुमटी पर जाएं या मॉल्स में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा आपको हर जगह मिल जाएगी. लेकिन यही सुविधा कई बार लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना रही है.
मोबाइल लोकेशन से पता चलता है ठगों का लोकेशन
प्रदेश में ठगी के ज्यादातर मामलों में साइबर सेल की टीम मोबाइल लोकेशन से ठगों का पता लगाती है. औसतन ठगी के मामलों में 50 परसेंट से ज्यादा ठगों का पता मोबाइल लोकेशन से चलता है. हर साल प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर ठगी के मामले दर्ज किए जाते हैं इनमें तो कई मामले ऐसे होते हैं जिन का पता पुलिस तक नहीं लगा पाती है.
ऑनलाइन ठगी के आंकड़े
साल | ऑनलाइन अपराध | रिफंड | रिफंड रकम |
2018 | 348 | 124 | 18,71,146 |
2019 | 548 | 155 | 38,00,836 |
2020 | 660 | 129 | 22,25,939 |
लगातार साइबर फ्रॉड बढ़ने की क्या वजह
जैसे जैसे देश आगे बढ़ता जा रहा है और लोग भी डिजिटाइजेशन को प्राथमिकता दे रहे हैं. ज्यादातर शॉपिंग में ट्रांजैक्शन ऑनलाइन के माध्यम से कर रहे हैं. इस वजह से ऑनलाइन ठगी जैसे अपराधिक मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लोग कई तरह से ठगी का शिकार होते हैं जैसे ऑथेंटिक साइट लोग चेक नहीं करते हैं या कस्टमर केयर का नंबर गूगल से निकालकर डायल करते हैं. इस तरह की छोटी-छोटी गलतियों के कारण वे ठगी का शिकार हो जाते हैं.
किस तरह की ठगी का शिकार आमतौर पर लोग आसानी से हो जाते हैं
आजकल आरोपी अलग अलग तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं, आरोपियों को जैसे ही पता चलता है कि सामने वाला व्यक्ति इस तरीके से आसानी से ठगी का शिकार हो सकता है. वह वही तरीका अपनाते हैं जैसे एटीएम ठगी, एटीएम ब्लॉक करने के नाम पर हो , गिफ्ट देने के नाम से हो , शॉपिंग करने के नाम से हो , कस्टमर केयर के नाम से, बीमा कंपनी के नाम से हो, रिचार्ज के नाम से हो जिस तरीके से भी ठग आसानी से लोगों से ठगी कर सकते हैं. वह वही तरीका अपनाते हैं.
ज्यादा कर ठगी के मामलों में दूसरे राज्यों से ठग जुड़े रहते हैं
ऑनलाइन ठगी या साइबर फ्रॉड करने के लिए किसी भी व्यक्ति को फिजिकली मौजूद होना जरूरी नहीं है जैसे प्रदेश में एटीएम फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड जैसे कई मामले आते हैं इसको दूसरे राज्यों से बैठे ठग ऑपरेट करते हैं. साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि ज्यादातर झारखंड के जामताड़ा से इस तरह की वारदात सामने आती है. लेकिन अब ऑनलाइन ठगी धीरे-धीरे पूरे देश में फैल रहा है. जैसे बुलंदशहर, दिल्ली, हरियाणा जैसे कई राज्यों में साइबर फ्रॉड बैठे हैं. वहीं ओएलएक्स से ठगी के मामले सामने आते हैं उनमें प्रमुखता से भरतपुर राजस्थान से ठगों के नाम सामने आते हैं.
प्रदेश में अगर किसी के साथ भी ठगी होती है तो सबसे पहले उसे क्या करना चाहिए
साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति के साथ बैंकिंग और एटीएम जैसी ठगी हुई है, तो तत्काल उसे अपने बैंक में इस बात की सूचना देनी चाहिए और अपना अकाउंट बंद या फ्रीज़ करा देना चाहिए. बैंकिंग फ्रॉड या एटीएम फ्रॉड में लोग आरबीआई के ऑनलाइन साइट में जाकर एक कंप्लेंट रजिस्टर करा देना चाहिए. साथ ही इसकी सूचना साइबर सेल के ऑफिस में जाकर दें. साइबर सेल की टीम आसानी से ठगों की लोकेशन का पता लगा सकती है और आपके अकाउंट में पड़े पैसे को होल्ड कर देती है.
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पिछले 2 सालों में लगभग दोगुने बड़े साइबर अपराध
वहीं साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि आजकल ठग नए तरीकों से ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते हैं. पिछले 2 सालों में लगभग प्रदेश में दोगुने साइबर अपराध बढ़े हैं, उसका एक प्रमुख कारण है कि लोगों में साइबर अपराध को लेकर अवेयरनेस की काफी कमी है. इसके साथ ही प्रदेश में साइबर एक्सपर्ट और साइबर ऑफिसर की काफी कमी है, जिसके कारण साइबर अपराधियों का कॉन्फिडेंस काफी बढ़ जाता है और कई बार आरोपी प्रार्थी को कॉल कर धमकी भी दे देते हैं.
प्रदेश में आजकल इस तरह के मामले ज्यादा देखने को मिले हैं
व्हाट्सएप हैक: आजकल साइबर ठग लोगों के व्हाट्सएप को हैक कर रहे हैं और उनके पर्सनल डाटा को पब्लिक करने की धमकी देकर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं.
कैसे बचें : सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनल चीजें ना डालें. सोशल मीडिया अकाउंट को हमेशा पर्सनल रखें. किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते वक्त उसे अपना अकाउंट डिटेल्स ना शेयर करें. किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते वक्त उसके दिए गए लिंक पर क्लिक न करें.
फेसबुक हैक : आजकल प्रदेश में ज्यादातर मामले फेसबुक हैकिंग या कॉपिड अकाउंट के आ रहे हैं. ऐसे में ठग आपके अकाउंट को हैक कर लेते हैं या आपके अकाउंट जैसा ही एक अकाउंट क्रिएट कर लेते हैं और आपके दोस्तों को इमोशनल मैसेज कर पैसों की मांग करते हैं. ऐसे में अकाउंट नंबर पर पैसा ट्रांसफर न करें.
कैसे बचें: जैसे कि आपको पता चलता है कि आपका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया है या किसी ने कॉपिड अकाउंट बनाकर आपके दोस्तों के साथ बात की है या पैसों की डिमांड की है तत्काल सभी दोस्तों को फोन कर सूचित करें कि आपका अकाउंट हैक हो चुका है. इसके साथ ही आप अपने व्हाट्सएप या दूसरे अकाउंट पर पोस्ट लिखकर डालें कि आपका अकाउंट हैक हो चुका है और तत्काल अपने नजदीकी थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराएं.
बैंकिंग फ्रॉड: अक्सर पढ़े-लिखे लोग बैंकिंग फ्रॉड जैसे मामलों में ठगी के शिकार बन जाते हैं. ठग बैंक मैनेजर बनकर लोगों को फोन करते हैं और कहते हैं कि आपका अकाउंट बंद होने वाला है जल्दी से आप अपना अकाउंट नंबर हमें बताएं जिससे हम उसे दोबारा चालू कर सकें. लोग जैसे ही अपना अकाउंट नंबर बताते हैं ठग अकाउंट में पड़ा सारा पैसा उड़ा ले जाते हैं.
कैसे बचें: जैसे आपको इस प्रकार के फोन कॉल्स आते हैं. तत्काल फ़ोन कट कर दें. बैंक कभी किसी भी व्यक्ति का अकाउंट नंबर और ओटीपी नहीं पूछता है.