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छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग की पढ़ाई से विद्यार्थियों ने क्यों बनाई दूरी ?

एक समय पर 12वीं के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई को लेकर क्रेज था. लेकिन अब स्टूडेंट्स में इंजीनियरिंग की पढ़ाई से मोहभंग होता जा रहा है. आज इंजीनियरिंग की हजारों सीटें खाली पड़ी हैं. स्टूडेंट्स के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश नहीं लेने के चलते कई इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने की कगार पर हैं. हालांकि सरकार ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं. लेकिन सकारात्मक नतीजा नहीं आ रहा है.

Students disillusioned with engineering studies
इंजीनियरिंग की पढ़ाई से विद्यार्थियों का मोहभंग
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Published : May 16, 2023, 3:51 PM IST

Updated : May 16, 2023, 9:22 PM IST

इंजीनियरिंग से छात्रों का किनारा !

रायपुर: आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई से मोहभंग होने की क्या वजह है. साथ ही किन विषयों के प्रति छात्रों का रूझान बढ़ा है. वर्तमान में छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेजों, सीटों और भर्ती की स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं.

इंजीनियरिंग से मोहभंग की वजह: शिक्षाविद एम राजीव बताते हैं कि, पहले देश में आर्थिक उदारीकरण नहीं हुआ था, कंपनियां नहीं थी. कुछ क्षेत्र थे, जहां पर आगे बढ़ सकते थे. वैसे में लोग इंजीनियर को ज्यादा महत्व देते थे. लेकिन अब इंजीनियरिंग से लगभग मोह भंग हो चुका है. कुछ कॉलेज बंद हो चुके हैं, कुछ ने प्रस्ताव दिया है कि वे दूसरा कोर्स करवाना चाह रहे हैं. कुछ तो तकनीकी और उच्च शिक्षा के प्रोफेशनल कोर्स करवा रहे हैं.

Students disillusioned with engineering studies
क्यों देश के युवा युवती नहीं बनना चाहते इंजीनियर

"पहले के समय में कहा जाता था कि बेटा बड़ा होकर डॉक्टर और इंजीनियर बनेगा. यही परंपरा सालों से चली आ रही थी. लोग देखते थे कि बड़े अधिकारी के बेटे इंजीनियर है, तो वह भी चाहते थे कि अपने बेटे को इंजीनियर बनायें. लेकिन अब समय बदल गया है. अब डॉक्टर और इंजीनियर के अलावा कैरियर में बहुत सारे ऑप्शन आ गए हैं." - एम राजीव, शिक्षाविद

students are taking interest in arts
क्या कहते हैं शिक्षाविद ?


गली मोहल्ले में खुल रहे कॉलेज, पढ़ाई की क्वॉलिटी घटी: शिक्षाविद एम राजीव बताते हैं कि इंजीनियरिंग के प्रति मोहभंग होने के कई कारण है. इसमें से क्वॉलिटी युक्त पढ़ाई न होना भी प्रमुख कारण है. एक समय था, जब गिने चुने आईआईटी के कॉलेज होते थे. लेकिन अब गली मोहल्लों में भी कॉलेज खुल चुके हैं. जहां पढ़ाई का स्तर गिर चुका है.

"नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में भी अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए उम्र सीमा समाप्त हो गई है. पहले गर्ल्स के लिए उम्र की सीमा नहीं थी और अब हम लड़कों के लिए भी यह सीमा समाप्त कर दी गई है." - एम राजीव, शिक्षाविद

3 साल में हो रहा ग्रेजुएशन, तो 4 साल में इंजीनियरिंग क्यों पढ़ें: शिक्षाविद एम राजीव का मानना है कि "बीए, बीएससी और बीकॉम में 3 साल में ही ग्रेजुएशन हो जाता है. जबकि इंजीनियरिंग करते हुए ग्रेजुएशन की डिग्री 4 साल बाद मिलती है. मेडिकल की पढ़ाई करते हुए भी साढ़े 4 साल में ग्रेजुएशन की डिग्री मिलती है. इस बार पीएससी 2021 का जो रिजल्ट निकला है, उसमें भी अधिकतर इंजीनियरिंग के बच्चे सिलेक्ट हुए हैं. यदि आपको पीएससी ही करना है, तो क्यों ना 4 साल की जगह 3 साल का ग्रेजुएशन किया जाए."

  1. Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाला की इनसाइड स्टोरी, ईडी ने किया बड़ा खुलासा
  2. छत्तीसगढ़ में 2000 नहीं 10 हजार करोड़ रुपये का शराब घोटाला, भूपेश बघेल सरगना: AAP
  3. Maternity Leave: देश में जल्द लागू हो सकती है 9 महीने की मैटरनिटी लीव, नीति आयोग की सलाह


नौकरी नहीं मिलना बड़ी वजह: शिक्षाविद यह भी बताते हैं कि पहले इंजीनियर करने से लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब उन्हें भी तमाम तरह की परीक्षाएं, व्यापम, पीएससी, बैंकिंग, रेलवे के एग्जाम देने पड़ते हैं. इन परीक्षाओं के लिए भी साधारण सी ग्रेजुएशन की डिग्री चाहिए. इसलिए भी इंजीनियरिंग से बच्चे दूरी बना रहे हैं. अच्छी नौकरी नहीं मिलने की वजह से भी इंजिनरिंग से बच्चों का मोहभंग हो रहा.



दूसरे विषयों में ज्यादा ऑप्शन, इंजीनियरिंग में ऑप्शन की कमी: शिक्षाविद कहते हैं कि "एक समय था, जब बीए को सबसे खराब मानते थे. लेकिन आज वही बीए हॉट कैरियर है. क्योंकि बीए करते हैं, तो हिस्ट्री, ज्योग्राफी, सिविक्स, पॉलिटिकल साइंस की जानकारी मिलती है. जो आने वाले समय में पीएससी और यूपीएससी के सिलेबस को कवर करते हैं. इसलिए लोग अब धीरे धीरे बीए करने में रूचि दिखा रहे हैं. साथ ही सरकारी नौकरी के लिए एज लिमिट होती है. इसलिए लोग चाहते हैं जितनी जल्दी हो सके उनका ग्रेजुएशन हो जाए.



"दुनिया भर में आर्ट्स विषय सबसे अच्छा चल रहा है. यह बड़े ताज्जुब की बात है. लेकिन छत्तीसगढ़ में कॉमर्स सबसे अच्छा चल रहा है. इसके बाद बीबीए की ओर बच्चों का रुझान बढ़ा है." - डॉ जवाहर सूरीशेट्‌टी, शिक्षाविद

students are taking interest in arts
शिक्षाविद जवाहर शूरी शेट्टी का तर्क
  1. Tuesday Pooja : मंगलवार को ऐसे करें बजरंगबली को खुश !
  2. Chhattisgarh Weather बढ़ती गर्मी से लोग हुए बेहाल, नौतपा से पहले तापमान 45 डिग्री के करीब
  3. रायपुर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की मांग

प्रदेश के 13 इंजीनियरिंग कॉलेज हुए बंद: जानकारी के मुताबिक, 2018-19 में इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए कुल 18,529 सीटें थीं. उस दौरान प्रदेश में 47 इंजीनियरिंग कॉलेज थे. लेकिन कोरोना काल के बाद प्रदेश में कॉलेजों की संख्या घटकर महज 34 रह गई है. पिछले साल भी 49% सीटों पर ही प्रवेश हो पाया था, जबकि 51% सीटें खाली रह गई थी.

engineering collages data of chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग कॉलेजोंं के आंकड़े

इंजीनियरों को इस क्षेत्र में दी जा सकती है तवज्जो: डॉ जवाहर सूरीशेट्‌टी का मानना है कि "आज सबसे ज्यादा बेरोजगार इंजीनियर है. इसमें सरकार को कुछ चीजों में ढील देनी चाहिए. शिक्षक भर्ती में स्नातक और स्नातकोतर मांगा जाता है. जबकि कोचिंग में मैथमेटिक्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री के सबसे अच्छे शिक्षक इंजीनियर हैं. यदि इसे भर्ती के नियमों को परिवर्तन कर दिया जाए, तो शिक्षकों के 48,000 खाली पदों में बेरोजगार इंजीनियर अप्लाई कर सकते हैं. जिससे काफी हद तक रोजगार की प्रॉब्लम खत्म हो सकती है."

इंजीनियरिंग के प्रति स्टूडेंट्स में कम हो रहे क्रेज को आज के दौर में बढ़ाने की जरूरत है. ताकि भविष्य में देश की तकनीकी कौशल में इजाफा हो सके.

इंजीनियरिंग से छात्रों का किनारा !

रायपुर: आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई से मोहभंग होने की क्या वजह है. साथ ही किन विषयों के प्रति छात्रों का रूझान बढ़ा है. वर्तमान में छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेजों, सीटों और भर्ती की स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं.

इंजीनियरिंग से मोहभंग की वजह: शिक्षाविद एम राजीव बताते हैं कि, पहले देश में आर्थिक उदारीकरण नहीं हुआ था, कंपनियां नहीं थी. कुछ क्षेत्र थे, जहां पर आगे बढ़ सकते थे. वैसे में लोग इंजीनियर को ज्यादा महत्व देते थे. लेकिन अब इंजीनियरिंग से लगभग मोह भंग हो चुका है. कुछ कॉलेज बंद हो चुके हैं, कुछ ने प्रस्ताव दिया है कि वे दूसरा कोर्स करवाना चाह रहे हैं. कुछ तो तकनीकी और उच्च शिक्षा के प्रोफेशनल कोर्स करवा रहे हैं.

Students disillusioned with engineering studies
क्यों देश के युवा युवती नहीं बनना चाहते इंजीनियर

"पहले के समय में कहा जाता था कि बेटा बड़ा होकर डॉक्टर और इंजीनियर बनेगा. यही परंपरा सालों से चली आ रही थी. लोग देखते थे कि बड़े अधिकारी के बेटे इंजीनियर है, तो वह भी चाहते थे कि अपने बेटे को इंजीनियर बनायें. लेकिन अब समय बदल गया है. अब डॉक्टर और इंजीनियर के अलावा कैरियर में बहुत सारे ऑप्शन आ गए हैं." - एम राजीव, शिक्षाविद

students are taking interest in arts
क्या कहते हैं शिक्षाविद ?


गली मोहल्ले में खुल रहे कॉलेज, पढ़ाई की क्वॉलिटी घटी: शिक्षाविद एम राजीव बताते हैं कि इंजीनियरिंग के प्रति मोहभंग होने के कई कारण है. इसमें से क्वॉलिटी युक्त पढ़ाई न होना भी प्रमुख कारण है. एक समय था, जब गिने चुने आईआईटी के कॉलेज होते थे. लेकिन अब गली मोहल्लों में भी कॉलेज खुल चुके हैं. जहां पढ़ाई का स्तर गिर चुका है.

"नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में भी अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए उम्र सीमा समाप्त हो गई है. पहले गर्ल्स के लिए उम्र की सीमा नहीं थी और अब हम लड़कों के लिए भी यह सीमा समाप्त कर दी गई है." - एम राजीव, शिक्षाविद

3 साल में हो रहा ग्रेजुएशन, तो 4 साल में इंजीनियरिंग क्यों पढ़ें: शिक्षाविद एम राजीव का मानना है कि "बीए, बीएससी और बीकॉम में 3 साल में ही ग्रेजुएशन हो जाता है. जबकि इंजीनियरिंग करते हुए ग्रेजुएशन की डिग्री 4 साल बाद मिलती है. मेडिकल की पढ़ाई करते हुए भी साढ़े 4 साल में ग्रेजुएशन की डिग्री मिलती है. इस बार पीएससी 2021 का जो रिजल्ट निकला है, उसमें भी अधिकतर इंजीनियरिंग के बच्चे सिलेक्ट हुए हैं. यदि आपको पीएससी ही करना है, तो क्यों ना 4 साल की जगह 3 साल का ग्रेजुएशन किया जाए."

  1. Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाला की इनसाइड स्टोरी, ईडी ने किया बड़ा खुलासा
  2. छत्तीसगढ़ में 2000 नहीं 10 हजार करोड़ रुपये का शराब घोटाला, भूपेश बघेल सरगना: AAP
  3. Maternity Leave: देश में जल्द लागू हो सकती है 9 महीने की मैटरनिटी लीव, नीति आयोग की सलाह


नौकरी नहीं मिलना बड़ी वजह: शिक्षाविद यह भी बताते हैं कि पहले इंजीनियर करने से लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब उन्हें भी तमाम तरह की परीक्षाएं, व्यापम, पीएससी, बैंकिंग, रेलवे के एग्जाम देने पड़ते हैं. इन परीक्षाओं के लिए भी साधारण सी ग्रेजुएशन की डिग्री चाहिए. इसलिए भी इंजीनियरिंग से बच्चे दूरी बना रहे हैं. अच्छी नौकरी नहीं मिलने की वजह से भी इंजिनरिंग से बच्चों का मोहभंग हो रहा.



दूसरे विषयों में ज्यादा ऑप्शन, इंजीनियरिंग में ऑप्शन की कमी: शिक्षाविद कहते हैं कि "एक समय था, जब बीए को सबसे खराब मानते थे. लेकिन आज वही बीए हॉट कैरियर है. क्योंकि बीए करते हैं, तो हिस्ट्री, ज्योग्राफी, सिविक्स, पॉलिटिकल साइंस की जानकारी मिलती है. जो आने वाले समय में पीएससी और यूपीएससी के सिलेबस को कवर करते हैं. इसलिए लोग अब धीरे धीरे बीए करने में रूचि दिखा रहे हैं. साथ ही सरकारी नौकरी के लिए एज लिमिट होती है. इसलिए लोग चाहते हैं जितनी जल्दी हो सके उनका ग्रेजुएशन हो जाए.



"दुनिया भर में आर्ट्स विषय सबसे अच्छा चल रहा है. यह बड़े ताज्जुब की बात है. लेकिन छत्तीसगढ़ में कॉमर्स सबसे अच्छा चल रहा है. इसके बाद बीबीए की ओर बच्चों का रुझान बढ़ा है." - डॉ जवाहर सूरीशेट्‌टी, शिक्षाविद

students are taking interest in arts
शिक्षाविद जवाहर शूरी शेट्टी का तर्क
  1. Tuesday Pooja : मंगलवार को ऐसे करें बजरंगबली को खुश !
  2. Chhattisgarh Weather बढ़ती गर्मी से लोग हुए बेहाल, नौतपा से पहले तापमान 45 डिग्री के करीब
  3. रायपुर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की मांग

प्रदेश के 13 इंजीनियरिंग कॉलेज हुए बंद: जानकारी के मुताबिक, 2018-19 में इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए कुल 18,529 सीटें थीं. उस दौरान प्रदेश में 47 इंजीनियरिंग कॉलेज थे. लेकिन कोरोना काल के बाद प्रदेश में कॉलेजों की संख्या घटकर महज 34 रह गई है. पिछले साल भी 49% सीटों पर ही प्रवेश हो पाया था, जबकि 51% सीटें खाली रह गई थी.

engineering collages data of chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग कॉलेजोंं के आंकड़े

इंजीनियरों को इस क्षेत्र में दी जा सकती है तवज्जो: डॉ जवाहर सूरीशेट्‌टी का मानना है कि "आज सबसे ज्यादा बेरोजगार इंजीनियर है. इसमें सरकार को कुछ चीजों में ढील देनी चाहिए. शिक्षक भर्ती में स्नातक और स्नातकोतर मांगा जाता है. जबकि कोचिंग में मैथमेटिक्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री के सबसे अच्छे शिक्षक इंजीनियर हैं. यदि इसे भर्ती के नियमों को परिवर्तन कर दिया जाए, तो शिक्षकों के 48,000 खाली पदों में बेरोजगार इंजीनियर अप्लाई कर सकते हैं. जिससे काफी हद तक रोजगार की प्रॉब्लम खत्म हो सकती है."

इंजीनियरिंग के प्रति स्टूडेंट्स में कम हो रहे क्रेज को आज के दौर में बढ़ाने की जरूरत है. ताकि भविष्य में देश की तकनीकी कौशल में इजाफा हो सके.

Last Updated : May 16, 2023, 9:22 PM IST
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