रायपुर: कृषि साख सहकारी समिति की ओर से धान खरीदी केंद्र बनाए जाने के लिए किसान समिति फंड से 15 लाख की राशि स्वीकृति की गई थी, लेकिन किसानों के फंड से निकाली गई राशि डूबती हुई नजर आ रही है. इस मामले में पीड़ित किसानों ने जिम्मेदारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
बता दें कि किसानों को कृषि से संबंधित जरूरी सामान समय पर उपलब्ध हो सके, इसके लिए विभाग द्वारा किसान फंड से लाखों रुपये निकाले गए, लेकिन किसानों को न भवन मिला न ही खाद और न ही रासायनिक दवाइयां उपलब्ध हो रही हैं, जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं. किसानों का कहना है कि 'विभाग के जनप्रतिनिधि और अधिकारियी जमा की गई धन राशि को डकार गए'.
पानी में गए किसान फंड के पैसे
किसानों ने बताया कि 'अधिकारियों ने रकम निकालकर काम तो शुरू करा दिया और मौके पर मुरम और गिट्टी भी गिराई गई, लेकिन अभी तक धान खरीदी केंद्र का काम शुरू ही नहीं हो सका है. समिति के सदस्य और सोसायटी में कार्यरत अधिकारियों ने किसान फंड के पैसों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया.
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सरकारी राशि का बंदरबांट
संस्था के व्यवस्थापक नरसिंग साहू ने 15 लाख के निर्माण कार्य को पिछले जनप्रतिनिधियों के सिर मढ़ दिया, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों की जमा राशि की मिलीभगत से बंदरबांट जारी है.