रायपुर/अहमदाबाद: देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है. कोरोना का नया स्ट्रेन (corona virus new strain) तेजी से फैल रहा है. कोरोना का नया स्ट्रेन मासूम बच्चों पर कहर ढा रहा है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर का ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है. डॉक्टरों ने भी बच्चों को आवश्यक सावधानी बरतने और घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी है. बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण की संभावना अधिक है. आखिर बच्चों में नए स्ट्रेन से कितना खतरा है. इससे कैसे सावधानी बरती जा सकती है. ईटीवी भारत ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरवेश धकेचा और डॉ. निश्चल भट्ट से खास बातचीत की
लोगों को डरने की जरूरत नहीं है
डॉ. पुरवेश धकेचा ने ईटीवी भारत को बताया कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. यह महामारी का दूसरा चरण है. पिछले साल भी बच्चे संक्रमित हुए थे, लेकिन वे संख्या में कम थे, लेकिन इस बार अधिक बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. बच्चों में बुखार, सर्दी और खांसी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं जो पिछले साल महामारी के दौरान नहीं थे. हालांकि, घबराने की कोई बात नहीं है, क्योंकि 14 साल तक के बच्चों में कोरोनो वायरस का रिसेप्टर नहीं होता है और इसलिए उन्हें सांस लेने में तकलीफ नहीं होती. बच्चों को अलग रखना आवश्यक है, बच्चों को परिवार के बुजुर्ग सदस्यों से दूर रखना चाहिए. यदि बच्चों में कुछ लक्षण दिखता है, तो उसे बाल विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए.
कोरोना का नया स्ट्रेन कितना खतरनाक और कैसे बरतें सावधानी ?
टीकाकरण आवश्यक
अहमदाबाद के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. निश्चल भट्ट ने ईटीवी भारत को बताया की इस बार अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी बनाए रखना, मास्क लगाना, साबुन से हाथ धोना और और सैनिटाइजर का उपयोग करना जरूरी है. समय पर टीकाकरण आवश्यक है.
कोरोना के नये स्ट्रेन से बच्चों को कैसे बचाएं ?
- बच्चों को घर से बाहर ना निकलने दें
- बुखार, सर्दी-खांसी के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें
- परिवार के बुजुर्ग सदस्यों से बच्चों को दूर रखें
- साबुन से हाथ धुलवाते रहें और सैनिटाइज भी करते रहें
- बच्चों भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से रोकें
- बुखार होने पर टेंपरेचर और ऑक्सीजन लेवल चेक करें
- यदि बच्चा असामान्य रूप से सुस्त है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
- हर घर में आज के समय में पल्स ऑक्सीमीटर होना जरूरी
- बच्चे के आहार पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए
- बच्चे को पौष्टिक आहार देते रहना चाहिए