रायगढ़: जिले में खनिज संसाधनों का दोहन चरम पर चल रहा है. नदी के सीने को छलनी करते हुए छोटी बड़ी सैकड़ों अवैध रेत खदान जिले में चल रहे हैं. इन खदानों को शासन के अंदर लाने और वैध रूप देने के लिए कई बार टेंडर जारी किया गया है, लेकिन टेंडर में लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं. वहीं अवैध तरीके से संचालित हो रही रेत खदानों पर अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
जिले में अवैध रेत परिवहन और उत्खनन जोरों पर चल रहा है, जो अधिकारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए लगातार ऐसे खदानों को टेंडर के जरिए ठेकेदार को देने के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया था, लेकिन 16 खदान के लिए 7 समूहों में टेंडर पूरा नहीं हो पाया और सिर्फ पांच समूह ने ही टेंडर भरा. इसका कारण बड़ी कीमत को माना जा रहा है.
बता दें कि जिले की कई अवैध रेत खदानों से रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर और डंपर से रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है. जब बिना टेंडर के ही अवैध तरीके से उत्खनन और परिवहन कर सकता है, तो कोई भी बढ़ी दर से कानूनी तौर पर रेत खदान संचालित करने के लिए आगे नहीं आ रहा है.
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वहीं इस मामले में अधिकारी का कहना है कि, लगातार रेत खदानों के लिए टेंडर आमंत्रित किया जा रहा है और जो भी अवैध खनन हो रहे हैं उन पर समय-समय पर कार्रवाई भी की जा रही है.