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राम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ने नकारा रामसेतु का अस्तित्व: कांग्रेस

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया विभग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है.sushil anand shukla targets BJP on Ramsetu सुशील आनंद ने भाजपा पर सेतु बंधु रामेश्वरम में स्थित श्रीराम सेतु के अस्तित्व को नकारने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जिस भाजपा ने भगवान श्रीराम के नाम पर अपनी राजनीति को चमकाया. भगवान श्रीराम के नाम 2 सीट से पूर्ण बहुमत की सरकार केंद्र में और अन्य राज्यों में बनाया. आज वही भाजपा श्रीराम सेतु के अस्तित्व को नकार रही है.Raipur latest news

sushil anand shukla targets BJP on Ramsetu
भाजपा ने नकारा रामसेतु का अस्तित्व
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Published : Dec 23, 2022, 11:09 PM IST

रायपुर: प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान राम के रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है, केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले हैं, लेकिन कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है. sushil anand shukla targets BJP on Ramsetu सुशील आनंद का आरोप है कि भाजपा मूल रूप से धर्म विरोधी है तथा धर्म को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये उपयोग करती है. Raipur latest news

sushil anand shukla targets BJP on Ramsetu
सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा पर बड़ा आरोप


श्रीराम सेतु का अस्तित्व को नकारना दुर्भाग्यजनक: सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "कांग्रेस की नरसिम्हा राव की सरकार के समय 1993 में नासा के माध्यम से सेटेलाइट के कुछ तस्वीर लेकर उसका विश्लेषण किया था. जिसमें यह अनुमान लगा कि यह पुल मानव निर्मित है. अर्थात कांग्रेस की सरकार ने यह स्थापित करवाया. सेतु बंधु रामेश्वरम में स्थिति श्रीराम सेतु का अस्तित्व हैं. दुर्भाग्यजनक है कि आज भाजपा उसको नकार रही है. भारत के दक्षिण पूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच पौराणिक श्रीराम सेतु उपलब्ध है. लंका युद्ध के पहले भगवान श्रीराम ने अपनी वानर सेना, नल और नील के सहयोग से सेतु बंधु रामेश्वरम पुल बनाया था, जिसके माध्यम से वानर सेना लंका पर चढ़ाई करने गयी थी. रामेश्वरम के श्री रामसेतु को सेतु मानने से भाजपा ने नकार दिया है.

भाजपा ने श्रीराम के नाम पर अपनी राजनीति चमकाया: सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "मंत्री जितेन्द्र सिंह का संसद में दिया बयान भाजपा का असली चरित्र है. जिस भाजपा ने भगवान श्रीराम के नाम पर अपनी राजनीति को चमकाया. भगवान श्रीराम के नाम 2 सीट से पूर्ण बहुमत की सरकार केंद्र में और अन्य राज्यों में बनाया. आज वही भाजपा श्रीराम सेतु के अस्तित्व को नकार रही है. भाजपा का यह कृत्य निंदनीय है. श्रीराम सेतु के सवाल पर भाजपा ने कांग्रेस को झूठा बदनाम किया. हकीकत यह है, इसके पहले भी भाजपा की अटल बिहारी की सरकार में जहाजरानी मंत्री रही टीआर बालू ने भी श्रीराम सेतु को नकारा था, हलफनामा दिया था.

"भाजपा का चरित्र धर्म विरोधी": सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "भाजपा मूल रूप से धर्म विरोधी है तथा धर्म को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये उपयोग करती है. हकीकत में उसका चरित्र धर्म विरोधी है. उसके लिये धर्म का अर्थ सिर्फ मतों के ध्रुवीकरण करने के लिये मात्र होता है. भाजपा धर्म का उपयोग भावना को भड़काने के लिये करती है."


टीआर बालू ने लिखा था मोदी को पत्र: प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि "वाजपेयी के सरकार में टीआर बालू साहब जहाजरानी मंत्री थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 जुलाई 2020 को एक पत्र लिखकर यह स्वीकार किया कि अटल बिहारी सरकार में जहाजरानी मंत्री होने के नाते सेतुसमुद्रम योजना बनाई थी. इसका शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने किया था. उसके बाद हालात बदलते गये, राजनीति बदलती गयी. वर्तमान में मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बन गये. टीआर बालू आज भी सांसद है, भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी हैं. उन्होंने मोदी से मांग किया था कि वाजपेयी सरकार के समय चालू की गयी जहाजरानी परियोजना को फिर से आगे बढ़ाया जाये. भाजपा के इस झूठ को बेनकाब करने के लिये टीआर बालू का पत्र पर्याप्त है."

रायपुर: प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान राम के रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है, केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले हैं, लेकिन कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है. sushil anand shukla targets BJP on Ramsetu सुशील आनंद का आरोप है कि भाजपा मूल रूप से धर्म विरोधी है तथा धर्म को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये उपयोग करती है. Raipur latest news

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सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा पर बड़ा आरोप


श्रीराम सेतु का अस्तित्व को नकारना दुर्भाग्यजनक: सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "कांग्रेस की नरसिम्हा राव की सरकार के समय 1993 में नासा के माध्यम से सेटेलाइट के कुछ तस्वीर लेकर उसका विश्लेषण किया था. जिसमें यह अनुमान लगा कि यह पुल मानव निर्मित है. अर्थात कांग्रेस की सरकार ने यह स्थापित करवाया. सेतु बंधु रामेश्वरम में स्थिति श्रीराम सेतु का अस्तित्व हैं. दुर्भाग्यजनक है कि आज भाजपा उसको नकार रही है. भारत के दक्षिण पूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच पौराणिक श्रीराम सेतु उपलब्ध है. लंका युद्ध के पहले भगवान श्रीराम ने अपनी वानर सेना, नल और नील के सहयोग से सेतु बंधु रामेश्वरम पुल बनाया था, जिसके माध्यम से वानर सेना लंका पर चढ़ाई करने गयी थी. रामेश्वरम के श्री रामसेतु को सेतु मानने से भाजपा ने नकार दिया है.

भाजपा ने श्रीराम के नाम पर अपनी राजनीति चमकाया: सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "मंत्री जितेन्द्र सिंह का संसद में दिया बयान भाजपा का असली चरित्र है. जिस भाजपा ने भगवान श्रीराम के नाम पर अपनी राजनीति को चमकाया. भगवान श्रीराम के नाम 2 सीट से पूर्ण बहुमत की सरकार केंद्र में और अन्य राज्यों में बनाया. आज वही भाजपा श्रीराम सेतु के अस्तित्व को नकार रही है. भाजपा का यह कृत्य निंदनीय है. श्रीराम सेतु के सवाल पर भाजपा ने कांग्रेस को झूठा बदनाम किया. हकीकत यह है, इसके पहले भी भाजपा की अटल बिहारी की सरकार में जहाजरानी मंत्री रही टीआर बालू ने भी श्रीराम सेतु को नकारा था, हलफनामा दिया था.

"भाजपा का चरित्र धर्म विरोधी": सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "भाजपा मूल रूप से धर्म विरोधी है तथा धर्म को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये उपयोग करती है. हकीकत में उसका चरित्र धर्म विरोधी है. उसके लिये धर्म का अर्थ सिर्फ मतों के ध्रुवीकरण करने के लिये मात्र होता है. भाजपा धर्म का उपयोग भावना को भड़काने के लिये करती है."


टीआर बालू ने लिखा था मोदी को पत्र: प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि "वाजपेयी के सरकार में टीआर बालू साहब जहाजरानी मंत्री थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 जुलाई 2020 को एक पत्र लिखकर यह स्वीकार किया कि अटल बिहारी सरकार में जहाजरानी मंत्री होने के नाते सेतुसमुद्रम योजना बनाई थी. इसका शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने किया था. उसके बाद हालात बदलते गये, राजनीति बदलती गयी. वर्तमान में मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बन गये. टीआर बालू आज भी सांसद है, भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी हैं. उन्होंने मोदी से मांग किया था कि वाजपेयी सरकार के समय चालू की गयी जहाजरानी परियोजना को फिर से आगे बढ़ाया जाये. भाजपा के इस झूठ को बेनकाब करने के लिये टीआर बालू का पत्र पर्याप्त है."

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