बिलासपुर: तखतपुर विकासखंड में शनिवार की सुबह 50 से अधिक गोवंश की मौत का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वहीं बीजेपी ने इस मसले पर कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
बता दें कि बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड में शनिवार की सुबह एक गौठान में 50 से अधिक गोवंश की मौत से हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि विकासखंड के मेड़पार गांव में पिछले दिनों अस्थाई गौठान स्थापित किया गया था. जहां पर सभी मवेशियों को रखा गया था. सुबह के वक्त ग्रामीणों ने देखा कि 50 से ज्यादा गोवंश की मौत हो गई है. वहीं ग्रामीणों के मुताबिक कुछ गोवंश के मुंह से झाग भी निकल रहा था. जिसके चलते ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इनकी मौत दम घुटने से हुई होगी.
कांग्रेस ने सख्त कार्रवाई का दिया आश्वासन
इस विषय में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि 'इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस केस में जो भी लोग दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. सुशील आनंद ने कहा कि जहां एक और सरकार नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी के तहत काम कर रही है, गायों के संरक्षण के लिए गौठान का निर्माण करा रही है, किसानों को राहत पहुंचाने गोबर खरीदी कर रही है और यदि उसके बाद इस तरह की लापरवाही सामने आती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.'
बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है और विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि गौठानों में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही चारे की. 50 मवेशियों की मौत इन अव्यवस्थाओं का नतीजा है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के हर गौठान का यही हाल है. अपनी वाहवाही लूटने में मशगूल प्रदेश सरकार ने रोका-छेका योजना का नारा तो दे दिया, लेकिन उसके लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाने में असफल रही. रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार को सचेत करते हुए कहा कि कागजों की योजना को जमीन पर लाएं.
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वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'सरकार सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए योजनाएं बनाती हैं, लेकिन पशुधन की रक्षा नहीं कर रही है. कौशिक ने कहा कि इस मामले में जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो और प्रभावितों को उचित क्षतिपूर्ति मिले.'
स्थानीय विधायक ने कही ये बात
इस मामले में स्थानीय विधायक और संसदीय सचिव रश्मि सिंह का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि इन मवेशियों को किसी योजना के तहत एक साथ नहीं रखा गया था. ग्रामीणों ने अपने स्तर पर सभी आवारा मवेशियों को एक जगह रख दिया था. साथ ही उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं को वापस ले जाने के लिए गांव में दो दिन पहले जानकारी दी गई थी. विधायक रश्मि सिंह ने भी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का बात कही.
पुराने जर्जर भवन में रखे गए थे मवेशी
मेड़पार बाजार के स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में गौठान नहीं है इसलिए पुराने जर्जर पंचायत भवन में करीब 120 मवेशियों को रखा गया है. स्थानीय सरपंच ने कहा कि उनके तीन मवेशियों की भी मौत हो गई है. इस घटना के बाद से अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं. 20 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी. जिसका मकसद मवेशियों को लावारिस हालत में न छोड़कर गौठान में अच्छे से देखभाल करना था. अब देखने वाली बात होगी कि इस घटना के बाद प्रशासन क्या एक्शन लेता है.