रायपुर : कांग्रेस देशभर में लगातार महंगाई के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोल रही है. आएदिन कांग्रेस धरना-प्रदर्शन और आंदोलन भी कर रही है. इसी कड़ी में आज भी कांग्रेस ने देश भर में व्यापक स्तर पर धरना-प्रदर्शन(Congress staged sit in on inflation issue) किया. छत्तीसगढ़ में भी महंगाई मुक्त भारत अभियान की शुरुआत कांग्रेस ने आज के धरना-प्रदर्शन के साथ की.
जिस तरह से हाल ही में पांच राज्य के विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आए हैं, उससे उसे देखकर तो यही लगता है कि जनता पर महंगाई की मार से ज्यादा धर्म का मुद्दा हावी रहा. कांग्रेस महंगाई के मुद्दे को लेकर चुनाव में उतरी, तो भाजपा धर्म के मुद्दे पर. जब पांच राज्यों के चुनाव परिणाम सामने आए तो 5 में से 4 राज्यों में भाजपा ने जीत हासिल की. जबकि एक राज्य में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने में कामयाब रही. कांग्रेस को कहीं भी सफलता हाथ नहीं लगी. इसके बाद से ही यह बात सामने आ रही है कि देश में महंगाई से ज्यादा धर्म का मुद्दा हावी रहा है.
महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार पर बरसे पुनिया : विधानसभा चुनाव के दौरान महंगाई पर क्या धर्म हावी रहा है ? जब यह सवाल कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से पूछा गया तो उन्होंने धर्म को लेकर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन महंगाई पर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला. पुनिया ने कहा कि मोदी सरकार ने 137 दिन तक कोई भी पेट्रोल-डीजल, एलपीजी गैस के दाम नहीं बढ़ाए. मोदी सरकार इंतजार कर रही थी कि कब चुनाव खत्म हो और वे दाम बढ़ाना चालू करें. और अब बहाना बनाते हैं कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम बढ़े हैं, इसलिए दाम बढ़ाए.
"मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी इतनी लगा दी कि लगातार बढ़ रहे पेट्रोलियम के दाम" : पुनिया ने कहा कि साल 2014 में यूपीए की सरकार थी. उस समय 71 रुपये पेट्रोल और 55 रुपये डीजल था. आज 90 रुपये डीजल और 100 रुपये से ज्यादा का पेट्रोल हो गया है. मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी इतनी ज्यादा लगा दी है कि लगातार दाम बढ़ रहे हैं. पिछले 8 साल के अंदर 26 लाख करोड़ रुपए सरकार ने एक्साइज ड्यूटी के रूप में सिर्फ पेट्रोलियम प्रोडक्ट से वसूल की है. यह सिर्फ मुनाफाखोरी कर रहे हैं. सरकार अपना पेट भर रही है और जनता पर उसका कोई ध्यान नहीं है.
महंगाई और धर्म के मुद्दे में कोई समानता नहीं-संजय : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि महंगाई और धर्म के मुद्दे में कोई समानता नहीं है. हर एक विषय का अपना एक अलग महत्व है. एक आम परिवार के लिए महंगाई कम हो यह आवश्यकता है. इसका यह मतलब नहीं है कि आस्था पर चोट पहुंचाई जाए. मंदिर तोड़े जाएं.
महंगाई से ज्यादा हावी रहा धर्म का मुद्दा-रामअवतार : राजनीतिक जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का भी मानना है कि इन दिनों महंगाई से ज्यादा धर्म का मुद्दा हावी रहा है. हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में महंगाई के मुद्दे को लेकर कोई खास प्रभाव जनता पर देखने को नहीं मिला. इस दौरान धर्म और कानून व्यवस्था सहित अन्य मुद्दे चुनाव में हावी रहे, लेकिन महंगाई का मुद्दा चुनाव से गायब रहा. यहां तक कि राजनीतिक दलों ने भी इस महंगाई के मुद्दे को लेकर चुनाव में ज्यादा जोर नहीं दिया. यही वजह है कि अब यह माना जा रहा है कि चुनाव में महंगाई से ज्यादा धर्म का मुद्दा हावी रहा है.