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रायपुर: संजीवनी 108 का संचालन करने वाली कंपनी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने बैठाई जांच

संजीवनी 108 के संचालन के लिए अनुबंधित कंपनी जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस के विरुद्ध सरकार ने जांच बैठाई है. कंपनी ने दस्तावेजों में गुजरात के सम्मान फाउंडेशन का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया है.

Committee of inquiry against the company running Sanjeevini 108 in Raipur
संजीवनी108 को चलाने वाली कंपनी के खिलाफ जांच कमेटी
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Published : Jan 25, 2020, 9:03 PM IST

रायपुर: प्रदेश की लाइफ लाइन कही जाने वाली संजीवनी 108 के संचालन के लिए अनुबंधित कंपनी जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस के विरुद्ध सरकार ने जांच बैठाई है. कंपनी के विरुद्ध शिकायत है कि कंपनी ने वार्षिक टर्नओवर के दस्तावेज लगाए हैं. वे दरअसल कंपनी की दूसरी फर्मों के हैं, जिनका मुख्य काम कोयले का परिवहन करना है.

संजीवनी 108 को चलाने वाली कंपनी के खिलाफ जांच कमेटी

पढ़ें- रायपुर :सीएम बघेल ने राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पास लिखित शिकायत की गई है. कंपनी के खिलाफ और दस्तावेज भी उपलब्ध कराए गए हैं. दस्तावेजों में खुद कंपनी ने रोड लाइंस का उल्लेख करते हुए लिखा है. कंपनी ने गुजरात के सम्मान फाउंडेशन का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया है जबकि सम्मान फाउंडेशन के पास पर्याप्त अनुभव ही नहीं है. सूत्र बताते हैं कि जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस के निवेदिता संबंधी दस्तावेजों की जांच में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने लापरवाही बरती है. साथ ही एक IAS अफसर भी जांच के दायरे में है.

रायपुर: प्रदेश की लाइफ लाइन कही जाने वाली संजीवनी 108 के संचालन के लिए अनुबंधित कंपनी जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस के विरुद्ध सरकार ने जांच बैठाई है. कंपनी के विरुद्ध शिकायत है कि कंपनी ने वार्षिक टर्नओवर के दस्तावेज लगाए हैं. वे दरअसल कंपनी की दूसरी फर्मों के हैं, जिनका मुख्य काम कोयले का परिवहन करना है.

संजीवनी 108 को चलाने वाली कंपनी के खिलाफ जांच कमेटी

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बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पास लिखित शिकायत की गई है. कंपनी के खिलाफ और दस्तावेज भी उपलब्ध कराए गए हैं. दस्तावेजों में खुद कंपनी ने रोड लाइंस का उल्लेख करते हुए लिखा है. कंपनी ने गुजरात के सम्मान फाउंडेशन का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया है जबकि सम्मान फाउंडेशन के पास पर्याप्त अनुभव ही नहीं है. सूत्र बताते हैं कि जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस के निवेदिता संबंधी दस्तावेजों की जांच में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने लापरवाही बरती है. साथ ही एक IAS अफसर भी जांच के दायरे में है.

Intro:रायपुर प्रदेश की लाइफलाइन कही जाने वाली संजीवनी 108 के संचालन के लिए अनुबंधित कंपनी जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस के विरुद्ध सरकार ने जांच बैठा दी है कंपनी के विरुद्ध शिकायत हुई है जिसमें बताया गया है कि कंपनी ने वार्षिक टर्नओवर के दस्तावेज लगाए हैं वे दरअसल कंपनी की दूसरी फर्मों के हैं जिनका मुख्य काम कोयले का परिवहन करना है


Body:आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव के पास लिखित शिकायत की गई है कंपनी के खिलाफ और दस्तावेज भी उपलब्ध कराए गए हैं दस्तावेजों में खुद कंपनी ने रोडलाइंस का उल्लेख करते हुए लिखा है । कंपनी ने गुजरात के सम्मान फाउंडेशन का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया है जबकि सम्मान फाउंडेशन के पास पर्याप्त अनुभव ही नहीं है सूत्र बताते हैं कि जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस के निवेदिता संबंधी दस्तावेजों की जांच में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने लापरवाही बरती है तकनीकी योग्यता का पर नहीं किया गया इस मामले में विभाग की समिति जिसने वर्क आर्डर जारी किया साथ ही एक आईएएस अफसर भी जांच के दायरे में है ।



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