रायपुर: तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश विदेश के कलाकारों ने एक साथ मंच साझा किया. तीन दिवसीय महोत्सव में बड़ी संख्या में आदिवासी कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया. फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया. विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम को, दूसरा स्थान ओडिशा को और तीसरा स्थान झारखंड को मिला. विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम और गुजरात को मिला. इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया.
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन: पुरस्कार वितरण के बाद देश के साथ साथ विदेशों से आये कलाकारों का नृत्य हुआ. आदिवासी कलाकारों ने अपनी संस्कृति और लोक नृत्य की झलक पेश की है. छत्तीसगढ़ में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है. गुलाबी ठंड के बीच राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आए लोग देर रात तक जमे रहे. गीत, संगीत और नृत्य ने अतिथियों को कार्यक्रम में डटे रहने के लिए मजबूर किया. आदिवासी कलाकारों ने नृत्य के जरिए पूरे कार्यक्रम में समां बांध दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेलऔर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम का लुत्फ उठाया है.
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गालिया और कोसेंग सूट नृत्य: इस दौरान देश-विदेश से आए आदिवासी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी है. रशियन दल ने वरेन्का नृत्य के साथ शानदार शुरुआत की, इस नृत्य के जरिए रूसी संस्कृति को प्रस्तुत किया गया. रशियन कलाकारों ने गालिया और कोसेंग सूट नृत्य की प्रस्तुति दी. कोसेंग नृत्य विजय के बाद अपनी परंपरा और शौर्य को दर्शाने के लिए किया जाता है. रशियन कलाकारों ने प्रेम, संगीत, परिधान और परंपरा चारो एक ही डांस में और शारीरिक संतुलन का अद्भुत प्रदर्शन किए.
आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सिक्किम के कलाकारों द्वारा तमांग सेलो नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी. पारंपरिक अवसर और अनुष्ठानों में किये जाने वाले इस नृत्य से दर्शकों में उत्साह भर दिया. टोगो से आये कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर अनोखी प्रस्तुति दी. फसल कटाई के अवसर पर किए जाने वाले श्रेणी में छत्तीसगढ़ के जिस नृत्य दल को करमा नृत्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ उसकी प्रस्तुति देखकर दर्शकों में उत्साह दिखा. फ्यूज़न डांस में देश विदेश के कलाकारों के साथ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के साथ साथ जनप्रतिनिधि बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाने में जमकर नाचे. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 में अंतिम प्रस्तुति के रूप में मोजांबिक के कलाकार अपनी सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी.