रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के 20वें स्थापना दिवस पर आयोजित राज्योत्सव का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, 'राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश में उत्साह का माहौल बना है. राज्य सरकार का लक्ष्य ऐसे समावेशी विकास का है, जिसमें ग्रामीण, गरीब, किसान, अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति और पिछड़े तबकों के लोगों को विकास का लाभ मिले. राज्य सरकार हर हाथ को काम देना चाहती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे देश में यह चर्चा का विषय है कि छत्तीसगढ़ देशव्यापी आर्थिक मंदी से अछूता है. छत्तीसगढ़ के आर्थिक मॉडल की चर्चा पूरे देश में है. इस उपलब्धि में राज्य सरकार की नीतियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के जन-जन की भागीदारी है'.
मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ का इतिहास केवल 19 साल पुराना नहीं है. जब छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश का हिस्सा था, तब भी छत्तीसगढ़ियों का दिल अपने राज्य के लिए धड़कता था. हमारे पुरखों डॉ. पंडित सुंदरलाल शर्मा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, खूबचंद बघेल, जैसी विभूतियों ने छत्तीसगढ़ के लिए जन-जागरण के साथ संघर्ष किया. डॉ. खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वप्न दृष्टा थे. आज के छत्तीसगढ़ का नक्शा उनके सपनों का ही नक्शा है. मुख्यमंत्री ने राज्योत्सव के अवसर पर अमर शहीद वीर नारायण सिंह, गुण्डाधुर, शहीद गेंदसिंह को याद किया'.
'खेत की ओर लौटे किसानी छोड़ चुके लोग'
सीएम बघेल ने किसानों के लिए कहा कि, 'राज्य सरकार के ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी और कर्जमाफी का यह नतीजा है कि खेती-किसानी छोड़ चुके डेढ़ लाख किसानों के कदम फिर अपने खेत-खलिहानों की तरफ बढ़े हैं. कृषि ऋण का आंकड़ा चार हजार करोड़ तक पहुंच गया है. बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऑटो मोबाइल से लेकर कपड़ा और सराफा बाजार दिवाली पर चमके हैं. प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारी की दर कम हुई है. भूमि पंजीयन का राजस्व डेढ़ गुना बढ़ा है'.
मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'विकासखण्ड स्तर पर उद्योग स्थापना, कृषि और वन उत्पादों का प्रसंस्करण वाले उद्योगों को हमने प्राथमिकता में रखा. तकनीकी और प्रदूषण मुक्त उद्योगों को प्राथमिकता इस नीति में दी गई है. सेवा क्षेत्र को भी प्राथमिकता में शामिल किया गया है. राज्य सरकार का यह प्रयास है कि छत्तीसगढ़ सभी क्षेत्रों का हब बनें'.
CM ने कहा कि, 'राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी को बचाने का संकल्प लिया है. वन चरौदा के गोबर के दीये की रोशनी दिल्ली में भी बिखरी है. छत्तीसगढ़ का अंजोर दिल्ली तक पहुंचाने का प्रयास हमारी बहनों ने किया. हमने गांव में गौठान ही नहीं बनाए हैं, बल्कि इसे ग्रामीण छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनाने का प्रयास भी किया है'.
CM ने कहा कि, 'गौरा-गौरी उत्सव में जब मैं शामिल हुआ, मातर में जब मैंने नृत्य किया, आदिवासी भाईयों के साथ नृत्य में शामिल हुआ, बहनों के साथ जब सुआ नृत्य में शामिल हुआ, केवट भाईयों ने जब मुझे जाल से ढांपा तो उन्हें लगा कि हमारा छत्तीसगढ़ बना है. जब हमने उत्साह के साथ अपने परंपरागत हरेली, तीजा, पोरा, तीज-त्यौहारों को मनाना शुरू किया कि तो पूरे प्रदेश में उमंग और उत्साह का नया माहौल बना. यही उत्साह अपने छत्तीसगढ़ को अपनी मंजिल तक पहुंचाएगा'.
मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'राज्य सरकार ने जनता की समस्याओं को हल करने की व्यवस्था नई योजनाओं के माध्यम से की है. कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना प्रारंभ की गई है. इसके साथ सार्वभौम PDS, हाट बाजार क्लिनिक योजना, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं. मोर जमीन मोर मकान योजना के अंतर्गत अब तक 8 हजार मकान बने थे. पिछले 11 महीने में 40 हजार मकान बनाए गए हैं. DMF का लाभ वास्तविक हितग्राहियों तक पहुंचाने के प्रयास किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने झीरम के शहीदों को भी याद किया'.