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धान खरीदी को लेकर सीएम भूपेश ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पत्र लिखा है. सीएम ने पत्र के जरिए प्रधानमंत्री से केंद्रीय पूल में चावल लेने का आग्रह किया है.

CM Bhupesh wrote letter to PM
सीएम भूपेश ने पीएम को लिखा पत्र
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Published : Dec 31, 2020, 12:32 AM IST

Updated : Dec 31, 2020, 8:21 AM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पत्र लिखा है. सीएम ने पत्र लिखकर राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से धान खरीदी व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति तत्काल जारी करने का आग्रह किया है.

CM Bhupesh wrote letter to PM
सीएम भूपेश ने पीएम को लिखा पत्र

पत्र के जरिए स्थिति से कराया अवगत

सीएम भूपेश बघेल ने पत्र के जरिए प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर विपरीत असर पड़ना निश्चित है. इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति तत्काल जारी करने का विनम्र अनुरोध किया गया है.

मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह

सीएम ने लिखा है कि इस विषय पर यदि आवश्यक हो, तो वस्तुस्थिति से आपको अवगत कराने के लिए मुझे और मंत्रिमंडल के सदस्यों को समय भी दिया जाए. मुख्यमंत्री ने पीएम को अवगत कराया है कि धान खरीदी पूरा करने के लिए बारदाने की व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. इसे लेकर भी सीएम ने प्रधानमंत्री को इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया है.

पढ़ें: धान खरीदी पर हो रही सियासत, सरकार-विपक्ष आमने-सामने

बारदानों की कमी

राज्य सरकार ने जूट कमिश्नर, भारत सरकार के जरिए 3 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति की मांग की थी. जिसमें केवल 1.45 लाख गठान बारदाने आवंटित हुए. इसमें भी केवल 1.05 लाख गठान बारदाने ही मिल पाए. केंद्र सरकार की अनुमति नहीं होने से वर्तमान में खरीदी केंद्रों से धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति हो रही है. इससे धान के उठाव में देरी होगी. जिससे खरीदी केंद्रों में रखा धान खराब होने की संभावना है.

47 लाख टन धान का उपार्जन

खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने विकेंद्रीकृत उपार्जन योजना में छत्तीसगढ़ राज्य को 60 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन के लिए सैद्धांतिक सहमति दी थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने 1 दिसंबर 2020 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की और अब तक 12 लाख किसानों से करीब 47 लाख टन धान का उपार्जन हो चुका है.

अब तक नहीं मिली अनुमति

सीएम ने लिखा है कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को मिलिंग के बाद केंद्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को देने के लिए जो आवश्यक अनुमति खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार से दी जानी थी, वो अब तक नहीं मिली है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय खाद्य मंत्री को भी पत्र और फोन के जरिए कई बार अनुमति जारी करने का अनुरोध किया, लेकिन अभी तक राज्य सरकार को अनुमति नहीं मिल पाई है.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पत्र लिखा है. सीएम ने पत्र लिखकर राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से धान खरीदी व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति तत्काल जारी करने का आग्रह किया है.

CM Bhupesh wrote letter to PM
सीएम भूपेश ने पीएम को लिखा पत्र

पत्र के जरिए स्थिति से कराया अवगत

सीएम भूपेश बघेल ने पत्र के जरिए प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर विपरीत असर पड़ना निश्चित है. इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति तत्काल जारी करने का विनम्र अनुरोध किया गया है.

मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह

सीएम ने लिखा है कि इस विषय पर यदि आवश्यक हो, तो वस्तुस्थिति से आपको अवगत कराने के लिए मुझे और मंत्रिमंडल के सदस्यों को समय भी दिया जाए. मुख्यमंत्री ने पीएम को अवगत कराया है कि धान खरीदी पूरा करने के लिए बारदाने की व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. इसे लेकर भी सीएम ने प्रधानमंत्री को इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया है.

पढ़ें: धान खरीदी पर हो रही सियासत, सरकार-विपक्ष आमने-सामने

बारदानों की कमी

राज्य सरकार ने जूट कमिश्नर, भारत सरकार के जरिए 3 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति की मांग की थी. जिसमें केवल 1.45 लाख गठान बारदाने आवंटित हुए. इसमें भी केवल 1.05 लाख गठान बारदाने ही मिल पाए. केंद्र सरकार की अनुमति नहीं होने से वर्तमान में खरीदी केंद्रों से धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति हो रही है. इससे धान के उठाव में देरी होगी. जिससे खरीदी केंद्रों में रखा धान खराब होने की संभावना है.

47 लाख टन धान का उपार्जन

खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने विकेंद्रीकृत उपार्जन योजना में छत्तीसगढ़ राज्य को 60 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन के लिए सैद्धांतिक सहमति दी थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने 1 दिसंबर 2020 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की और अब तक 12 लाख किसानों से करीब 47 लाख टन धान का उपार्जन हो चुका है.

अब तक नहीं मिली अनुमति

सीएम ने लिखा है कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को मिलिंग के बाद केंद्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को देने के लिए जो आवश्यक अनुमति खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार से दी जानी थी, वो अब तक नहीं मिली है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय खाद्य मंत्री को भी पत्र और फोन के जरिए कई बार अनुमति जारी करने का अनुरोध किया, लेकिन अभी तक राज्य सरकार को अनुमति नहीं मिल पाई है.

Last Updated : Dec 31, 2020, 8:21 AM IST
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