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CM भूपेश बघेल ने ली कैम्पा शासी निकाय की पहली बैठक, कहा-हाथी को मानव का मित्र बनाने की हो पहल - कैम्पा शासी निकाय की समीक्षा बैठक

रायपुर में CM भूपेश बघेल ने कैम्पा शासी निकाय की पहली समीक्षा बैठक ली. जिसमें कई कार्यों की समीक्षा की गई.

cm bhupesh baghel takes first meeting of campa governing body in raipur
कैम्पा शासी निकाय की पहली बैठक
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Published : Sep 10, 2020, 10:07 AM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को उनके निवास कार्यालय में कैम्पा शासी निकाय की पहली बैठक आयोजित की गई. बैठक में CM भूपेश बघेल ने कैम्पा मद से कराए गए कार्यो की विस्तृत समीक्षा की. बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी उपस्थित रहे. बैठक में बताया गया कि साल 2019-20 में कैम्पा के वार्षिक कार्ययोजना के तहत 429 करोड़ 21 लाख रुपए की राशि खर्च कर अलग-अलग रोजगार मूलक कार्यो के जरिए 89.73 लाख रोजगार सृजित किया गया.

वर्ष 2020-21 में कोरोना संकट काल के दौरान एक अप्रैल से अब तक 219 करोड़ 63 लाख रुपए की राशि व्यय कर 42.44 लाख रोजगार सृजन किया गया. मुख्यमंत्री ने वनांचल में लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आवर्ती चराई योजना और वन अधिकार अधिनियम के तहत मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए.

cm bhupesh baghel takes first meeting of campa governing body in raipur
कैम्पा शासी निकाय की पहली बैठक

कैम्पा शासी निकाय की बैठक के प्रमुख बिंदु

मुख्यमंत्री बघेल ने कैम्पा मद के अंतर्गत वनांचलों में बड़े-बड़े तालाबों के निर्माण कार्य को भी प्राथमिकता से शामिल करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने वन्य प्राणियों के रहवास सुधार के अंतर्गत चारागाह विकास, फलदार वृक्षारोपण और वन क्षेत्रों में जल संरचनाओं के विकास पर विशेष जोर दिया. इस दौरान राजकीय पशु वन भैंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, बारहसिंगा, लकड़बग्गा, सोनकुत्ता, गिद्ध आदि के संरक्षण और संवर्धन के संबंध में चर्चा की गई. राज्य में शेरों की संख्या में वृद्धि और पक्षियों के भी रहवास सुधार के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने के संबंध में चर्चा हुई.

'हाथी को मानव मित्र बनाने की हो पहल'

CM भूपेश बघेल ने बैठक में कहा कि हाथी-मानव द्वन्द की स्थिति को रोकने के लिए हाथी को मानव मित्र बनाने की पहल की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में हाथी के रहवास क्षेत्रों में पर्याप्त भोजन और पानी आदि की व्यवस्था का प्रबंध हो, जिससे हाथी-मानव द्वन्द में आसानी से नियंत्रण पाया जा सके. मुख्यमंत्री ने हाथी-मानव द्वन्द में नियंत्रण पाने के लिए जन-जागरूकता लाने सहित बेहतर कार्य योजना बनाने के संबंध में वन विभाग को विशेष जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार केरल में लगभग 6000 हाथी हैं, वहां यदा-कदा ही हाथी-मानव द्वन्द की स्थिति निर्मित होती है. हाथियों को मानव का मित्र बनाने की दिशा में आवश्यक पहल होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हाथी एक बहुत ही शांत, समझदार और सामाजिक प्राणी होता है, इसके स्वभाव को समझकर और जन-जागरूकता से हाथी-मानव द्वन्द को कम किया जा सकता है.

4400 गौठानों का निर्माण पूरा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 4400 गौठानों का निर्माण पूरा हो गया है, जहां बड़ी संख्या में मवेशी डे-केयर में रखे जा रहे हैं. यहां बड़ी मात्रा में चारे की आवश्यकता होगी. इसे ध्यान में रखते हुए सितम्बर और अक्टूबर माह में वन प्रबंधन समितियों द्वारा हरे चारे की कटाई का कार्य कराया जाए, जिससे लोगों को रोजगार भी मिले और गौठानों में चारे की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे काफी मात्रा में हरा और पौष्टिक चारा इक्कठा हो सकता है. उन्होंने कहा कि सभी वन मंडलों में कुछ केन्द्रों में हरा चारा के गठ्ठर बना कर भंडारित किया जाए और इन केन्द्रों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाए, जिससे गौठान समितियां और निजी क्षेत्र के पशुपालक अपनी आवश्यकता अनुसार चारा निर्धारित दर पर क्रय कर सकें. मुख्यमंत्री बघेल ने हरे चारे के विक्रय की दर भी निर्धारित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कई गौठानों में बड़ी मात्रा में गोबर एकत्र हो गया है. इससे वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ गोबर के कंडे और गौकाष्ठ जैसे उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं. बघेल ने बैठक के दौरान नरवा योजना के अंतर्गत भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यो की समीक्षा की.बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना में नरवा विकास योजना के अंतर्गत 12 लाख 55 हजार 128 स्वीकृत संरचनाओं में से अब तक 8 लाख 49 हजार से अधिक संरचनाओं का विकास हो चुका है, इनमें चेक डैम, स्टॉप डैम, चेकडैम, एनिकट, शामिल है.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को उनके निवास कार्यालय में कैम्पा शासी निकाय की पहली बैठक आयोजित की गई. बैठक में CM भूपेश बघेल ने कैम्पा मद से कराए गए कार्यो की विस्तृत समीक्षा की. बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी उपस्थित रहे. बैठक में बताया गया कि साल 2019-20 में कैम्पा के वार्षिक कार्ययोजना के तहत 429 करोड़ 21 लाख रुपए की राशि खर्च कर अलग-अलग रोजगार मूलक कार्यो के जरिए 89.73 लाख रोजगार सृजित किया गया.

वर्ष 2020-21 में कोरोना संकट काल के दौरान एक अप्रैल से अब तक 219 करोड़ 63 लाख रुपए की राशि व्यय कर 42.44 लाख रोजगार सृजन किया गया. मुख्यमंत्री ने वनांचल में लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आवर्ती चराई योजना और वन अधिकार अधिनियम के तहत मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए.

cm bhupesh baghel takes first meeting of campa governing body in raipur
कैम्पा शासी निकाय की पहली बैठक

कैम्पा शासी निकाय की बैठक के प्रमुख बिंदु

मुख्यमंत्री बघेल ने कैम्पा मद के अंतर्गत वनांचलों में बड़े-बड़े तालाबों के निर्माण कार्य को भी प्राथमिकता से शामिल करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने वन्य प्राणियों के रहवास सुधार के अंतर्गत चारागाह विकास, फलदार वृक्षारोपण और वन क्षेत्रों में जल संरचनाओं के विकास पर विशेष जोर दिया. इस दौरान राजकीय पशु वन भैंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, बारहसिंगा, लकड़बग्गा, सोनकुत्ता, गिद्ध आदि के संरक्षण और संवर्धन के संबंध में चर्चा की गई. राज्य में शेरों की संख्या में वृद्धि और पक्षियों के भी रहवास सुधार के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने के संबंध में चर्चा हुई.

'हाथी को मानव मित्र बनाने की हो पहल'

CM भूपेश बघेल ने बैठक में कहा कि हाथी-मानव द्वन्द की स्थिति को रोकने के लिए हाथी को मानव मित्र बनाने की पहल की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में हाथी के रहवास क्षेत्रों में पर्याप्त भोजन और पानी आदि की व्यवस्था का प्रबंध हो, जिससे हाथी-मानव द्वन्द में आसानी से नियंत्रण पाया जा सके. मुख्यमंत्री ने हाथी-मानव द्वन्द में नियंत्रण पाने के लिए जन-जागरूकता लाने सहित बेहतर कार्य योजना बनाने के संबंध में वन विभाग को विशेष जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार केरल में लगभग 6000 हाथी हैं, वहां यदा-कदा ही हाथी-मानव द्वन्द की स्थिति निर्मित होती है. हाथियों को मानव का मित्र बनाने की दिशा में आवश्यक पहल होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हाथी एक बहुत ही शांत, समझदार और सामाजिक प्राणी होता है, इसके स्वभाव को समझकर और जन-जागरूकता से हाथी-मानव द्वन्द को कम किया जा सकता है.

4400 गौठानों का निर्माण पूरा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 4400 गौठानों का निर्माण पूरा हो गया है, जहां बड़ी संख्या में मवेशी डे-केयर में रखे जा रहे हैं. यहां बड़ी मात्रा में चारे की आवश्यकता होगी. इसे ध्यान में रखते हुए सितम्बर और अक्टूबर माह में वन प्रबंधन समितियों द्वारा हरे चारे की कटाई का कार्य कराया जाए, जिससे लोगों को रोजगार भी मिले और गौठानों में चारे की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे काफी मात्रा में हरा और पौष्टिक चारा इक्कठा हो सकता है. उन्होंने कहा कि सभी वन मंडलों में कुछ केन्द्रों में हरा चारा के गठ्ठर बना कर भंडारित किया जाए और इन केन्द्रों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाए, जिससे गौठान समितियां और निजी क्षेत्र के पशुपालक अपनी आवश्यकता अनुसार चारा निर्धारित दर पर क्रय कर सकें. मुख्यमंत्री बघेल ने हरे चारे के विक्रय की दर भी निर्धारित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कई गौठानों में बड़ी मात्रा में गोबर एकत्र हो गया है. इससे वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ गोबर के कंडे और गौकाष्ठ जैसे उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं. बघेल ने बैठक के दौरान नरवा योजना के अंतर्गत भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यो की समीक्षा की.बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना में नरवा विकास योजना के अंतर्गत 12 लाख 55 हजार 128 स्वीकृत संरचनाओं में से अब तक 8 लाख 49 हजार से अधिक संरचनाओं का विकास हो चुका है, इनमें चेक डैम, स्टॉप डैम, चेकडैम, एनिकट, शामिल है.

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