रायपुर: रायपुर में बड़ी धूमधाम से राष्ट्रीय भोजली महोत्सव का आयोजन किया गया. राजधानी के इंडोर स्टेडियम में भोजली महोत्सव का आयोजन किया गया. इसमे सीएम बघेल और गोंडवाना गुरुमाता राजमाता दुलेश्वरी सिदार शामिल हुईं. इस दौरान विभिन्न राज्यों से आए आदिवासियों ने सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी. प्रस्तुति देख उपस्थित लोग झूम उठे. वहीं, कार्यक्रम में पहुंची महिलाओं ने सिर पर भोजली की टोकरी रख भोजली माता की उपासना की.
गोंड समाज की ओर से आयोजित हुआ कार्यक्रम: दरअसल, यह कार्यक्रम गोंड समाज की ओर से आयोजित किया गया. इसमें देश के विभिन्न राज्यों-महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, बिहार, असम, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों के समाज प्रमुख शामिल हुए. हजारों की तादाद में भोजली माता के प्रति आस्था लिए गोंडी धर्म के अनुयायी इसमें शामिल हुए. इस दौरान विभिन्न राज्यों से पहुंचे आदिवासियों ने सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी. संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत सहित कई जनप्रतिनिधि और नेता भी मंच पर उपस्थित रहे.
गौंड समाज की ओर से पिछले 16 साल से रायपुर में भोजली महोत्सव का आयोजिन किया जा रहा है. मैं भी कई बार शामिल हुआ हूं. यह बहुत प्राचीन परंपरा है, जिसका निर्वाह किया जा रहा है. इसकी सबको बधाई और शुभकामना. -भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री
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जानिए क्या है भोजली पर्व: भोजली को सावन शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को घर में टोकरी में उगाने के लिए गेहूं के दाने को भिगोकर बोया जाता है. सात दिन तक विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भोजली की सेवा की जाती है. इसमें भोजली माता की पूजा होती है. इसलिए इसे भोजली पर्व कहते हैं. बता दें कि ये प्राचीन प्रथा है जो सालों से चलती आ रही है.