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रायपुर: राज्यपाल से मिलने पहुंचे मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर, CM भूपेश ने किया विवाद से इंकार

छत्तीसगढ़ कैबिनेट के दो मंत्रियों रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की. राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा और उप सचिव प्रोतिमा यादव को हटाए जाने के बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी. ऐसे में सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद के कयास से मंत्री रविंद्र चौबे और CM भूपेश बघेल ने इंकार किया है.

Minister Ravindra Chaubey and CM Bhupesh Baghel
मंत्री रविंद्र चौबे और CM भूपेश बघेल
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Published : Oct 16, 2020, 4:36 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 5:53 PM IST

रायपुर: संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर शुक्रवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की. मंत्रियों के मुलाकात पर कयास लगाए जा रहे थे कि राज्यपाल और सरकार के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए मंत्री राजभवन पहुंचे हैं. लेकिन मंत्री रविंद्र चौबे और CM भूपेश बघेल ने इन कयासों पर विराम लगा दिया है.

सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद विवाद से इंकार

मुलाकात के बाद रविंद्र चौबे ने बताया कि यह एक औपचारिक मुलाकात थी. राज्यपाल हमारे संविधानिक प्रमुख हैं. सरकार समय-समय पर उनसे कई विषयों पर चर्चा करती है. सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद पर उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई टकराव की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण विषयों पर राज्यपाल से चर्चा की गई है. राज्यपाल की ओर से जो जानकारी मांगी जाती है. सरकार वह जानकारी उपलब्ध कराती है.

पढ़ें: 'मरवाही आरक्षित सीट, वही चुनाव लड़ सकता है जो आदिवासी हो': CM भूपेश बघेल

क्यों लगाए जा रहे विवाद के कयास

बुधवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके के सचिव सोन मणिवोरा को सरकार ने हटा दिया था. लेकिन राज्यपाल अनुसुइया उइके अपने सचिव को रिलीव करने के मूड में नहीं है. वहीं दूसरी ओर गुरुवार को राजभवन की उप सचिव प्रोतिमा यादव को भी हटा कर मंत्रालय के जीएडी में पदस्थ किया गया है. सचिव को हटाने के बाद राज्यपाल ने सीएम को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है. जिसके बाद विवाद के कयास लगाए जा रहे थे.

CM बघेल ने किया विवाद से इंकार

मरवाही जाने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान राज्यपाल और सरकार के बीच किसी भी तरह का विवाद होने की बात से साफ इंकार किया है. उन्होंने कहा कि सबके अपने दायित्व कर्तव्य और अधिकार संविधान के माध्यम से सुनिश्चित हैं. उसी दायरे में रहकर हमारी सरकार काम कर रही है.

पढ़ें: कोरोना काल में 30 प्रतिशत बीपीएल कार्डधारियों को नहीं मिला राशन, बीजेपी पार्षदों ने सौंपा ज्ञापन

मंत्रियों के अचानक पहुंचने से चर्चा तेज

राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा और उप सचिव प्रोतिमा यादव को हटाए जाने के बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर सरकार के दो मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर को राजभवन भेजा. मुलाकात के दौरान बस्तर कमिश्नर रहे राज्यपाल के नए सचिव अमृत कुमार खलको को मौजूद थे. अमृत खलको को राजभवन में जॉइनिंग नहीं दी गई है. ऐसे में नाराजगी दूर करने के संबंध में चर्चा के कयास लगाए जा रहे हैं.

रायपुर: संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर शुक्रवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की. मंत्रियों के मुलाकात पर कयास लगाए जा रहे थे कि राज्यपाल और सरकार के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए मंत्री राजभवन पहुंचे हैं. लेकिन मंत्री रविंद्र चौबे और CM भूपेश बघेल ने इन कयासों पर विराम लगा दिया है.

सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद विवाद से इंकार

मुलाकात के बाद रविंद्र चौबे ने बताया कि यह एक औपचारिक मुलाकात थी. राज्यपाल हमारे संविधानिक प्रमुख हैं. सरकार समय-समय पर उनसे कई विषयों पर चर्चा करती है. सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद पर उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई टकराव की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण विषयों पर राज्यपाल से चर्चा की गई है. राज्यपाल की ओर से जो जानकारी मांगी जाती है. सरकार वह जानकारी उपलब्ध कराती है.

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क्यों लगाए जा रहे विवाद के कयास

बुधवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके के सचिव सोन मणिवोरा को सरकार ने हटा दिया था. लेकिन राज्यपाल अनुसुइया उइके अपने सचिव को रिलीव करने के मूड में नहीं है. वहीं दूसरी ओर गुरुवार को राजभवन की उप सचिव प्रोतिमा यादव को भी हटा कर मंत्रालय के जीएडी में पदस्थ किया गया है. सचिव को हटाने के बाद राज्यपाल ने सीएम को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है. जिसके बाद विवाद के कयास लगाए जा रहे थे.

CM बघेल ने किया विवाद से इंकार

मरवाही जाने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान राज्यपाल और सरकार के बीच किसी भी तरह का विवाद होने की बात से साफ इंकार किया है. उन्होंने कहा कि सबके अपने दायित्व कर्तव्य और अधिकार संविधान के माध्यम से सुनिश्चित हैं. उसी दायरे में रहकर हमारी सरकार काम कर रही है.

पढ़ें: कोरोना काल में 30 प्रतिशत बीपीएल कार्डधारियों को नहीं मिला राशन, बीजेपी पार्षदों ने सौंपा ज्ञापन

मंत्रियों के अचानक पहुंचने से चर्चा तेज

राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा और उप सचिव प्रोतिमा यादव को हटाए जाने के बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर सरकार के दो मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर को राजभवन भेजा. मुलाकात के दौरान बस्तर कमिश्नर रहे राज्यपाल के नए सचिव अमृत कुमार खलको को मौजूद थे. अमृत खलको को राजभवन में जॉइनिंग नहीं दी गई है. ऐसे में नाराजगी दूर करने के संबंध में चर्चा के कयास लगाए जा रहे हैं.

Last Updated : Oct 16, 2020, 5:53 PM IST
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