रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि, लाॅकडाउन की स्थिति में राज्यों के अंदर कुछ आवश्यक आर्थिक गतिविधियां चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए. इसी प्रकार उन्होंने संकट के समय एमएसएमई सेक्टर को बचाने के लिए केन्द्र सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग की साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अधिक से अधिक सैम्पल लिए जाने और वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुए अंतर्राज्यीय सड़क, वायु, रेल सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव दिया.
सीएम बघेल आज प्रधानमंत्री की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ली गयी विडियो काॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अपने सुझाव दिए. मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि पीपीई किट की संख्या बढ़ाने के साथ ही कोरोना टेस्ट की सुविधा भी बढ़ाई जानी चाहिए. उन्होंने केन्द्रीय विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित रखी जाए या फिर परीक्षा ऑनलाइन कराई जाए.
'MSME सेक्टर को मिले आर्थिक पैकेज'
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से परीक्षण किट की खरीदी के लिए तय की गई गाइडलाइन में स्पष्ट निर्देश नहीं होने से संशय की स्थिति बनी हुई है. इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य में एमएसएमई सेक्टर की ओर से लगातार आर्थिक पैकेज की मांग की जा रही है. लाॅकडाउन की लंबी अवधि के कारण लोगों को सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले इस महत्वपूर्ण सेक्टर का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. उन्होंने इन उद्योगों को बचाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शीघ्र आर्थिक पैकेज दिए जाने की घोषणा करने का अनुरोध किया.
कोरोना वायरस संक्रमण से प्रदेश में एक भी मौत नहीं
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य देश के सर्वप्रथम राज्यों में शामिल है, जहां 21 मार्च 2020 को लाॅकडाउन लागू किया गया. सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन होने और पूर्ण लाॅकडाउन के कारण यहां कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है. राज्य में कोरोना संक्रमण से कुल 18 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं। इनमें अब तक 10 स्वस्थ्य हो चुके हैं। शेष 8 मरीजों की हालत सामान्य है. तबलीगी जमात के 7 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. इन सभी को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया है, उनकी हालत भी सामान्य है.
महज पांच जिलों में मिले कोरोना संक्रमित'
राज्य में अब तक किसी भी व्यक्ति की कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि राज्य के 28 जिलों में केवल 5 जिलों से ही कोरोना संक्रमण के मरीज पाए गए हैं. बाकी 23 जिलों में संक्रमित व्यक्ति नहीं मिलेे हैं. प्रदेश में अब तक 3,473 सैम्पल लिए गए हैं. प्रतिदिन औसत 133 सेम्पल लिए जा रहे हैं, जो बेहद कम परीक्षण होने के कारण यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि वास्तव में कोविड-19 वायरस की स्थिति नियंत्रण में है अथवा नहीं। प्रतिदिन 3 से 5 हजार सेम्पल लेने की आवश्यकता है. इस संबंध में पूर्व में भी अनुरोध किया गया है.
तबलीगी जमात के 107 सदस्यों को क्वॉरंटाइन रखा गया
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य में तबलीगी जमात के 107 सदस्यों को क्वॉरंटाइन रखा गया है. इनमें से एक सदस्य का इलाज चल रहा था, कल ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा में हजारों लोग फंसे हैं, उन्हें अभी राज्य की सीमा के बाहर ही क्वॉरंटाइन करके रखा गया है. लेकिन इन लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इनमें कई यात्री और परिवार के लोग भी हैं जो अपने घरों में जाना चाहते हैं, इस संबंध में दिशा-निर्देश की अपेक्षा है.
'47 लाख परिवारों को बांटा निशुल्क राशन'
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 56 लाख परिवारों में से 47 लाख गरीब परिवारों को दो माह का एक मुश्त राशन निःशुल्क दिया गया है, इसके अलावा, शक्कर, नमक का वितरण किया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य में बाजार बंद हैं, जिससे वनोपज की खरीदी-बिक्री नहीं हो पा रही है. अनुसूचित क्षेत्रों में लघुवनोपज महुआ, इमली के संग्रहण और खरीदी का कार्य वन समितियों के माध्यम से चल रहा है. इस प्रकार की गतिविधियों के संचालन के लिए राज्यों को अनुमति मिलनी चाहिए. प्रदेश में ढ़ाई लाख परिवारों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है. 77 हजार लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. राज्य की सीमाओं में 10 हजार लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है.
'आर्थिक गतिविधियों में मिले छूट'
मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौरान मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सड़क, वायु और रेल के माध्यम से अंतर्राज्यीय आवागमन सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव दिया. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या और उनकी स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया जाना उचित होगा कि कुछ आवश्यक आर्थिक गतिविधियों में छूट दी जाए अथवा नहीं, यह निर्णय लिए जाने का अधिकार राज्यों को दिया जाना उचित होगा.
'जरूरत के हिसाब से बनानी होगी कार्ययोजना'
वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए निश्चित रूप से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा, जिसके लिए अभी से राज्य के हालातों के अनुरूप कार्य योजना बनाने की आवश्यकता के अनुरूप कार्य योजना बनानी पड़ेगी, जिससे भयंकर आथिक संकट से अपने प्रदेश को उबारा जा सके. इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव स्वास्थ्य निहारिका बारिक सिंह, खाद्य सचिव कमलप्रीत सिंह मौजूद रहे.