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CM बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की हैं.

CM Baghel wrote letter to PM and demanded inclusion of Chhattisgarhi language in 8th schedule
CM बघेल ने पीएम को लिखा पत्र
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Published : Aug 15, 2020, 9:33 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. सीएम बघेल ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि भारतीय गणतंत्र का 26 वां राज्य छत्तीसगढ़ के गठन का यह बीसवां वर्ष है, लेकिन सांस्कृतिक नजरिए से इस राज्य की अलग पहचान का इतिहास अत्यंत प्राचीन है.

छत्तीसगढ़ राज्य की भाषा छत्तीसगढ़ी का भी इतिहास है और यह विशेष उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हीरालाल काव्योपाध्याय ने तैयार किया था. जिसका संपादन और अनुवाद प्रसिद्ध भाषाशास्त्री जार्ज ए. ग्रियर्सन ने किया था, जो सन् 1890 में जर्नल ऑफ द एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल में प्रकाशित हुआ था. यही नहीं, छत्तीसगढ़ का विपुल और स्तरीय साहित्य उपलब्ध है और इसमें निरंतर बढ़ोतरी हो रही है.

छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी की उपबोलियां और कुछ अन्य भाषाएं भी प्रचलन में हैं. लेकिन राज्य की बहुसंख्या जनता की भाषा और अन्य क्षेत्रीय बोलियों के साथ संपर्क भाषा छत्तीसगढ़ी ही है. राज्य में राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त की जाने वाली भाषा के रूप में हिन्दी के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ी को अंगीकार किया गया है. साथ ही राज्य में प्रतिवर्ष 28 नवम्बर को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनाया जाता है.

पढ़ें-स्वतंत्रता दिवस पर भी सियासत: केंद्र सरकार पर मुख्यमंत्री बघेल का हमला

उन्होंन लिखा है कि जनभावना और आवश्यकता के अनुरूप राज्य के विचारों की परम्परा और राज्य की समग्र भाषाई विविधता के परीक्षण, प्रचलन और विकास आदि के लिए छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का भी गठन किया गया है.

छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के संबंध में केन्द्र शासन की ओर से यह अवगत कराया जाता रहा है कि छत्तीसगढ़ी सहित देश की अन्य भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना विचाराधीन है.

पीएम मोदी से आग्रह

सीएम ने आगे लिखा है कि 'इस परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य की पौने तीन करोड़ जनता की भावना के अनुरूप आपसे (पीएम मोदी) अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ी की भाषा समृद्धि और जनभावना को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ी को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना आवश्यक है. कृपया इस पर विचार कर राज्य की जनता की भावनाओं के अनुरूप त्वरित और सकारात्मक निर्णय लेंगे'.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. सीएम बघेल ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि भारतीय गणतंत्र का 26 वां राज्य छत्तीसगढ़ के गठन का यह बीसवां वर्ष है, लेकिन सांस्कृतिक नजरिए से इस राज्य की अलग पहचान का इतिहास अत्यंत प्राचीन है.

छत्तीसगढ़ राज्य की भाषा छत्तीसगढ़ी का भी इतिहास है और यह विशेष उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हीरालाल काव्योपाध्याय ने तैयार किया था. जिसका संपादन और अनुवाद प्रसिद्ध भाषाशास्त्री जार्ज ए. ग्रियर्सन ने किया था, जो सन् 1890 में जर्नल ऑफ द एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल में प्रकाशित हुआ था. यही नहीं, छत्तीसगढ़ का विपुल और स्तरीय साहित्य उपलब्ध है और इसमें निरंतर बढ़ोतरी हो रही है.

छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी की उपबोलियां और कुछ अन्य भाषाएं भी प्रचलन में हैं. लेकिन राज्य की बहुसंख्या जनता की भाषा और अन्य क्षेत्रीय बोलियों के साथ संपर्क भाषा छत्तीसगढ़ी ही है. राज्य में राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त की जाने वाली भाषा के रूप में हिन्दी के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ी को अंगीकार किया गया है. साथ ही राज्य में प्रतिवर्ष 28 नवम्बर को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनाया जाता है.

पढ़ें-स्वतंत्रता दिवस पर भी सियासत: केंद्र सरकार पर मुख्यमंत्री बघेल का हमला

उन्होंन लिखा है कि जनभावना और आवश्यकता के अनुरूप राज्य के विचारों की परम्परा और राज्य की समग्र भाषाई विविधता के परीक्षण, प्रचलन और विकास आदि के लिए छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का भी गठन किया गया है.

छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के संबंध में केन्द्र शासन की ओर से यह अवगत कराया जाता रहा है कि छत्तीसगढ़ी सहित देश की अन्य भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना विचाराधीन है.

पीएम मोदी से आग्रह

सीएम ने आगे लिखा है कि 'इस परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य की पौने तीन करोड़ जनता की भावना के अनुरूप आपसे (पीएम मोदी) अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ी की भाषा समृद्धि और जनभावना को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ी को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना आवश्यक है. कृपया इस पर विचार कर राज्य की जनता की भावनाओं के अनुरूप त्वरित और सकारात्मक निर्णय लेंगे'.

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