रायपुर: नगर निगम की सामान्य सभा में हंगामे के बाद शहर के गार्डन में 5% एरिया में चौपाटी खोलने का फैसला लिया गया. विपक्ष द्वारा लगातार विरोध किए जाने के बावजूद संख्या बल के आधार पर यह एजेंडा सामान्य सभा में पास हुआ. इस फैसले को लेकर रायपुर शहर की जनता की क्या राय है. यह जानने ईटीवी भारत की टीम अलग-अलग गार्डन में निकली और लोगों की राय जानी.
शहर की जनता ने इस फैसले को लेकर अपनी अलग राय दी है और ज्यादातर लोगों का कहना है. नगर निगम को इस फैसले पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, जो फैसला लिया गया है बेहद ही गलत है.
अनिल शुक्ला ने कहा शहर के नागरिकों के लिए घूमने फिरने और शुद्ध हवा के लिए गार्डन का निर्माण किया गया है. अगर गार्डन में चौपाटी लगाई जाएगी, तो यह प्रदूषण के प्रति बढ़ावा देना होगा. कैंपस के बाहर कि कैंपस के बाहर अगर चौपाटी निर्माण की व्यवस्था की जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा.
रायपुर नगर निगम गार्डन में रोजाना आने वाले महेंद्र मोदी ने कहा कि निगम का फैसला सभी के दृष्टिकोण से बहुत गलत है. रायपुर शहर में खुली जगह जगह बहुत कम है. अगर गार्डन में कमर्शियल में एक्टिविटी और खाने पीने की चीजें लगाई जाएगी, तो वह तो पूरा गार्डन में गंदगी होगी और बीमारी फैलने कभी खतरा रहेगा. इसके अलावा असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा होगा. नगर निगम का फैसला बहुत ही गलत है इसमें फिर से विचार करना चाहिए.
शिवेंद्र गुप्ता ने बताया की नगर निगम द्वारा फैसला लिया गया है, तो सभी उद्यानों में में यह नहीं होना चाहिए. रायपुर शहर में ग्रीनरी वाले एरिया बहुत कम बचे हैं. अगर नगर निगम ऐसा कुछ प्लान कर रही है तो एक या दो गार्डन में ऐसी सुविधा की जाए. बाकी सभी गार्डन को वैसा ही रहने दिया जाए. अगर दुकानें खोली जाती है तो साफ सफाई कि सिर्फ बात होती है लेकिन गंदगी दिखाई देती है जिससे ग्रीनरी भी प्रभावित होगी.
रायपुर के उद्यानों की 5 प्रतिशत जमीन पर बनेगी चौपाटी, सामान्य सभा में लिया गया फैसला
गांधी उद्यान में रोजाना वाकिंग करने वाले मनोज कुमार उन्हें कहा की नगर निगम का फैसला मेरे हिसाब से सही नहीं है. उद्यान को उद्यान के स्वरूप में ही रहना चाहिए. स्वच्छ वातावरण साफ-सफाई तो यह ज्यादा उचित है लेकिन अगर चौपाटी खोलने का प्लान है तो गार्डन के बाहर इसे डिवेलप किया जाए. अगर गार्डन के अंदर कमर्शियल एक्टिविटी शुरू होंगी तो असुरक्षा का माहौल होगा. इसके अलावा गंदगी भी फैलेगी. इस तरह की एक्टिविटी ना ही की जाए तो बेहतर है अगर नगर निगम कुछ करना चाहता है तो गार्डन एरिया के बाहर चौपाटी डेवलप कर सकता है.
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने सत्ता पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा कि नगर निगम में बहुमत की दादागिरी है. हमने बहुत कोशिश की कि गार्डन की 5% भूमि को अनुबंध करने की जो बात है. वह पूरी तरह से गलत है. हमने तर्कों के आधार पर बताया कि शहर के 70 वार्डों में जो नजूल की जमीन में इस तरह की एक्टिविटी डिवेलप करें. लेकिन इस परिषद की मंशा हमें समझ नहीं आती.
मीनल चौबे ने कहा कि यह परिषद सिर्फ पैसा कमाने के लिए रिकॉर्ड तोड़ देगी. पूरे शहर को बेचने की तैयारी हो रही है. मुझे ऐसा लगता है,, गार्डन को भी यह लोग नहीं बचा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी का पार्षद दल इनके इन फैसलों का पूरा विरोध करेगा. जनता तक पहुंच कर बताएगा कि कांग्रेस की परिषद गलत फैसले ले रही है आने वाले समय में चुनाव में जनता इन्हें मजा जरूर चखाएगी.
रायपुर में 165 उद्यान
राजधानी के 70 वार्डों में रायपुर नगर निगम के तकरीबन 165 से अधिक उद्यान है शहर के 80 गार्डन के पास प्रतिशत हिस्से में नाश्ते चाय की गुमटी लगेगी, इसकी शुरुआत नगर निगम के सामने बने उद्यान के 5% क्षेत्र से की जाएगी.
नगर निगम द्वारा गार्डन के 5% हिस्से को 5 साल के लिए निजी हाथों में सौंपा जाएगा जहां खाने-पीने की स्टॉल लगाए जाएंगे,, नगर निगम का कहना है कि गार्डन ओके मेंटेनेंस यहीं से आने वाले आंखों से होगा एक गार्डन में न्यूनतम 2 लाख रुपए सालाना लाइसेंस की फीस रहेगी,, जहां लाइसेंस लेने वाले एजेंसी द्वारा चौपाटी डिवेलप की जाएगी, इसके साथ ही गार्डन के 20 प्रतिशत एरिया में इवेंट करने की अनुमति होगी.