रायपुर: लॉकडाउन के कारण किसानों को हो रहे नुकसान को देखते हुए छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने इस विषय पर ETV भारत से बात की है. संजय पराते ने कहा है कि रबी मौसम की फसलों की खरीदी की अभी तक घोषणा नहीं हुई है. जबकि केंद्र सरकार ने राज्य में उत्पादित रबी फसलों का 25 प्रतिशत लेने की घोषणा की है. साथ ही मसूर और चना की खरीदी के लिए आवश्यक राशि भी जारी कर दी है.
पराते ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बाद प्रदेश की अधिकांश फसल खराब हो गई है. इसके बाद लॉकडाउन ने सब्जी उत्पादक और पशुपालक किसानों सहित सभी किसानों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में किसानों की बची-कुची फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनके गांव में ही खरीदने की व्यवस्था सरकार को करना चाहिए, ताकि उसे सोसायटियों और मंडियों में होने वाली लूट से बचाया जा सके.
केंद्र और राज्य सरकारों से आर्थिक पैकेज की मांग
किसान सभा अध्यक्ष ने कहा है कि खेती-किसानी के काम को मनरेगा के दायरे में लाकर किसानों को सुरक्षा दी जा सकती है. यह सुरक्षा ही किसानों को खरीफ की खेती के लिए सक्षम बनाएगी. किसान सभा ने कोरोना संकट के कारण किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से आर्थिक पैकेज दिए जाने की भी मांग की है.