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छत्तीसगढ़ में नए साल के पहले दिन बरपा हंगामा, बीएड सहायक शिक्षकों का हल्ला बोल - BED ASSISTANT TEACHERS JOBS ENDED

छत्तीसगढ़ में नए साल पर बीएड सहायक शिक्षकों की नौकरी टर्मिनेट कर दी गई है. जिसके बाद रायपुर में शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया .

TEACHERS PROTEST AT RAIPUR
साय सरकार के खिलाफ हल्ला बोल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 1, 2025, 5:28 PM IST

Updated : Jan 2, 2025, 4:34 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने 31 दिसंबर 2024 की देर रात को सहायक शिक्षकों के टर्मिनेशन का आदेश जारी किया. जिसके बाद सहायक शिक्षकों की नौकरी समाप्त हो गई. रायपुर के बीजेपी कार्यालय में पहुंचकर शिक्षकों ने अपना विरोध जताया और सरकार से नौकरी की मांग की. ईटीवी भारत के कैमरे पर शिक्षकों ने अपने दर्द और पीड़ा को एक एक कर बयां किया. सहायक शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने देर रात उनके बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया. जबकि सरकार की तरफ से उन्हें बार-बार यह भरोसा दिया जाता रहा है कि उनके लिए सरकार कुछ करेगी लेकिन देर रात उनकी बर्खास्त की का आदेश जारी हो गया.

"हम लोग सड़क पर आ गए": भाजपा प्रदेश कार्यालय में अपना विरोध जताने पहुंचे सहायक शिक्षकों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वह लोग सड़क पर आ गए हैं. उनके जीने का अब कोई आधार बचा ही नहीं. विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे कई शिक्षक बेहोश हो गए जिनको भाजपा पार्टी कार्यालय से एंबुलेंस में ले जाया गया. भाजपा प्रदेश कार्यालय में हजारों की संख्या में शिक्षक पहुंचे थे और अपना विरोध जाता रहे थे.

रायपुर में बीएड शिक्षकों का प्रदर्शन (ETV BHARAT)

"सरकार भरोसा देती रही और दूसरा काम कर दिया": ईटीवी भारत से बात करते हुए शिक्षकों ने कहा कि साय सरकार की तरफ से यह कहा जाता रहा है कि सरकार उनके हित का काम करेगी. लेकिन अब उनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया गया.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में हुए काम को लेकर सहायक शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने सरकार को यह निर्देश जारी किया था कि सरकार अपने अनुसार उनके लिए फैसला ले सकती है. जबकि सरकार ने इस दिशा में कोई काम ही नहीं किया.

महिला शिक्षकों के आंखों से निकले आंसू: कुछ महिला शिक्षकों ने ईटीवी भारत से रोते हुए अपनी पीड़ा बताई. उनका कहना था कि सरकार उनकी किसी बात को सुन ही नहीं रही है. सबसे बड़ी बात कि जिनके पास जाते हैं वह कोई निदान दे ही नहीं पाते. शिक्षकों का कहना था कि लगातार हम लोग इस बात को हर दरवाजे पर रखते रहे हैं. शिक्षा मंत्री, उप मुख्यमंत्री सबके पास जाकर के हम लोगों ने अपनी बातें रखी हैं लेकिन कहीं से हम लोगों को किसी तरह की कोई राहत नहीं मिली. अब अंत में हम लोगों को बर्खास्त कर दिया गया.

हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हमने अपने मेरिट पर नौकरी हासिल की. सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया गलत थी तो इसकी सजा हम क्यों भुगते. हमें सरकार को समायोजित करना चाहिए- प्रदर्शनकारी शिक्षक

मैं फरसाबहार में शिक्षिका हूं. एक झटके में सरकार ने हमें टर्मिनेट कर दिया है. मुझे भी टर्मिनेट कर दिया गया है. हमारी पीड़ा कोई सुन नहीं रहा है- प्रदर्शनकारी शिक्षक

छावनी में तब्दील बीजेपी कार्यालय: शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन के बीच पूरा भाजपा कार्यालय पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. भारी संख्या में पुलिस बल भाजपा कार्यालय में पहुंचा हुआ था, जिसका नेतृत्व खुद रायपुर के सीनियर एसपी लाल उमेद सिंह कर रहे थे . शिक्षकों को भाजपा प्रदेश कार्यालय से बाहर निकाला गया उसके बाद सभी लोगों को बसों में बिठाकर दूसरी जगह ले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई. बसों में जिन शिक्षकों को ले जाया जा रहा था उनसे बात की गई. उन लोगों ने भी अपनी नाराजगी ईटीवी भारत के साथ साझा की. उन्होंने कहा कि हम लोगों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.

कांग्रेस ने साय सरकार पर बोला हमला: शिक्षकों की नौकरी टर्मिनेट करने के आदेश पर कांग्रेस ने हमला बोला है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 3000 सहायक शिक्षकों को बर्खास्त किया जाना. यह बेहद निंदनीय है. कांग्रेस इसकी कड़ी आलोचना करती है. हम सरकार से मांग करते हैं कि इन शिक्षकों की फिर से बहाली की जाए.

यह सरकार जब से बनी है, युवाओं को रोजगार देने की बजाय उनका रोजगार छीन रही है. शिक्षक बड़ी आशा लेकर भाजपा कार्यालय पहुंचे थे . वहां पर उनके साथ बदतमीजी की गई. रोते हुए शिक्षकों को मारापीटा गया. 3000 शिक्षकों में से 70 फ़ीसदी अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं , मुख्यमंत्री खुद अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं. यह गरीब आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकते- सुशील आनंद, अध्यक्ष, कांग्रेस मीडिया विभाग छत्तीसगढ़

सहायक शिक्षकों के मसले पर पूरे प्रदेश में अब सियासी पारा हाई है. कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. सहायक शिक्षक सड़क पर हैं. ऐसे में देखना होगा कि साय सरकार अब शिक्षकों के टर्मिनेशन के इस पैसले पर क्या रुख अपनाती है. सहायक शिक्षकों के लिए कब गुड न्यूज सामने आती है.

BEd सहायक शिक्षकों का बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रदर्शन, पुलिस के साथ झूमाझटकी

नए साल के पहले दिन बड़ा सड़क हादसा, खडी ट्रक से जा भिड़े बाइक सवार, तीन की दर्दनाक मौत

छत्तीसगढ़ में बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट, साय सरकार से की अपील

रायपुर: छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने 31 दिसंबर 2024 की देर रात को सहायक शिक्षकों के टर्मिनेशन का आदेश जारी किया. जिसके बाद सहायक शिक्षकों की नौकरी समाप्त हो गई. रायपुर के बीजेपी कार्यालय में पहुंचकर शिक्षकों ने अपना विरोध जताया और सरकार से नौकरी की मांग की. ईटीवी भारत के कैमरे पर शिक्षकों ने अपने दर्द और पीड़ा को एक एक कर बयां किया. सहायक शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने देर रात उनके बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया. जबकि सरकार की तरफ से उन्हें बार-बार यह भरोसा दिया जाता रहा है कि उनके लिए सरकार कुछ करेगी लेकिन देर रात उनकी बर्खास्त की का आदेश जारी हो गया.

"हम लोग सड़क पर आ गए": भाजपा प्रदेश कार्यालय में अपना विरोध जताने पहुंचे सहायक शिक्षकों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वह लोग सड़क पर आ गए हैं. उनके जीने का अब कोई आधार बचा ही नहीं. विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे कई शिक्षक बेहोश हो गए जिनको भाजपा पार्टी कार्यालय से एंबुलेंस में ले जाया गया. भाजपा प्रदेश कार्यालय में हजारों की संख्या में शिक्षक पहुंचे थे और अपना विरोध जाता रहे थे.

रायपुर में बीएड शिक्षकों का प्रदर्शन (ETV BHARAT)

"सरकार भरोसा देती रही और दूसरा काम कर दिया": ईटीवी भारत से बात करते हुए शिक्षकों ने कहा कि साय सरकार की तरफ से यह कहा जाता रहा है कि सरकार उनके हित का काम करेगी. लेकिन अब उनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया गया.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में हुए काम को लेकर सहायक शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने सरकार को यह निर्देश जारी किया था कि सरकार अपने अनुसार उनके लिए फैसला ले सकती है. जबकि सरकार ने इस दिशा में कोई काम ही नहीं किया.

महिला शिक्षकों के आंखों से निकले आंसू: कुछ महिला शिक्षकों ने ईटीवी भारत से रोते हुए अपनी पीड़ा बताई. उनका कहना था कि सरकार उनकी किसी बात को सुन ही नहीं रही है. सबसे बड़ी बात कि जिनके पास जाते हैं वह कोई निदान दे ही नहीं पाते. शिक्षकों का कहना था कि लगातार हम लोग इस बात को हर दरवाजे पर रखते रहे हैं. शिक्षा मंत्री, उप मुख्यमंत्री सबके पास जाकर के हम लोगों ने अपनी बातें रखी हैं लेकिन कहीं से हम लोगों को किसी तरह की कोई राहत नहीं मिली. अब अंत में हम लोगों को बर्खास्त कर दिया गया.

हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हमने अपने मेरिट पर नौकरी हासिल की. सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया गलत थी तो इसकी सजा हम क्यों भुगते. हमें सरकार को समायोजित करना चाहिए- प्रदर्शनकारी शिक्षक

मैं फरसाबहार में शिक्षिका हूं. एक झटके में सरकार ने हमें टर्मिनेट कर दिया है. मुझे भी टर्मिनेट कर दिया गया है. हमारी पीड़ा कोई सुन नहीं रहा है- प्रदर्शनकारी शिक्षक

छावनी में तब्दील बीजेपी कार्यालय: शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन के बीच पूरा भाजपा कार्यालय पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. भारी संख्या में पुलिस बल भाजपा कार्यालय में पहुंचा हुआ था, जिसका नेतृत्व खुद रायपुर के सीनियर एसपी लाल उमेद सिंह कर रहे थे . शिक्षकों को भाजपा प्रदेश कार्यालय से बाहर निकाला गया उसके बाद सभी लोगों को बसों में बिठाकर दूसरी जगह ले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई. बसों में जिन शिक्षकों को ले जाया जा रहा था उनसे बात की गई. उन लोगों ने भी अपनी नाराजगी ईटीवी भारत के साथ साझा की. उन्होंने कहा कि हम लोगों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.

कांग्रेस ने साय सरकार पर बोला हमला: शिक्षकों की नौकरी टर्मिनेट करने के आदेश पर कांग्रेस ने हमला बोला है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 3000 सहायक शिक्षकों को बर्खास्त किया जाना. यह बेहद निंदनीय है. कांग्रेस इसकी कड़ी आलोचना करती है. हम सरकार से मांग करते हैं कि इन शिक्षकों की फिर से बहाली की जाए.

यह सरकार जब से बनी है, युवाओं को रोजगार देने की बजाय उनका रोजगार छीन रही है. शिक्षक बड़ी आशा लेकर भाजपा कार्यालय पहुंचे थे . वहां पर उनके साथ बदतमीजी की गई. रोते हुए शिक्षकों को मारापीटा गया. 3000 शिक्षकों में से 70 फ़ीसदी अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं , मुख्यमंत्री खुद अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं. यह गरीब आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकते- सुशील आनंद, अध्यक्ष, कांग्रेस मीडिया विभाग छत्तीसगढ़

सहायक शिक्षकों के मसले पर पूरे प्रदेश में अब सियासी पारा हाई है. कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. सहायक शिक्षक सड़क पर हैं. ऐसे में देखना होगा कि साय सरकार अब शिक्षकों के टर्मिनेशन के इस पैसले पर क्या रुख अपनाती है. सहायक शिक्षकों के लिए कब गुड न्यूज सामने आती है.

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Last Updated : Jan 2, 2025, 4:34 PM IST
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