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छत्तीसगढ़ सरकार ने NIA कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, बताया असंवैधानिक

देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने एनआईए कानून 2008 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में NIA कानून को चुनौती दी है. राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र राज्य सरकार के पुलिस के मामले में दखल नहीं दे सकती.

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Published : Jan 15, 2020, 2:33 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 5:29 PM IST

Chhattisgarh govt challenged NIA in Supreme court
NIA को छत्तीसगढ़ सरकार ने SC में दी चुनौती

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआईए कानून-2008 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सरकार ने कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग भी की है. छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा कि, 'NIA कानून केंद्र सरकार को मनमानी करने का अधिकार देता है'.

देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने एनआईए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआईए को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि, 'एजेंसी राज्य सरकार की पुलिस के मामले में दखल नहीं दे सकती'.

NIA को छत्तीसगढ़ सरकार ने SC में दी चुनौती

इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर दी है. पिटीशन में राज्य सरकार ने कहा है कि, 'किसी भी मामले की जांच का अधिकार एनआईए को नहीं मिलना चाहिए'.

पढ़ेंः-गिट्टी खदान दिलाने के नाम पर ठेकेदारों से लाखो रूपये की ठगी

बता दें कि पिछले दिनों भीमा मंडावी हत्याकांड मामले की भी जांच का अधिकार राज्य सरकार से छीन कर हाईकोर्ट ने एनआईए को सौंप दिया था. मामले को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में भी रिट अपील दायर की थी, जहां फिर से हाईकोर्ट ने एनआईए के अधिकारों का हवाला देते हुए मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया था, जिससे सरकार की बहुत फजीहत हुई थी. हाईकोर्ट में हार के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

पढ़ेंः-सीएम निवास में कैबिनेट की बैठक, दो अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

राज्य सरकार ने याचिका में कहा है कि, 'केंद्र सरकार किसी भी मामले में मनमाने तरीके से एनआईए जांच करवाती है. इस कारण राज्य सरकार के अधिकारों का हनन होता है'. याचिका में राज्य सरकार के अधिकारों का भी हवाला दिया गया है.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआईए कानून-2008 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सरकार ने कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग भी की है. छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा कि, 'NIA कानून केंद्र सरकार को मनमानी करने का अधिकार देता है'.

देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने एनआईए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआईए को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि, 'एजेंसी राज्य सरकार की पुलिस के मामले में दखल नहीं दे सकती'.

NIA को छत्तीसगढ़ सरकार ने SC में दी चुनौती

इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर दी है. पिटीशन में राज्य सरकार ने कहा है कि, 'किसी भी मामले की जांच का अधिकार एनआईए को नहीं मिलना चाहिए'.

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बता दें कि पिछले दिनों भीमा मंडावी हत्याकांड मामले की भी जांच का अधिकार राज्य सरकार से छीन कर हाईकोर्ट ने एनआईए को सौंप दिया था. मामले को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में भी रिट अपील दायर की थी, जहां फिर से हाईकोर्ट ने एनआईए के अधिकारों का हवाला देते हुए मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया था, जिससे सरकार की बहुत फजीहत हुई थी. हाईकोर्ट में हार के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

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राज्य सरकार ने याचिका में कहा है कि, 'केंद्र सरकार किसी भी मामले में मनमाने तरीके से एनआईए जांच करवाती है. इस कारण राज्य सरकार के अधिकारों का हनन होता है'. याचिका में राज्य सरकार के अधिकारों का भी हवाला दिया गया है.

Intro:         देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने एनआईए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआईए को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वे राज्य सरकार की पुलिस के अधिकारों में दखल नहीं दे सकती। Body:मामले को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर दी है। पिटीशन में राज्य सरकार ने कहा है कि किसी भी मामले की जांच का अधिकार एनआईओ को नहीं मिलना चाहिए। गौर करने वाली बात यह है कि पिछले दिनों भीमा मंडावी हत्याकांड मामले की भी जांच का अधिकार राज्य सरकार से छीन कर हाई कोर्ट ने एनआईए को सौंप दिया गया था।मामले को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में भी रिट अपील दायर की थी जहां फिर से हाईकोर्ट ने एनआईए के अधिकारों का हवाला देते हुए मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप दिया था जिससे सरकार की काफी फजीहत हुई थी। हाईकोर्ट में हार के बाद से ही राज्य सरकार ने यह मन बना लिया था कि एनआईए मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जानी है।Conclusion:याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार किसी भी मामले में मनमाने तरीके से एनआईए जांच करवाती है जिस कारण राज्य सरकार के अधिकारों का हनन होता है। याचिका में राज्य सरकार के अधिकारों का भी हवाला दिया गया है।
Byte-advocate general Satish Chandra Verma
Last Updated : Jan 15, 2020, 5:29 PM IST
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