रायपुर: एक और जहां आज भारत समेत अमेरिका और अन्य देशों में फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है. वहीं आज बहनों के लिए भी यह खास दिन. 7 अगस्त को राष्ट्रीय सिस्टर डे मनाया जाता है. एसएसएसए के खास मौके पर हम आपको छत्तीसगढ़ के ऐसी बहनों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनके बीच नासिर अटूट प्रेम है बल्कि गायकी के क्षेत्र में भी इन बहनों का बड़ा नाम है. जी हां हम बात कर रहे हैं जोशी बहनों की छत्तीसगढ़ की लोक गायिका जोशी बहनें. प्रदेश ही नहीं दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है...
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तीन बहने एक नाम से ही जानी जाती है: यूं तो लोक गायिका रमा जोशी, प्रभा जोशी, और रेखा जोशी तीन बहनें हैं लेकिन यह एक नाम से जानी और पुकारी जाती है. जोशी बहनो का नाम छत्तीसगढ़ में प्रचलित है.
हिट गाने देने वाली लोक गायिक: वैसे तो जोशी बहनो ने बहुत से लोक गाने गए है. लेकिन सास गारी देवे, ननद समझा लेवे ससुराल गेंदा फूल सबसे लोकप्रिय हुआ. बाद में इस गाने को बॉलीवुड फिल्म दिल्ली 6 गाने में लिया गया है.
बहनो को देख मैं भी उनके साथ गाने लगी: प्रभा दत्त जोशी ने बताया "वे जब छोटी थी तब उनकी बड़ी बहने रमा जोशी,डॉ. रेखा दत्ता जोशी संगीत सीखा करती थी. उन्हें गाना देखते मुझमें भी गाने की प्रेरणा मिली और मैने संगीत गाना शुरू किया.
जोशी बहनो में छोटी प्रभा जोशी ने बताया: प्रभा जोशी ने बताया कि "उनके पिता पण्डित विष्णु दत्ता जोशी उत्तराखंड से रायपुर राजकुमार कॉलेज आए थे. उन्होने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में भाग भी लिया. हमारा जन्म छत्तीसगढ़ में ही हुआ और हम अपने आप को सौभाग्य शाली मानते है कि हमारा जन्म इस प्रदेश में हुआ है. आज हमें बहुत प्यार मिल रहा है.
गंगा राम शिवहारे से सीखा संगीत: प्रभा दत्त जोशी ने बताया कि "शुरूआत दिनों में हमें छत्तीसगढ़ नही आती थी, हमारे गुरु गंगा राम शिवहारे ने हमें छत्तीसगढ़ सिखाई और लोक गायन सिखाया. जब मैं 6 साल की थी. तब बड़ी बहनों को गाते देख मैंने भी उनके साथ गाना शुरू किया. ग्रामो नाच के लिए बनाया था. छोटे छोटे कार्यक्रम जाया करते थे.
सभी बहनों में बहुत प्यार: प्रभा दत्त जोशी ने बताया कि "हम तीन बहनें लोक कला के क्षेत्र में है. लेकिन हम कुल 9 बहनें हैं. सभी में बहुत प्रेम भाव है. हम सभी त्यौहार साथ में मनाते है. सभी अपने परिवार में त्यौहार तो मानते है लेकिन हम एक दिन का कार्यक्रम अपनी मां के घर में रखते है. जहां सभी मिलकर त्योहार सेलिब्रेट करते है.
लोक कलाकरों को मिले सम्मान: प्रभा दत्त जोशी ने बताया " लोग कहते है जोशी बहनों को पद्म श्री सम्मान से सम्मान मिला चाहिए, लेकिन छत्तीसगढ़ के लोगो ने हमे ने गंगा जमुना, सरस्वती का दर्जा दिया है. इससे बड़ा सम्मान और क्या हो सकता है. छत्तीसगढ़ कलाकरों का गढ़ है, हम चाहते हैं कि जो हमारे पहले से छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और लोक कला को लेकर काम कर रहे हैं ऐसे लोगों को सम्मान मिलना चाहिए. जिन्होंने अपना जीवन छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ाने में समर्पित कर दिया. हम चाहते हैं कि सरकार ऐसे लोगों का सम्मान जरूर करें जो छत्तीसगढ़ के लोककला को लेकर लबे समय से काम कर रहे है और उन्हें उस तरह का सम्मान नही मिल पाया..