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छत्तीसगढ़ में मखाने की खेती और प्रसंस्करण को अब ऐसे मिलेगा बढ़ावा - Makhana processing center

सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश के पहले मखाना प्रसंस्करण (Makhana processing center) केंद्र की शुरुआत की है. इसकी मदद से बिहार के मिथिला का मखाना अब छत्तीसगढ़ में भी उत्पादित होगा. सीएम भूपेश बघेल को इस मौके पर मखाने की माला पहनाई गई.

makhana processing center
मखाना प्रसंस्करण को मिलेगा बढ़ावा
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Published : Dec 5, 2021, 7:50 PM IST

Updated : Dec 5, 2021, 8:11 PM IST

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने सीएम आवास से गोधन न्याय योजना की राशि गौपालकों के खाते में बांटी. इस मौके पर छत्तीसगढ़ के एक नया आयाम हासिल किया है. प्रदेश के पहले मखाना प्रसंस्करण (Makhana processing center) केंद्र की शुरुआत हो गई है. सीएम ने आरंग में मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र का वर्चुअल शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने लिंगाडीह के ओजस फार्म में मखाने की खेती प्रारंभ करने वाले कृष्ण कुमार चंद्राकर दाऊ जी के नाम पर इस फार्म में उत्पादित मखाना की ‘दाऊजी‘ ब्रांड (Dauji Brand of Makhana) नाम से लॉन्चिंग भी की है.

यह भी पढ़ें: Corona vaccination in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आधी आबादी को लगा कोरोना का दोनों टीका, वैक्सीनेशन में प्रदेश अव्वल

अब छत्तीसगढ़ में मिथिला के मखाने की खेती

इस केंद्र के खुलने के बाद छत्तीसगढ़ में मखाने की खेती और उसके व्यापार (Cultivation and processing of Makhana in Chhattisgarh) को बढ़ावा मिलेगा. मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र में किसानों को मखाने की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा. यहां उन्हें हर तरह की जानकारी दी जाएगी. इस केन्द्र के जरिए किसानों के लिए मखाना बीज की उपलब्धता के साथ-साथ मखाने की खरीदी भी की जाती है. मखाना प्रसंस्करण केंद्र (Makhana processing center) की शुरुआत के मौके पर मौजूद विशेषज्ञों ने बताया मखाने की खेती से प्रति एकड़ लगभग 70 हजार रूपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया जा सकता है. गजेन्द्र चंद्राकर ने इस अवसर पर मखाने की खेती पर प्रस्तुतिकरण दिया.

चंद्राकर ने बताया कि उनके पिता कृष्ण कुमार चंद्राकर दाऊ जी ने मखाने की खेती प्रारंभ की थी. जो अब प्रदेश मे धीरे धीरे बढ़ रहा है. लिंगाडीह के ‘मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र‘ द्वारा किसानों को मखाना खेती हेतु निःशुल्क तकनीकी जानकारी, मखाना प्रक्षेत्र का समय-समय पर भ्रमण कराया जाता है. इसके साथ ही मखाने की खेती की ट्रेनिंग भी किसानों को दी जाती है.

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने सीएम आवास से गोधन न्याय योजना की राशि गौपालकों के खाते में बांटी. इस मौके पर छत्तीसगढ़ के एक नया आयाम हासिल किया है. प्रदेश के पहले मखाना प्रसंस्करण (Makhana processing center) केंद्र की शुरुआत हो गई है. सीएम ने आरंग में मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र का वर्चुअल शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने लिंगाडीह के ओजस फार्म में मखाने की खेती प्रारंभ करने वाले कृष्ण कुमार चंद्राकर दाऊ जी के नाम पर इस फार्म में उत्पादित मखाना की ‘दाऊजी‘ ब्रांड (Dauji Brand of Makhana) नाम से लॉन्चिंग भी की है.

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अब छत्तीसगढ़ में मिथिला के मखाने की खेती

इस केंद्र के खुलने के बाद छत्तीसगढ़ में मखाने की खेती और उसके व्यापार (Cultivation and processing of Makhana in Chhattisgarh) को बढ़ावा मिलेगा. मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र में किसानों को मखाने की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा. यहां उन्हें हर तरह की जानकारी दी जाएगी. इस केन्द्र के जरिए किसानों के लिए मखाना बीज की उपलब्धता के साथ-साथ मखाने की खरीदी भी की जाती है. मखाना प्रसंस्करण केंद्र (Makhana processing center) की शुरुआत के मौके पर मौजूद विशेषज्ञों ने बताया मखाने की खेती से प्रति एकड़ लगभग 70 हजार रूपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया जा सकता है. गजेन्द्र चंद्राकर ने इस अवसर पर मखाने की खेती पर प्रस्तुतिकरण दिया.

चंद्राकर ने बताया कि उनके पिता कृष्ण कुमार चंद्राकर दाऊ जी ने मखाने की खेती प्रारंभ की थी. जो अब प्रदेश मे धीरे धीरे बढ़ रहा है. लिंगाडीह के ‘मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र‘ द्वारा किसानों को मखाना खेती हेतु निःशुल्क तकनीकी जानकारी, मखाना प्रक्षेत्र का समय-समय पर भ्रमण कराया जाता है. इसके साथ ही मखाने की खेती की ट्रेनिंग भी किसानों को दी जाती है.

Last Updated : Dec 5, 2021, 8:11 PM IST
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