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Chhattisgarh farmers movement: किसान-सरकार के बीच बैठक, किसानों ने कहा-अंतिम निर्णय तक आंदोलन जारी रहेगा

Chhattisgarh farmers movement: छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे किसान आंदोलन के बीच आज किसान नेता और सरकार के बीच तकरीबन चार घंटे की बैठक हुई.

Chhattisgarh farmers movement
छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन
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Published : Jan 29, 2022, 9:05 PM IST

रायपुर: दिल्ली की तर्ज पर ही छत्तीसगढ़ में भी बीते कई दिनों से किसानों का आंदोलन बदस्तूर (Chhattisgarh farmers movement) जारी है. इस बीच आज नवा रायपुर में आंदोलनरत किसान प्रतिनिधि और मंत्रिमंडल उपसमिति की 4 घंटे लगातार बैठक चली. इस बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मंत्री मोहम्मद अकबर और मंत्री शिव डहरिया सहित अधिकारी और किसान प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में किसानों की मांगों पर बिंदुवार विस्तृत चर्चा की गई. बैठक को लेकर मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि सौहार्द वातावरण में हुई है. नवा रायपुर के संबंध में जो जमीन अधिग्रहित की गई और मुआवजे का वितरण किया गया, इस पर विस्तार से चर्चा हुई (chhattisgarh farmers movement meeting between farmer and government) है.

किसान सरकार के बीच बैठक

प्रस्तावों पर जल्द लिया जाएगा निर्णय

नवा रायपुर की बसाहट में आवास के लिए और अन्य कार्य के लिए जो पट्टा देने की मांग है, उस संबंध में भी चर्चा की गई. मुआवजे के अंतर को लेकर भी चर्चा की गई है. इसके साथ दुकान, आवास पट्टा देने से सम्बंधित मांगों को लेकर चर्चा की गई है. जिन बिंदुओं में किसानों की आपत्तियां हैं, उन प्रस्तावों को मंत्रिमंडल उपसमिति के समक्ष रखा गया है.आने वाले समय में बहुत जल्द इन प्रस्तावों पर निर्णय लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: नवा रायपुर के किसानों का आंदोलन बिगाड़ सकता है सूबे का सियासी समीकरण

प्रभावित गांवों का होगा सर्वे

जिन गांवों के लोगों को आवास के लिए पट्टे देने हैं या जिन लोगों ने पुराने अतिक्रमण किए हुए हैं, उनके पट्टों का नवीनीकरण करना है और जिन लोगों के लिए दुकान आवंटित करना है. नए राजधानी के सभी गांव में तत्काल प्रभाव से सर्वे का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. जो लोग पात्र हैं उन्हें पट्टे की पात्रता को देखते हुए मंत्रिमंडल उप समिति विचार करेगी. इस प्रकार सारे बिंदुओं को लेकर सकारात्मक बातें हुई हैं. किसान प्रतिनिधियों ने भी सकारात्मक चर्चा की है. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि इन सारी समस्याओं का जल्द निराकरण हो जाएगा.

किसानों की आपत्तियां तत्कालीन सरकार से अधिक

इस विषय में रविंद्र चौबे ने कहा कि यह सारे समझौते तत्कालीन बीजेपी सरकार के समय के हैं. उनकी आपत्तियां भी तत्कालीन सरकार से बहुत ज्यादा है. उनकी तकलीफ भी थी कि तत्कालीन सरकार ने लगातार नवा रायपुर के किसानों के साथ छलावा किया है. हालांकि इस सरकार से किसानों को बहुत उम्मीदें हैं. मुख्यमंत्री ने भी किसानों की समस्याओं को निराकृत करने के लिए मंत्रिमंडल की उपसमिति का गठन किया है. इस समिति के समक्ष आज पहली बार किसान प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी.आने वाले समय में हम सारी समस्याओं का निराकरण कर लेंगे.

जमीन का कराया जाएगा सर्वे

इस विषय में किसान आंदोलन का प्रतिनिधित्व कर रहे रूपन चंद्राकर ने मीडिया से मुखातिब हो कहा कि सभी मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. हम लोगों ने समय सीमा का उनसे आग्रह किया है. शासन के द्वारा यह कहा गया है कि जमीन का सर्वे करवाया जाएगा. सर्वे के उपरांत जो मांगे हैं, जो पट्टा और भूखंड देना है वह दिया जाएगा. सर्वे आने के बाद एक और बैठक आयोजित की जाएगी. सरकार बहुत जल्द निर्णय करने की बात कही गई है.

अंतिम निर्णय तक जारी रहेगा किसान आंदोलन

इस मामले में किसान नेता रूपन चंद्राकर ने कहा कि इस बैठक से सभी संतुष्ट हैं, लेकिन जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

रायपुर: दिल्ली की तर्ज पर ही छत्तीसगढ़ में भी बीते कई दिनों से किसानों का आंदोलन बदस्तूर (Chhattisgarh farmers movement) जारी है. इस बीच आज नवा रायपुर में आंदोलनरत किसान प्रतिनिधि और मंत्रिमंडल उपसमिति की 4 घंटे लगातार बैठक चली. इस बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मंत्री मोहम्मद अकबर और मंत्री शिव डहरिया सहित अधिकारी और किसान प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में किसानों की मांगों पर बिंदुवार विस्तृत चर्चा की गई. बैठक को लेकर मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि सौहार्द वातावरण में हुई है. नवा रायपुर के संबंध में जो जमीन अधिग्रहित की गई और मुआवजे का वितरण किया गया, इस पर विस्तार से चर्चा हुई (chhattisgarh farmers movement meeting between farmer and government) है.

किसान सरकार के बीच बैठक

प्रस्तावों पर जल्द लिया जाएगा निर्णय

नवा रायपुर की बसाहट में आवास के लिए और अन्य कार्य के लिए जो पट्टा देने की मांग है, उस संबंध में भी चर्चा की गई. मुआवजे के अंतर को लेकर भी चर्चा की गई है. इसके साथ दुकान, आवास पट्टा देने से सम्बंधित मांगों को लेकर चर्चा की गई है. जिन बिंदुओं में किसानों की आपत्तियां हैं, उन प्रस्तावों को मंत्रिमंडल उपसमिति के समक्ष रखा गया है.आने वाले समय में बहुत जल्द इन प्रस्तावों पर निर्णय लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: नवा रायपुर के किसानों का आंदोलन बिगाड़ सकता है सूबे का सियासी समीकरण

प्रभावित गांवों का होगा सर्वे

जिन गांवों के लोगों को आवास के लिए पट्टे देने हैं या जिन लोगों ने पुराने अतिक्रमण किए हुए हैं, उनके पट्टों का नवीनीकरण करना है और जिन लोगों के लिए दुकान आवंटित करना है. नए राजधानी के सभी गांव में तत्काल प्रभाव से सर्वे का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. जो लोग पात्र हैं उन्हें पट्टे की पात्रता को देखते हुए मंत्रिमंडल उप समिति विचार करेगी. इस प्रकार सारे बिंदुओं को लेकर सकारात्मक बातें हुई हैं. किसान प्रतिनिधियों ने भी सकारात्मक चर्चा की है. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि इन सारी समस्याओं का जल्द निराकरण हो जाएगा.

किसानों की आपत्तियां तत्कालीन सरकार से अधिक

इस विषय में रविंद्र चौबे ने कहा कि यह सारे समझौते तत्कालीन बीजेपी सरकार के समय के हैं. उनकी आपत्तियां भी तत्कालीन सरकार से बहुत ज्यादा है. उनकी तकलीफ भी थी कि तत्कालीन सरकार ने लगातार नवा रायपुर के किसानों के साथ छलावा किया है. हालांकि इस सरकार से किसानों को बहुत उम्मीदें हैं. मुख्यमंत्री ने भी किसानों की समस्याओं को निराकृत करने के लिए मंत्रिमंडल की उपसमिति का गठन किया है. इस समिति के समक्ष आज पहली बार किसान प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी.आने वाले समय में हम सारी समस्याओं का निराकरण कर लेंगे.

जमीन का कराया जाएगा सर्वे

इस विषय में किसान आंदोलन का प्रतिनिधित्व कर रहे रूपन चंद्राकर ने मीडिया से मुखातिब हो कहा कि सभी मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. हम लोगों ने समय सीमा का उनसे आग्रह किया है. शासन के द्वारा यह कहा गया है कि जमीन का सर्वे करवाया जाएगा. सर्वे के उपरांत जो मांगे हैं, जो पट्टा और भूखंड देना है वह दिया जाएगा. सर्वे आने के बाद एक और बैठक आयोजित की जाएगी. सरकार बहुत जल्द निर्णय करने की बात कही गई है.

अंतिम निर्णय तक जारी रहेगा किसान आंदोलन

इस मामले में किसान नेता रूपन चंद्राकर ने कहा कि इस बैठक से सभी संतुष्ट हैं, लेकिन जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

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