दिल्ली: राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने एनिमल मूवी की चर्चा राज्यसभा में की. सांसद ने कहा कि इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने रिलीज होने के लिए किस तरह अनुमति दी ये सोचने की बात है. सांसद ने कहा कि उनकी बेटी कॉलेज में पढ़ती है. जो अपनी दूसरी फ्रेंड्स के साथ एनिमल मूवी देखने गई थी. लेकिन सभी बच्चियां आधी फिल्म से ही रोते हुए उठकर चली गई. रंजन ने कहा कि एनिमल मूवी में हिंसा और महिलाओं के साथ जिस तरह का व्यवहार दिखाया गया है वो गलत है.
एनिमल मूवी पर राज्यसभा में चर्चा: युवाओं पर फिल्मों का और उनमें दिखाए गए कैरेक्टर के प्रभाव पर बोलते हुए रंजीत रंजन ने कहा कि एक हीरो को नेगेटिव रोल में दिखाने के दौरान टीनएजर बच्चे इन्हें रोल मॉडल मानने लगे हैं. कई इस तरह की हिंसा समाज में देखने को मिल रही है जिसका उदाहरण फिल्मों से देख कर लिया गया है.
राज्यसभा सांसद ने कहा "पंजाब के हरी सिंह नल्वा का उच्च कोटि का इतिहास है. उसमें एक गाना है "फड़के गंडासी मारे अर्जन वैली ने"... इस इतिहास को एक गैंगवार में, दो परिवारों की नफरत की लड़ाई में, जिसका बेटा एक पिता के प्यार में मरता हुआ लेकिन इस चीज को भी एनीमल मूवी जस्टीफाई नहीं कर पाई है. जिसके लिए बेटा हॉस्टल में कॉलेज में बिल्डिंग्स में लेकर मारता है जिस पर कोई कानून कुछ नहीं करता है."
अर्जन वैली के उच्च कोटि के इतिहास को गैंगवार में दिखाया: रंजीत रंजन ने कहा कि हरी सिंह नल्वा सिक्ख फौज के कमांडर इन चीफ थे. जिन्होंने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ उनकी बढ़ती हुई सत्ता के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. अर्जन सिंह नलवाउनके बेटे थे. जिन्होंने संयुक्त भारत में पाकिस्तान के गुजरा में कई मुसलमानों को 1947 में बचाने का काम किया था. इस उच्च कोटि के इतिहास को इस फिल्म में गैंगवार में बैकग्राउंड में दिखाया गया जिससे धार्मिक आस्था को चोट पहुंची हैं. सिक्खों के 10वें गुरु गुरुगोविंद सिंह ने जब मुगलों से लड़ाई लड़ी तब दाड़ी फोक सॉंग के साथ अपने सिपाहियों में जोश पैदा करते हैं. लेकिन एनिमल मूवी के साथ ऐसे गानों को दिखाना गलत है. सांसद ने कहा कि सेंसर बोर्ड ऐसी फिल्मों को बढ़ावा कैसे दे रहा है. ऐसी फिल्मों पर रोक लगाना जरूरी है.