रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले सप्ताह भर से केंद्रीय मंत्रियों का दौरा लगातार हो रहा है . केंद्र सरकार के मंत्री प्रदेश के आकांक्षी जिलों में जाकर विकास कार्यों और विभन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं. हालांकि केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को बीजेपी के राजनीतिक फायदे से भी जोड़कर देखा जा रहा है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस दौरे के माध्यम से केंद्रीय मंत्री राज्य सरकार के कामकाज की खामियां ढूंढेंगे. जिसे भाजपा 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान बतौर मुद्दा इस्तेमाल कर सकती है. कुछ जानकार यह भी मान रहे हैं कि बीजेपी नेता अपने दौरे से देश भर में लाभार्थी वोटबैंक तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. बहरहाल केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है .
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केंद्रीय मंत्रियों के दौरे पर क्या है राजनीतिक विश्लेषकों की राय: छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को लेकर ,वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सोनी का कहना है कि बीजेपी शासन काल में भी केंद्रीय मंत्रियों का दौरा ,प्रदेश में होता रहा है . लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के लगभग साढ़े तीन साल बाद मंत्रियों के धुआंधार दौरे के पीछे राजनीतिक निहितार्थ भी हैं. सोनी का कहना है कि, भले ही केंद्रीय मंत्री आकांक्षी जिलों में आ रहे हैं. लेकिन वे वहां जाकर जिलों की खामियां देखेंगे. जिलों में संचालित योजनाओं के कामकाज का फीडबैक भी लेंगे.
छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 2023 के चुनाव में भी उतरना है.इस लिहाज से भी केंद्रीय मंत्री अलग-अलग जिलों में पार्टी की स्थितियों का भी आंकलन करेंगे . वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सोनी मानते हैं कि इस तरह के दौरे, राजनीतिक निहितार्थ के लिए किए जाते हैं. सोनी मानते हैं कि, दौरे में आने वाले केंद्र सरकार के मंत्री, यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि , उनकी पार्टी बीजेपी, की प्रदेश में क्या स्थिति है ? और उनकी पार्टी कहां खड़ी हुई है ? पत्रकार राजकुमार सोनी का कहना है कि मंत्रियों के दौरों के बाद भाजपा नेताओं द्वारा राज्य सरकार के कामकाज की कमियां गिनाई जा सकती है. जिसे बीजेपी आगामी चुनाव में मुद्दे के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है.
मिशन 2023 के लिए बीजेपी हो रही तैयार: छत्तीसगढ़ के राजनीतिक विश्लेषक शशांक शर्मा, केंद्रीय मंत्रियों के प्रदेश में हो रहे दौरे को लेकर कहते हैं कि भारत की संसदीय प्रणाली अपने आप में राजनीतिक व्यवस्था है. राजनीतिक दलों से चुनकर ही केंद्र और राज्य की सरकारें बनती हैं . ऐसे में केंद्र सरकार के मंत्री भी अपने प्रदेश दौरे में राजनीतिक निहितार्थ देखें तो यह कोई गलत बात नहीं है . राजनीतिक प्रेक्षक शशांक शर्मा का कहना है कि, केंद्रीय मंत्रियों के दौरे का, मूल स्वभाव आकांक्षी जिलों के कार्यों की समीक्षा करना है.
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जहां चुनाव, वहां जा रहे केंद्रीय मंत्री: शशांक शर्मा का कहना है कि, केवल छत्तीसगढ़ में ही ,मंत्रियों के दौरे नहीं हो रहे हैं , जहां साल 2023 में विधानसभा चुनाव हैं. बल्कि केंद्रीय मंत्रियों का दौरा उन राज्यों में भी हो रहा है, जहां हाल ही में चुनाव संपन्न हुए हैं. राजनीतिक प्रेक्षक शशांक शर्मा का कहना है कि, देश में जितने भी आकांक्षी जिले हैं, वहां की केंद्र से संचालित तमाम योजनाओं की समीक्षा करने के लिए, मंत्री भेजे जा रहे हैं. शशांक शर्मा मानते हैं कि, केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के पीछे, लाभार्थी वोट बैंक तैयार करने की कोशिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता .
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल , पहले ही कह चुके हैं कि केंद्रीय मंत्रियों के दौरे का उद्देश्य राजनीतिक है . मुख्यमंत्री बघेल का कहना है कि छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्री बीजेपी के लिए राजनीतिक जमीन तलाशने आ रहे हैं . हालांकि सीएम भूपेश बघेल ने कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आकांक्षी जिलों के मानिटरिंग इंडिकेटर्स में कुछ विषयों को जोड़ने का आग्रह किया था.