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स्पंदन अभियान: VIP सुरक्षा में तैनात छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवानों से हुई चर्चा

बीते कुछ दिनों से जवानों की आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं. जिसके मद्देनजर रायपुर में स्पंदन अभियान के तहत वीआईपी सुरक्षा में तैनात छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की बैठक ली गई. बैठक में जवानों को तनावमुक्त रहने के टिप्स दिए गए.

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स्पंदन अभियान के तहत हुई बैठक
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Published : Dec 2, 2020, 8:40 PM IST

रायपुर: नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की खुदकुशी की घटनाएं छत्तीसगढ़ में बढ़े हैं. इस वजह से सूबे के बड़े पुलिस अधिकारी समेत गृह मंत्री भी चिंतित हैं. जवानों के मानिसक तनाव को कम करने के लिए डीजीपी डीएम अवस्थी के निर्देशानुसार स्पंदन अभियान पूरे प्रदेशभर में चलाया जा रहा है. इसके तहत बुधवार को पुलिस लाइन के डीएसपी मणिशंकर चंद्रा ने वीआईपी सुरक्षा के लिए उपलब्ध कराई गई छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के कमांडो की बैठक ली.

रायपुर एसएसपी अजय यादव, एडिशनल एसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल के निर्देशानुसार डीएसपी पुलिस लाइन मणिशंकर चंद्रा ने सशस्त्र बल के कमांडो की बैठक ली. इस बैठक में सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए. साथ ही विभिन्न स्थानों में लगे सुरक्षाकर्मियों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सहज रहने और ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए गए. साथ ही जीवन में तनाव न लेने के संबंध में भी चर्चा की गई.

ये पुलिसकर्मी भी बैठक में रहे मौजूद

बैठक में प्लाटून कमांडर ओम प्रकाश यादव, प्लाटून कमांडर रामलाल जांगड़े, प्लाटून कमांडर उमाशंकर द्विवेदी, प्लाटून कमांडर नरेश सिंह माहौर अपने जवानों के साथ मौजूद थे.

पढ़ें- सुकमा: CAF जवान ने गोली मारकर की खुदकुशी, भिलाई का रहने वाला था जवान

प्रदेश के नक्सल क्षेत्रों में बीते दो दिनों में जवानों की आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं. हाल ही में सुकमा जिले के पुसपाल थाने में तैनात सीएएफ के जवान दिनेश वर्मा ने खुद को गोली मार ली. जवान की मौके पर ही मौत हो गई. थाने में अचानक गोली की आवाज सुनकर हड़कंप मच गया. आसपास के जवान जब बैरक में पहुंचे तो वह खून से लथपथ पड़ा था. दिनेश वर्मा पुसपाल थाने में तैनात था और दुर्ग जिले के भिलाई का रहने वाला था. इसके अलावा बीजापुर में दो पुलिसकर्मियों ने खुदकुशी कर ली थी.

लगातार बढ़ रहें हैं जवानों की खुदकुशी के मामले

  • पिछले साल प्रदेश में 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली थी.
  • छत्तीसगढ़ में ऐसी भी कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें जवानों ने अपनी सर्विस राइफल या पिस्टल का इस्तेमाल दुश्मनों पर नहीं, बल्कि अपने साथियों पर ही किया.
  • राज्य के पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2007 से साल 2019 तक की स्थिति के मुताबिक सुरक्षा बल के 201 जवानों ने आत्महत्या की है.
  • इसमें राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल हैं. वहीं साल 2020 में करीब 6 से ज्यादा जवान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं.

रायपुर: नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की खुदकुशी की घटनाएं छत्तीसगढ़ में बढ़े हैं. इस वजह से सूबे के बड़े पुलिस अधिकारी समेत गृह मंत्री भी चिंतित हैं. जवानों के मानिसक तनाव को कम करने के लिए डीजीपी डीएम अवस्थी के निर्देशानुसार स्पंदन अभियान पूरे प्रदेशभर में चलाया जा रहा है. इसके तहत बुधवार को पुलिस लाइन के डीएसपी मणिशंकर चंद्रा ने वीआईपी सुरक्षा के लिए उपलब्ध कराई गई छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के कमांडो की बैठक ली.

रायपुर एसएसपी अजय यादव, एडिशनल एसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल के निर्देशानुसार डीएसपी पुलिस लाइन मणिशंकर चंद्रा ने सशस्त्र बल के कमांडो की बैठक ली. इस बैठक में सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए. साथ ही विभिन्न स्थानों में लगे सुरक्षाकर्मियों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सहज रहने और ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए गए. साथ ही जीवन में तनाव न लेने के संबंध में भी चर्चा की गई.

ये पुलिसकर्मी भी बैठक में रहे मौजूद

बैठक में प्लाटून कमांडर ओम प्रकाश यादव, प्लाटून कमांडर रामलाल जांगड़े, प्लाटून कमांडर उमाशंकर द्विवेदी, प्लाटून कमांडर नरेश सिंह माहौर अपने जवानों के साथ मौजूद थे.

पढ़ें- सुकमा: CAF जवान ने गोली मारकर की खुदकुशी, भिलाई का रहने वाला था जवान

प्रदेश के नक्सल क्षेत्रों में बीते दो दिनों में जवानों की आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं. हाल ही में सुकमा जिले के पुसपाल थाने में तैनात सीएएफ के जवान दिनेश वर्मा ने खुद को गोली मार ली. जवान की मौके पर ही मौत हो गई. थाने में अचानक गोली की आवाज सुनकर हड़कंप मच गया. आसपास के जवान जब बैरक में पहुंचे तो वह खून से लथपथ पड़ा था. दिनेश वर्मा पुसपाल थाने में तैनात था और दुर्ग जिले के भिलाई का रहने वाला था. इसके अलावा बीजापुर में दो पुलिसकर्मियों ने खुदकुशी कर ली थी.

लगातार बढ़ रहें हैं जवानों की खुदकुशी के मामले

  • पिछले साल प्रदेश में 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली थी.
  • छत्तीसगढ़ में ऐसी भी कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें जवानों ने अपनी सर्विस राइफल या पिस्टल का इस्तेमाल दुश्मनों पर नहीं, बल्कि अपने साथियों पर ही किया.
  • राज्य के पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2007 से साल 2019 तक की स्थिति के मुताबिक सुरक्षा बल के 201 जवानों ने आत्महत्या की है.
  • इसमें राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल हैं. वहीं साल 2020 में करीब 6 से ज्यादा जवान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं.
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