रायपुर: छत्तीसगढ़ ने वायु, जल प्रदूषण, ठोस कचरे के प्रबंधन और वनों के संरक्षण (Chhattisgarh has succeeded in curbing air and water pollution)और संवर्धन की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है. एक प्रतिष्ठित पत्रिका के अनुसार वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर है (Chhattisgarh ranks first in the country in the field of environmental improvement). इस प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य वर्ष 2018 में 17वें, वर्ष 2019 में 6वें तथा वर्ष 2020 में दूसरे पायदान पर रहते हुए वर्ष 2021 में पहले पायदान पर पहुंच चुका है. इसी तरह इंडिया स्टेट ऑफ दी फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार राज्य के वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए कार्यों की यह एक बड़ी उपलब्धि है.
कई खनिज भंडारों से परिपूर्ण है छत्तीसगढ़
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोहा, कोयला, डोलोमाइट जैसे खनिजों से परिपूर्ण है. जिसके कारण राज्य में खनिज आधारित उद्योगों का विस्तार हुआ है. इन उद्योगों की स्थापना से एक ओर जहां क्षेत्र के लोगों की आमदनी में इजाफा हुआ है. वहीं इसके कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और सॉलिड बेस्ट मेनेजमेंट की चुनौतियां भी मिल रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (Chhattisgarh Environment Protection Board) इन समस्याओं और चुनौतियों से निपटने में बेहतर प्रबंधन के साथ आगे बढ़कर काम कर रहा है.
18 वायु गुणवता स्टेशन स्थापित
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वातावरण में वायु की गुणवत्ता जांचने के लिए 18 वायु गुणवत्ता स्टेशन स्थापित (18 air quality stations installed) किए गए हैं. वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित तीन प्रमुख नगर निगमों रायपुर, भिलाई, कोरबा में राष्ट्रीय साफ वायु प्रोग्राम के तहत माइक्रो एक्शन प्लान (micro action plan) तैयार किए गए हैं. हवा में सल्फर की मात्रा 37 प्रतिशत तक कम हो गई है. यह 2016 में 26.02 माइक्रोग्राम थी, जो 2020 में घटकर 16.34 माइक्रोग्राम हो गई. इसी प्रकार दैनिक नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड सकेन्द्रण में भी 17 प्रतिशत की कमी आई है. यह 24.11 माइक्रोग्राम से घटकर 19.88 माइक्रोग्राम रह गई है.
वाटर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत जल प्रदूषण हुआ कम
इसी तरह राज्य सरकार ने वाटर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम (water quality monitoring program) के तहत छत्तीसगढ़ की 7 प्रमुख नदियों (7 major rivers of Chhattisgarh) में पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए 27 स्टेशन स्थापित किए हैं. इनमें 5 प्रमुख नदियों खारून, महानदी, हसदेव, केलो और शिवनाथ का पानी पीने योग्य पाया गया है. इसके अलावा पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए 10 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ की लगभग 28.8 मिलियन आबादी में 6 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं. शहरी क्षेत्रों से लगभग एक हजार 650 टन ठोस कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है. राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में मिशन क्लीन सिटी प्रोग्राम चलाया जा रहा है. अम्बिकापुर में विकेन्द्रीयकृत अपशिष्ठ पृथककरण (Decentralized Waste Segregation at Ambikapur) और रिसायकलिंग मॉडल का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है. बलौदाबाजार जिले में भी हानिकारक कचरों के निपटारे के लिए अलग से सुविधाएं विकसित की गई है. इसी प्रकार बायोमेडिकल कचरे के निपटारे के लिए 4 यूनिट भी प्रस्तावित है. हाल ही में राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को देश के सर्वश्रेष्ठ स्वच्छतम राज्य के रूप में सम्मानित किया है.