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हबीब तनवीर के साथ काम कर चुके कलाकार चैतराम साहू ने ETV भारत से की खास बातचीत

छत्तीसगढ़ के कलाकार चैतराम साहू ने ETV भारत से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने अपनी पूरी दास्तां सुनाई.

कलाकार चैतराम साहू ने ETV भारत से की खास बातचीत
कलाकार चैतराम साहू ने ETV भारत से की खास बातचीत
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Published : Feb 28, 2020, 9:03 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:09 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ अपनी कला और संस्कृति के लिए पहचाना जाता है, लेकिन यहां बहुत से कलाकार ऐसे हैं जिन्हें न उनकी सही जगह मिली और न ही सरकार से उनकी कला के लिए उचित पहचान. हबीब तनवीर के साथ काम कर चुके चैतराम साहू भी उन कलाकारों में शामिल हैं. ETV भारत ने इस पर उनसे खास बातचीत की.

हबीब तनवीर के साथ काम कर चुके कलाकार चैतराम साहू ने ETV भारत से की खास बातचीत

जिसमें चैतराम साहू ने बताया कि 2003 में वह हबीब तनवीर के साथ नाटक में हिस्सा ले चुके हैं, जिसमें उन्होंने नाचा नृत्य प्रस्तुत किया था. चैतराम साहू बताते है कि वे छत्तीसगढ़ के नाचा कलाकार हैं. वे पिछले कई दशकों से अपनी कला का प्रदर्शन पूरे राज्य में दिखा रहे हैं. चैतराम साहू राजनांदगांव के इरा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि 'वे 1 साल तक हबीब तनवीर के साथ नाटक में जुड़े रहे हैं. उसके बाद वह किसी निजी कारण से हबीब तनवीर का ग्रुप छोड़ कर छत्तीसगढ़ में रुक गए. इस दौरान उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने रामा जोशी का ग्रुप ज्वॉइन किया और अभी उनके यहां ही रहते हैं. चैतराम साहू बताते हैं कि 'उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसके लिए उन्होंने सरकार से मदद मांगी, लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली'.

पेंशन योजना के तहत नहीं मिल लाभ

इस संबंध में जब छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी के अध्यक्ष सुभाष मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 'छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ कलाकारों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. गांव खेड़ा में कई कलाकार ऐसे हैं जो कि कई सालों से अपनी कला का प्रदर्शन दिखा रहे हैं, लेकिन अब उम्र के इस पड़ाव में पहुंच कर वह गाने और नाचने की स्थिति में नहीं है और इससे उनकी रोजी-रोटी भी नहीं चल पा रही है. उन कलाकारों को सरकार की पेंशन योजना के तहत कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. इन कलाकारों पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि राज्य की कला को आगे बढ़ाने के पीछे इन्ही कलाकारों का हाथ रहा है.

पेंशन योजना के तहत कलाकारो को दी जाएगी 2000 की राशि

संस्कृति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राहुल सिंह ने बताया कि उनके पास कुल 100 ऐसे कलाकारों की लिस्ट है, जिन्हें सरकार की ओर से पेंशन योजना के तहत दो हजार की राशि प्रतिमाह दी जा रही है'. उन्होंने यह भी बताया कि 'जो कलाकार राज्य स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन दिखा चुके हैं वह आकर उनसे बात करें और एक फॉर्म भरे तो उन्हें भी सरकार की ओर से पेंशन राशि जरूर दी जाएगी और जो कलाकार उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं उनके बारे में वह कुछ नहीं कह सकते'. वहीं राहुल सिंह ने मीडिया के माध्यम से कलाकारों को कहा है कि 'वे उनसे जरूर कांटेक्ट करे, जिससे वे सरकार की तरफ से पेंशन योजना के तहत 2000 की राशि उनतक पहुंचा सकें'.

रायपुर: छत्तीसगढ़ अपनी कला और संस्कृति के लिए पहचाना जाता है, लेकिन यहां बहुत से कलाकार ऐसे हैं जिन्हें न उनकी सही जगह मिली और न ही सरकार से उनकी कला के लिए उचित पहचान. हबीब तनवीर के साथ काम कर चुके चैतराम साहू भी उन कलाकारों में शामिल हैं. ETV भारत ने इस पर उनसे खास बातचीत की.

हबीब तनवीर के साथ काम कर चुके कलाकार चैतराम साहू ने ETV भारत से की खास बातचीत

जिसमें चैतराम साहू ने बताया कि 2003 में वह हबीब तनवीर के साथ नाटक में हिस्सा ले चुके हैं, जिसमें उन्होंने नाचा नृत्य प्रस्तुत किया था. चैतराम साहू बताते है कि वे छत्तीसगढ़ के नाचा कलाकार हैं. वे पिछले कई दशकों से अपनी कला का प्रदर्शन पूरे राज्य में दिखा रहे हैं. चैतराम साहू राजनांदगांव के इरा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि 'वे 1 साल तक हबीब तनवीर के साथ नाटक में जुड़े रहे हैं. उसके बाद वह किसी निजी कारण से हबीब तनवीर का ग्रुप छोड़ कर छत्तीसगढ़ में रुक गए. इस दौरान उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने रामा जोशी का ग्रुप ज्वॉइन किया और अभी उनके यहां ही रहते हैं. चैतराम साहू बताते हैं कि 'उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसके लिए उन्होंने सरकार से मदद मांगी, लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली'.

पेंशन योजना के तहत नहीं मिल लाभ

इस संबंध में जब छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी के अध्यक्ष सुभाष मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 'छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ कलाकारों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. गांव खेड़ा में कई कलाकार ऐसे हैं जो कि कई सालों से अपनी कला का प्रदर्शन दिखा रहे हैं, लेकिन अब उम्र के इस पड़ाव में पहुंच कर वह गाने और नाचने की स्थिति में नहीं है और इससे उनकी रोजी-रोटी भी नहीं चल पा रही है. उन कलाकारों को सरकार की पेंशन योजना के तहत कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. इन कलाकारों पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि राज्य की कला को आगे बढ़ाने के पीछे इन्ही कलाकारों का हाथ रहा है.

पेंशन योजना के तहत कलाकारो को दी जाएगी 2000 की राशि

संस्कृति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राहुल सिंह ने बताया कि उनके पास कुल 100 ऐसे कलाकारों की लिस्ट है, जिन्हें सरकार की ओर से पेंशन योजना के तहत दो हजार की राशि प्रतिमाह दी जा रही है'. उन्होंने यह भी बताया कि 'जो कलाकार राज्य स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन दिखा चुके हैं वह आकर उनसे बात करें और एक फॉर्म भरे तो उन्हें भी सरकार की ओर से पेंशन राशि जरूर दी जाएगी और जो कलाकार उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं उनके बारे में वह कुछ नहीं कह सकते'. वहीं राहुल सिंह ने मीडिया के माध्यम से कलाकारों को कहा है कि 'वे उनसे जरूर कांटेक्ट करे, जिससे वे सरकार की तरफ से पेंशन योजना के तहत 2000 की राशि उनतक पहुंचा सकें'.

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:09 PM IST
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